शंभू बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले किसानों ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर केंद्र सरकार उनसे बातचीत करे तो 36 दिन से आमरण अनशन करने वाले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसी भी तरह की मेडिकल सहायता लेंगे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुधांशु धूलिया की विशेष अवकाश पीठ ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को मेडिकल सहायता देने के निर्देशों का पालन करने के लिए पंजाब सरकार को और समय दिया.
एक छोटी सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल या AG) गुरविंदर सिंह ने बेंच को बताया कि वार्ताकार आंदोलन वाली जगह पर गए थे और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन कराने के लिए प्रयास किए गए थे. लेकिन सोमवार को हुए पंजाब बंद को देखते हुए पंजाब सरकार ने इस विषय में कोर्ट से थोड़ी मोहलत मांगी.
किसान संगठनों की ओर से सोमवार को आयोजित पंजाब बंद को देखते हुए और समय मांगते हुए, एजी ने कहा, "वहां ट्रैफिक बंद था और कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रस्ताव दिया है कि अगर केंद्र उनसे बात करने के लिए तैयार है तो डल्लेवाल मेडिकल सहायता लेंगे." एजी ने कहा, "वार्ताकारों के अनुसार, किसानों ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया है कि अगर उन्हें बातचीत के लिए निमंत्रण मिलता है, तो डल्लेवाल इच्छानुसार मेडिकल सहायता लेने के लिए तैयार हैं."
इस पर बेंच ने कहा, "हमें इससे कोई सरोकार नहीं है, हमें केवल निर्देश के पालन से सरोकार है, जो कुछ भी चल रहा है, हम उस पर टिप्पणी नहीं कर सकते." इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी मुकर्रर कर दी. कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को वर्चुअली मौजूद रहने का निर्देश दिया.
इस निर्देश के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "पंजाब राज्य के अधिकारियों की ओर से एक आवेदन दिया गया है, जिसमें रिजल्ट पाने के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगा गया है. एजी ने इस आवेदन का समर्थन करते हुए कुछ अतिरिक्त मौखिक बातें बताई हैं. परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए, हम न्यायालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुपालन के लिए कुछ और समय देने के अनुरोध को स्वीकार करते हैं."
आज सुप्रीम कोर्ट मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ डल्लेवाल को मेडिकल सहायता देने के अदालती आदेश का पालन न करने के लिए अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था. शीर्ष अदालत पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच शंभू बॉर्डर को खोलने के पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देश के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर भी सुनवाई कर रही है.