किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अगुवाई में किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की. इस मुलाकात में राष्ट्रीय कृषि मार्केटिंग की मसौदा नीति पर चर्चा की गई. चढ़ूनी ने कहा कि जो सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किया है, उसको वापस लेने की मांग की है. इस नोटिफिकेशन के तहत प्राइवेट जगह को मंडी माना जाएगा. इसका मतलब सेलर को भी मंडी माना जाएगा और गेहूं मंडी में नहीं जाएगी. इसके चलते आढ़त समाप्त हो जाएगी.
सीएम सैनी से मुलाकात में गुरनाम चढूनी ने कहा कि इन कानून के खिलाफ भी हम लड़े थे. मंडी बंद होती है तो फसल बेचने में होने वाला कॉम्पीटिशन समाप्त हो जाएगा. हैफेड एजेंसी बोली लागाकर फसल खरीदती है. ऐसे में कॉम्पीटिशन खत्म होने के चलते बोली बंद हो जाएगी. कॉम्पीटिशन समाप्त होने के चलते, मंडी के मुनीम, बारदाने वाले, ट्रांसपोर्ट वाले बेरोजगार हो जाएंगे.
गुरनाम चढूनी ने कहा जिसके खिलाफ हम लड़े थे, वहीं कानून वापस लाया जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो किसानों के साथ विश्वासघात होगा. मुख्यमंत्री से मांग की जाएगी कि इसको केंद्र से कहकर रोका जाए. चढूनी ने कहा कि मौजूदा अंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार केंद्र से बात करके हल करे, ये मांग रहेगी. वहीं गन्ने के भाव बढ़ाने की मांग है. गन्ने के खरीद की संख्या बढ़ाई जाए.
चढ़ूनी ने नायब सिंह सैनी से इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग की. इस पर सीएम सैनी ने उनके लिखित सुझाव 10 जनवरी तक मांगे हैं ताकि उसे केंद्र सरकार तक भेजा जा सके.
किसान आंदोलन के तहत दोनों मोर्चों की तरफ से पंजाब बंद के कॉल पर चढूनी ने कहा कि बंद लोगों में जागृति पैदा करने का तरीका होता है और सरकार को संकेत होता है. पंजाब में जो बंद है, उसका हम भी समर्थन पंजाब में कर रहे है. चढ़ूनी ने कहा कि डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया. उनसे सभी विषयों पर अच्छे और सकारात्मक ढंग से बातचीत हुई. हर मांग को मुख्यमंत्री ने सुना और उसका समाधान तय किया. बातचीत के बाद लगा कि सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर है.
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत से चिंतित भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने हरियाणा सरकार से किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने का आग्रह किया. हाल ही में यूनियन नेताओं ने हरियाणा-पंजाब अंतरराज्यीय सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन दिया और डल्लेवाल से मुलाकात भी की, जो आमरण अनशन पर बैठे हैं.
बीकेयू (चढ़ूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ रही है, और हरियाणा सरकार किसानों और केंद्र के बीच मध्यस्थता करके चल रहे आंदोलन को खत्म करवाने में अहम भूमिका निभा सकती है. किसान वास्तविक मुद्दे उठा रहे हैं और सरकार को उनकी मांगें माननी चाहिए.