एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर 13 फरवरी से आंदोलित किसानों ने आज 3 मार्च को अपनी बैठक के बाद ऐलान किया है कि वह दिल्ली जाकर ही रहेंगे. किसान नेताओं ने कहा है कि वह पीछे नहीं हटेंगे. देशभर के किसानों से अपील की है कि वह ट्रेन, बस और हवाई मार्ग से आंदोलन स्थलों पर पहुंचें. इसके अलावा 10 मार्च को ट्रेनों का चक्का जाम करने के लिए रेल रोको विरोध-प्रदर्शन की घोषणा भी की है. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से बैठक में कहा गया कि चाहे आचार संहिता लगे या चुनाव हो, मांगों का ठोस समाधान होने तक आंदोलन जारी रहेगा.
किसान आंदोलन में मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के घर दोपहर में श्रद्धांजलि और भोज कार्यक्रम किया गया. इसके बाद पंजाब मजदूर संघर्ष समिति और भाकियू सिद्दूपुर समेत अन्य किसान संगठनों की बैठक हुई. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि बैठक में सरकार को घुटनों के बल लाने के लिए किसानों ने रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि आंदोलन को मजबूती देने के लिए बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमारा दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम जस का तस है, हम उससे पीछे नहीं हटे हैं. तय हुआ है कि हम बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ाएंगे. 6 मार्च को किसान पूरे देश से ट्रेन, बस, हवाई मार्ग से दिल्ली के लिए कूच करेंगे और हम देखेंगे कि सरकार उन्हें वहां बैठने की इजाजत देगी या नहीं.
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि 10 मार्च को हम 12 बजे से 4 बजे तक देशभर में ट्रेनों का चक्का जाम करने के लिए 'रेल रोको' विरोध-प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि तब तक सभी किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे रहेंगे. उन्होंने कहा कि हम देशभर के किसानों की मांगों को लेकर फिर से आंदोलन कर रहे हैं. हम सबकी जिम्मेदारी है कि आंदोलन का हिस्सा बनें और अपनी-अपनी भागीदारी दर्ज करें.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक में कहा गया कि भाजपा ने लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को लखीमपुर खीरी से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर सजा से मुक्त घोषित किया है. हम उसकी निंदा करते हैं व देश इसे देख रहा है और देश मोदी सरकार को कभी माफ नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को भी अपनी अंतरात्मा को जगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के इशारे पर कुछ लोग यह साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि यह आंदोलन कुछ संगठनों का है, जबकि यह एसकेएम (गैरराजनीतिक) और केएमएम देश के 200 से अधिक संगठनों का देशव्यापी आंदोलन है. उन्होंने कहा कि भाजपा का आईटी सेल अपने दुष्प्रचार के जरिये आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.
इससे पहले सुबह किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने खुद दिल्ली और पंजाब हरियाणा सीमा के पास बैरिकेडिंग करके सड़कों को ब्लॉक किया है. हमने सड़कें अवरुद्ध नहीं की हैं और देश के 140 करोड़ लोगों ने इसे देखा है. उन्होंने कहा सरकार किसानों की मांग पर ध्यान नहीं दे रही है उसका ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने पर है. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है.