किसान आंदोलन को 12 फरवरी को एक साल पूरे हो चुके हैं. पिछले साल 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के कारण आंदाेलन में नई जान आई है और आज उनके आमरण अनशन का 85वां दिन है. वह दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर अनशन कर रहे हैं. उनके अनशन के बाद केंद्र के साथ एक बार फिर बातचीत शुरू हो गई है. इस बीच अब दोनों आंदोलनकारी मोर्चों संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को एकता के लिए 27 फरवरी को बैठक के लिए आंमत्रित किया है.
दोनों मोर्चों ने SKM के प्रतिनिधिमंडल से पत्र लिखकर 27 फरवरी को बैठक में शाामिल होने का आग्रह किया है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने प्रेस रिलीज के माध्यम से भी चिट्ठी जारी की है. दोनों मोर्चों ने कहा है कि 21 फरवरी को शुभकरण सिंह की पहली बरसी पर बल्लोह गांव (बठिंडा) और तीनों मोर्चों समेत देशभर में अनेकों स्थानों पर श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी. इसे लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं.
आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसानों की सम्पूर्ण एकता के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) को चिट्ठी लिखी, जिसमें 27 फरवरी को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ के किसान भवन में मीटिंग तय की गई है. दोनों मोर्चों ने SKM को चिट्ठी में लिखा है- हमें आशा है कि आपका प्रतिनिधिमंडल जनहित के लिए मीटिंग में जरूर शामिल होगा.
साथ ही दोनों मोर्चों ने यह भी कहा है कि अगर उसी समय सरकार कोई मीटिंग रखती है तो तीनों मोर्चे मीटिंग की तारीख बदलने पर सहमत होंगे. हालांकि, अभी बैठक में शामिल होने को लेकर SKM की ओर से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन SKM ने 12 तारीख को जल्द SKM-NP से बातचीत करने की बात कही थी. ऐसे में माना जा रहा है कि तीनों मोर्चों की संपूर्ण एकता को लेकर बात बन सकती है.
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने जनवरी में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा को एकता के लिए आंमत्रित किया, जिसके बाद से तीनों मोर्चों के बीच दो बार की बैठकें हो चुकी हैं. इससे पहले तीसरे दौर की बैठक में शामिल होने से संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने इंकार कर दिया था, क्याेंकि वे 12 फरवरी को पहले से खनौरी पर तय किसान महापंचायत में व्यस्त थे. इसलिए बैठक में सिर्फ किसान मजदूर मोर्चा ही शामिल हुआ था और बात थोड़ी और आगे बढ़ी थी. अब तीनों मोर्चों की बैठक 27 फरवरी को होगी, जिसमें संभव है कि संपूर्ण एकता को लेकर सबकुछ फाइनल हो जाएगा, ताकि वे सभी केंद्र सरकार पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर दबाव बना सकें.
हालांकि, इसके पहले 22 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा केंद्र के साथ बातचीत में शामिल होंगे. सरकार की ओर से इस बैठक का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे, जिसमें दो अन्य केंद्रीय मंत्री भी शामिल रहेंगे. किसान नेताओं को उम्मीद है कि इस मीटिंग में काफी चीजों पर सहमति बन जाएगी. साथ ही किसान नेताओं ने अभी 25 फरवरी को दिल्ली मार्च की योजना भी बना रखी है, जिस पर केंद्र से होने वाली 22 फरवरी की मीटिंग के बाद इसे जारी रखने या नहीं रखने पर विचार होगा.