दिल्ली की जहरीली हवा को लेकर मंगलवार को सियासी जंग तेज हो गई, जब बीजेपी नेता और दिल्ली मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए “जानबूझकर” मजबूर करने का आरोप लगाया. उनका यह बयान दिल्ली AAP अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज के उसी दिन की गई आलोचनाओं के बाद आया, जिसमें उन्होंने सरकार पर दिवाली के बाद प्रदूषण नियंत्रण के लिए कृत्रिम बारिश का वादा पूरा न करने का आरोप लगाया था.
AAP के सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, “सरकार झूठ बोलती है. उन्होंने कहा था कि दिवाली के बाद कृत्रिम बारिश कर प्रदूषण नियंत्रित किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. अगर कर सकते थे तो क्यों नहीं किया? क्या सरकार चाहती है कि लोग बीमार पड़ें?” उन्होंने निजी अस्पतालों के साथ सरकार के गठजोड़ की भी बात कही.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने AAP और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि AAP नेता पंजाब के किसानों को पराली जलाने के लिए मजबूर कर रहे हैं ताकि दिल्ली की हवा खराब हो. उन्होंने कहा, “मैं दिखाना चाहता हूं कि कैसे AAP किसानों को मास्क लगाकर पराली जलाने को मजबूर कर रही है. किसान तो पराली जलाना नहीं चाहते, लेकिन उन्हें कहा गया है.”
सिरसा ने केजरीवाल पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि “पंजाब के किसानों को दस साल से गालियां देने वाले केजरीवाल अब उन्हें प्रदूषण का दोषी ठहरा रहे हैं.”
AAP के सौरभ भारद्वाज ने सिरसा के पराली जलाने के आरोप को झूठा बताया और कहा, “एक अनपढ़ व्यक्ति यह कह रहा है कि पंजाब में पराली जलाने से दिल्ली का प्रदूषण बढ़ा. पंजाब का AQI अभी भी 156 है जो मध्यम स्तर है.”
सिरसा ने AAP पर हिंदू विश्वासों और दिवाली का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि “ये लोग दिवाली को बदनाम करना चाहते हैं और औरंगजेब जैसा व्यवहार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया ताकि एक खास समुदाय खुश हो और उनकी टीम दिवाली को बुराई की नजर से देख रही है.
सिरसा ने पिछले तीन वर्षों के AQI आंकड़े साझा करते हुए कहा कि इस साल दिवाली के बाद प्रदूषण में वृद्धि न्यूनतम रही. 2023 में AQI 83 अंक बढ़ा, 2024 में 32 अंक जबकि इस साल केवल 11 अंक. उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि पटाखे प्रदूषण के प्रमुख कारण नहीं हैं.
सिरसा ने कहा कि उनकी सरकार ने 27 लाख मीट्रिक टन कूड़ा साफ किया, कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट फिर से चालू किए और हजारों इलेक्ट्रिक बसें चलाईं, जिससे दिल्ली की हवा और पर्यावरण बेहतर हो रहा है.