दिन बीते, महीने बीते और बीत गया पूरा साल, लेकिन आंदोलन पर बैठे किसानों का वही का वही हाल. किसान आंदोलन 2.0 को पूरा एक साल हो गया है और किसान शंभू व खनौरी बॉर्डरों पर डटे हुए हैं. सरकार के साथ एक नहीं, दो नहीं बल्कि पांच बार की बातचीत हो चुकी है, मगर केंद्र सरकार की ओर से इन बैठकों में शामिल होने वाले हेवी-वेट नेता किसानों की मांग पर सहमति नहीं बना सके हैं. किसानों के साथ सरकार की हर बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकलता, बल्कि निकलती है तो अगले राउंड की बातचीत की तारीख. ऐसी ही एक बैठक 14 फरवरी 2025 को हुई थी और इससे भी निष्कर्ष नहीं बल्कि एक और राउंड की बातचीत की तारीख निकली. तारीख आई 22 फरवरी 2025. अब किसानों ने भी सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर 22 फरवरी को सरकार से बातचीत नहीं बनी तो किसान 25 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे.
दरअसल, किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) पिछले एक साल से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत हैं. इतना ही नहीं किसान नेता जगजीत डल्लेवाल करीब 85 दिनों से आमरण अनशन पर भी बैठे हुए हैं. अपनी मांगों को मनवाने के लिए किसानों ने दिल्ली कूच करने के लिए ये पहला अल्टीमेटम नहीं दिया है, बल्कि इससे पहले भी किसान पांच बार दिल्ली कूच की कोशिश कर चुके हैं लेकिन हर बार हरियाणा पुलिस के आगे नाकाम रह जाते हैं. हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस और फोर्स का इस्तेमाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ती और यही वजह है कि किसानों का रोष सरकार के खिलाफ बढ़ता ही जा रहा है.
दिल्ली कूच की टाइमलाइन-
22 फरवरी को सरकार से बातचीत से पहले आंदोलनकारी किसान 21 फरवरी को आंदोलन में मारे गए शुभकरण सिंह की पहली शहीदी बरसी मनाएंगे. किसानों का प्लान है कि बठिंडा के बल्लोह गांव में शुभकरण सिंह के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद 22 फरवरी को सरकार के साथ छठे राउंड की बातचीत होगी.
ये बात किसानों के दूसरी बार दिल्ली कूच 21 फरवरी, 2024 की थी जब बॉर्डरों से किसान रवाना हुए. दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचते ही पुलिस बल अपनी पूरी तैयारी के साथ खड़ी थी और किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और फायरिंग तक की गई. किसानों का दावा है कि हरियाणा पुलिस की फायरिंग में किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. शुभकरण की मौत के बाद आंदलोनकारी किसान और भी नाराज हो गए. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो अदालत ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बना दी.
आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच 22 फरवरी को छठे राउंड की बातचीत होनी है. इससे पहले केंद्र के साथ किसान पांच राउंड की वार्ता कर चुके हैं जो हासिल-ए-शून्य रही. इन बैठकों में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जैसे बड़े नेता अलग-अलग वार्ताओं में शामिल हुए मगर फिर भी कोई हल नहीं निकाल पाए.
केंद्र से बातचीत की टाइमलाइन-
पांच राउंड की असफल बातचीत के बाद किसानों की अब 22 फरवरी को सरकार के साथ छठे राउंड की वार्ता है. ऐसा माना जा रहा है कि इस बार केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस वार्ता में शामिल होंगे. यही वजह है कि इस बार की बातचीत से आंदोलनकारी किसानों को बहुत ज्यादा उम्मीद है. लेकिन अगर 22 फरवरी की इस वार्ता में दोनों पक्षों के बीच बात नहीं बनी तो फिर 25 फरवरी को किसान दिल्ली कूच करेंगे. 'इंडिया टुडे' से बात करते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि अगर वार्ता नाकाम रही तो हम 25 फरवरी को 101 किसानों का जत्था दिल्ली भेजेंगे.
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