एक साल से आंदोलनरत किसान मोर्चों संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) की आज केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ आज चंडीगढ़ में मीटिंग है. इस मीटिंग में दोनों किसान मोर्चों से जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंंह पंढेर समेत 28 सदस्य शामिल होंगे, जहां एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 12 मांगों को लेकर चर्चा कर समाधान निकाला जाएगा. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार को बैठक के लिए अभी तक कोई औपचारिक या अनौपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है. हालांकि, अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता है, तो वे बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि वे बैठक में किसानों के मुद्दों को हल करने की दिशा में केंद्र को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे. पंढेर ने शंभू बॉर्डर पॉइंट पर मीडिया से बात की, जहां चल रहे आंदोलन के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किसान महापंचायत आयोजित की गई थी. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा जारी संयुक्त बयान में गुरुवार शाम कहा गया कि दोनों मंचों का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल केंद्र के साथ बैठक में भाग लेगा. अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि वह भी बैठक में शामिल होंगे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह स्वास्थ्य कारणों से इसमें शामिल नहीं होंगे, लेकिन आखिरी फैसला महापंचायत में किसानों से राय लेकर ही करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने वाले प्रमुख किसान नेताओं में सरवन सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा, सुखजीत सिंह, पीआर पांडियन, अरुण सिन्हा, लखविंदर सिंह, जसविंदर लोंगोवाल, एमएस राय, नंद कुमार, बलवंत सिंह बेहरामके और इंद्रजीत सिंह कोटबुढ़ा शामिल हैं.
18 जनवरी को संयुक्त सचिव प्रिय रंजन के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के प्रतिनिधियों को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए बैठक के लिए आमंत्रित किया था. पिछले महीने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम को संबोधित पत्र में कहा गया था कि किसान यूनियनों की मांगों के संबंध में भारत सरकार और पंजाब सरकार के मंत्रियों के साथ 14 फरवरी को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब (एमजीएसआईपीए) में बैठक बुलाई गई है.
पत्र में कहा गया था कि यह पिछले साल किसानों के प्रतिनिधियों के साथ हुई पिछली बैठक का ही एक हिस्सा है. बैठक के निमंत्रण के बाद डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता लेने पर सहमति जताई थी, लेकिन उन्होंने अपना आमरण अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया था.
पिछले साल 8, 12, 15 और 18 फरवरी को केंद्रीय मंत्रियों और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच चार दौर की बैठकें हुई थीं, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी. पिछले साल 18 फरवरी को तीन केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के पैनल ने किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी. किसानों ने पांच साल तक सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर दाल, मक्का और कपास की फसल खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. (पीटीआई)