किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा सरकार सहित केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शंभू बॉर्डर पर आंदोलन को 302 दिन पूरे हो चुके हैं. मोदी सरकार की नीति ऐसी है कि सरकार उलझन में है कि उनका फैसला क्या है. आज खट्टर ने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक रहा. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने के कई रास्ते हैं. जबकि सरकार और अधिकारियों का कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है. पंधेर ने कहा कि किसान कल मार्च नहीं करेंगे और इसके बारे में फाइनल फैसला जगजीत सिंह दल्लेवाल से मिलने के बाद लिया जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसानों के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार खुद कन्फ्यूज है. केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि किसानों को दिल्ली जाने से किसी ने नहीं रोका है. जबकि, बीते शुक्रवार को किसानों पर बल प्रयोग किया गया. पंढेर ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी हरियाणा आ रहे हैं तो वह किसानों के सवालों के जवाब खुद देकर जाएं. इसके साथ ही हरियाणा सरकार उन 24 फसलों का डाटा जारी करे जिन्हें एमएसपी पर खरीदने का दावा किया गया है.
पंढेर और अन्य किसान नेता आज शाम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. उससे पहले उन्होंने कहा, रवनीत बिट्टू कहते हैं कि पैदल आइए. अनिल विज कहते हैं कि अलग-अलग. तो कुल मिलाकर भारत सरकार उलझन में है. बीजेपी नेतृत्व के बयान एक-दूसरे से अलग-अलग हैं. हमारे साथ दुश्मन देश के लोगों जैसा व्यवहार किया जा रहा है.
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पंढेर ने कहा, हमने कहा कि हम पैदल जाएंगे और पीएम के दौरे से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. अब हम खनौरी बॉर्डर जा रहे हैं - मोर्चा की स्थिति और 14 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की हालत देखिए. किसान कल मार्च नहीं करेंगे, डल्लेवाल के साथ बैठक के बाद इस बारे में अंतिम फैसला होगा.
पंढेर ने 'आजतक' से कहा, हम आज खनौरी में बैठक करेंगे लेकिन एक बात पक्की है कि अब हम कल दिल्ली की ओर कूच नहीं करेंगे. हम सरकार से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि हरियाणा प्रशासन ने हमसे समय मांगा है. खट्टर का बयान बचकाना है क्योंकि यह स्पष्ट है कि हरियाणा पुलिस हमें सीमा पार करने से रोक रही है. हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे. बीजेपी नेताओं के अलग-अलग रुख हैं.
इससे एक दिन पहले रविवार को आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली की ओर अपना पैदल मार्च रोक दिया, क्योंकि हरियाणा पुलिस के जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे जिससे उनमें से कुछ घायल हो गए. हरियाणा पुलिस के सुरक्षाकर्मियों ने किसानों को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पार करने के एक और प्रयास को नाकाम कर दिया. किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार को आगे की कार्रवाई तय करेंगे.
रविवार दोपहर 101 किसानों के एक समूह ने पैदल मार्च फिर से शुरू किया, लेकिन शंभू बॉर्डर पर लगाए गए कई लेयर की बैरिकेड ने उन्हें रोक दिया. सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को चाय और बिस्कुट देकर और उन पर फूलों की पंखुड़ियाँ बरसाकर सबको चौंका दिया.
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शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों ने आंसू गैस के गोले लगने से कुछ लोगों के घायल होने के बाद अपना मार्च रोक दिया था और किसान नेताओं ने हरियाणा पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया था. रविवार शाम को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रशासन प्रदर्शनकारी किसानों से अपनी पहचान बताने की अपील करता रहा, लेकिन किसान समूह में कुछ "आक्रामक लोग" थे, जिन्होंने बार-बार रस्सियों और लोहे के हुक का इस्तेमाल करके पुलिस बैरिकेड्स को गिराने की कोशिश की, जबकि कोई भी जिम्मेदार किसान नेता नजर नहीं आया.