Karnataka Farmers: आखिरकार हुई किसानों की जीत! कर्नाटक में 13 गांवों को मिला स्पेशल एग्री जोन का दर्जा 

Karnataka Farmers: आखिरकार हुई किसानों की जीत! कर्नाटक में 13 गांवों को मिला स्पेशल एग्री जोन का दर्जा 

कर्नाटक सरकार ने एयरोस्पेस पार्क के लिए पहलेआईडेंटीफाई की गई जमीन को लेकर किसानों और राज्य सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद, देवनहल्ली तालुक के 13 गांवों में 1,777 एकड़ भूमि को परमानेंट स्पेशल एग्रीकल्चरल जोन घोषित किया है. सरकार ने साफ किया है कि किसानों पर जमीन पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.

Karnataka Farmers Karnataka Farmers
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Dec 10, 2025,
  • Updated Dec 10, 2025, 10:16 AM IST

कर्नाटक सरकार ने एयरोस्पेस पार्क के लिए पहलेआईडेंटीफाई की गई जमीन को लेकर किसानों और राज्य सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद, देवनहल्ली तालुक के 13 गांवों में 1,777 एकड़ भूमि को परमानेंट स्पेशल एग्रीकल्चरल जोन घोषित किया है. सरकार ने साफ किया है कि किसानों पर जमीन पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इसके साथ ही सरकार ने हाल की उन अटकलों को खारिज कर दिया है जिसमें यह कहा गया था कि किसानों अब अपनी जमीन नहीं बेच सकते हैं. 

सरकार ने वापस लिया प्रोजेक्‍ट 

कर्नाटक सरकार ने कहा कि अब यह प्रोजेक्‍ट वापस ले लिया गया है तो इस कदम का मकसद कृषि भूमि की सुरक्षा करना और खेती आधारित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा, बाजार तक पहुंच और नीतिगत समर्थन उपलब्ध कराना है. इस बारे में सफाई देते हुए इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट के मुखिया सचिव डॉक्‍टर एस. सेल्वकुमार ने किसानों से अपील की कि वो अफवाहों, भ्रम या झूठी बयानबाजी में न फंसें. 

सफाई देने पर मजबूर हुई सरकार 

डॉक्‍टर सेल्वकुमार की यह सफाई उन रिपोर्ट्स के बाद आई है जिसमें यह दावा किया गया था कि किसानों के अपनी जमीन बेचने के अधिकारों में कटौती की गई है. उन्होंने कहा, 'इन 13 गांवों के किसानों ने खेती जारी रखने की इच्छा जताई थी. सरकार ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और अपनी प्रतिबद्धता निभाई. यह कहना कि इस फैसले से किसानों को कोई कठिनाई होगी, पूरी तरह गलत है. हमारा मकसद रियल एस्टेट डेवलपर्स को खेती की जमीन का गलत प्रयोग करने और किसानों का शोषण करने से रोकना है. हमने किसानों की आजादी या जमीन बेचने के उनके अधिकार को खत्म नहीं किया है.'

और किन राज्‍यों में हैं ऐसे जोन 

इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भूमि को डिनोटिफाई कर उसे कृषि के लिए बनाए रखने का फैसला लिया गया था. ये जमीन पहले से ही ग्रीन जोन के तहत क्‍लासीफाइड की गई थी. सरकार का मकसद इंडस्‍ट्रीयल डेवलपमेंट के साथ-साथ खेती को भी आगे बढ़ाना है. तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और महाराष्‍ट्र जैसे राज्यों में, साथ ही विदेशों में भी, इसी तरह के 'स्‍पेशल एग्री जोन' पहले से मौजूद हैं. इन क्षेत्रों में किसानों को मिलने वाले फायदों पर स्‍टडी करने के लिए जल्द ही एक समिति गठित की जाएगी.

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!