
हरियाणा में किसानों पर कृषि कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. विधानसभा में दी गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, राज्य में 25 लाख से अधिक किसानों पर 60,816 करोड़ रुपये का कृषि लोन बकाया है. यह जानकारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सदन में एक लिखित जवाब के माध्यम से दी. यह सवाल इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक अर्जुन चौटाला ने उठाया था. उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि जुलाई 2025 तक राज्य में कितने किसानों पर कृषि ऋण बकाया है और कुल कर्ज की राशि कितनी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि जो छोटे और सीमांत किसान अपने कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सरकार ने कोई राहत योजना बनाई है या नहीं?
इस पर मुख्यमंत्री ने लिखित में जानकारी देते हुए बताया कि 30 सितंबर 2025 तक हरियाणा में कुल 25,67,467 किसानों पर 60,816 करोड़ रुपये का कृषि लोन बकाया है. जिला स्तर पर देखें तो सिरसा जिले में किसानों पर सबसे अधिक 6,360 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसके बाद हिसार में 5,934 करोड़ रुपये, करनाल में 4,673 करोड़ रुपये, जींद में 4,073 करोड़ रुपये और कैथल में 4,003 करोड़ रुपये का कृषि लोन बकाया दर्ज किया गया है.
मुख्यमंत्री ने सदन में यह भी बताया कि सहकारी बैंक किसानों को उनकी भूमि जोत के आधार पर 1.50 लाख रुपये तक का फसल लोन उपलब्ध कराते हैं. समय पर कर्ज चुकाने पर किसानों को यह लोन प्रभावी रूप से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर मिलता है. इसके लिए केंद्र सरकार 3 प्रतिशत और राज्य सरकार 4 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी देती है. सरकार का दावा है कि इस व्यवस्था से किसानों को सस्ती दर पर कृषि लोन मिल रहा है.
इसके अलावा, राज्य सरकार ने डिफॉल्टर किसानों को राहत देने के लिए वन टाइम सेटलमेंट यानी OTS योजनाएं भी लागू की हैं. वर्ष 2019 की OTS योजना के तहत 3,08,302 किसानों को लाभ मिला, जिसमें 1,348.40 करोड़ रुपये तक की राहत दी गई. वहीं, 2022 की OTS योजना के अंतर्गत 17,847 किसानों को 66.01 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की गई.
इन योजनाओं के तहत ब्याज और पेनाल्टी के तौर पर लगे ब्याज को माफ किया गया. सरकार ने सदन को यह भी बताया कि OTS योजना को अब 31 मार्च 2026 तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे ऐसे किसानों को एक और मौका मिलेगा, जो अब तक अपने कृषि लोन का निपटान नहीं कर पाए हैं. (पीटीआई)