Fact of the Day: भारत की सबसे लंबी सिंचाई नहर से रेगिस्‍तान में लहराती हैं फसलें, इतने लाख एकड़ में होती है खेती

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Fact of the Day: भारत की सबसे लंबी सिंचाई नहर से रेगिस्‍तान में लहराती हैं फसलें, इतने लाख एकड़ में होती है खेती

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अगर सही जगह से सही मात्रा में पानी पहुंच जाए तो रेगिस्‍तानी जमीन भी सोना उगल सकती है. भारत में इसका सबसे बड़ा उदाहरण है- इंदिरा गांधी नहर परियोजना. यह नहर राजस्थान में है और इसे दुनिया की सबसे लंबी सिंचाई नहरों में से एक माना जाता है. इसकी कुल लंबाई करीब 650 किलोमीटर है. 
 

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पहले इसे राजस्थान नहर कहा जाता था. बाद में राजस्थान नहर का नाम बदलकर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया. इस नहर का मकसद थार रेगिस्तान के सूखे इलाके में पानी पहुंचाना है. दरअसल, नहर बनने से पहले राजस्थान के कई हिस्सों में खेती करना बहुत मुश्किल था, क्‍याेंकि यहां बहुत कम बारिश होती थी और जमीन बंजर पड़ी रहती थी. इंदिरा गांधी नहर आने के बाद हालात धीरे-धीरे बदलने लगे.
 

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इंदिरा गांधी नहर केवल राजस्थान में ही है. यह नहर किसी दूसरे राज्य से होकर नहीं गुजरती. लेकिन, इसमें जो पानी आता है, वह दूसरे राज्‍यों की नदियों- सतलुज और ब्यास से आता है. सतलुज और ब्यास नदियां हिमालय से निकलती हैं और ये नदियां हिमाचल प्रदेश और पंजाब से होकर बहती हैं. इन नदियों के पानी को पहले भाखड़ा-नांगल बांध में रोका जाता है. इसके बाद हरिके बैराज से पानी को नहरों के जरिये राजस्थान भेजा जाता है. इसी पानी से इंदिरा गांधी नहर चलती है.
 

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किन जिलों को मिलता है नहर का पानी?

इंदिरा गांधी नहर राजस्थान के उत्तर और पश्चिमी हिस्सों में फैली है. इससे कई जिलों- श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर बाड़मेर को सीधा फायदा मिलता है. इन जिलों में नहर के कारण खेती को बढ़ावा मिला है और गांव बसे हैं. इससे लोगों को आज‍ीविका-रोजगार भी मिला है.
 

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इंदिरा गांधी नहर से करीब 35 से 40 लाख एकड़ भूमि में सिंचाई होती है. इस पानी से गेहूं, सरसों, कपास, चना और धान जैसी फसलें उगाई जाती हैं. पहले जो जमीन रेगिस्तान थी, आज वहां हरे-भरे खेत नजर आते हैं.
 

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हनुमानगढ़ जिला इस नहर परियोजना का बहुत अहम हिस्सा है. नहर के पानी से यहां की जमीन बेहद उपजाऊ हो गई है. टिब्बी इलाका अच्छी पैदावार के लिए जाना जाता है. इन्हीं वजहों से टिब्बी क्षेत्र में इथेनॉल फैक्ट्री लगाने का विरोध हो रहा है. किसानों का कहना है कि यह इलाका खेती के लिए बहुत जरूरी है. 

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यहां की जमीन नहर के पानी से उपजाऊ बनी है. अगर फैक्ट्री लगी तो खेती की जमीन कम हो जाएगी. किसान मांग कर रहे हैं कि फैक्ट्री को किसी ऐसे इलाके में लगाया जाए, जहां खेती कम होती हो या जमीन बंजर हो. इंदिरा गांधी नहर से राजस्‍था के कई जिलों में सिर्फ खेती ही नहीं होती, बल्कि गांवों और कस्बों को पीने का पानी मिलता है. इससे पशुपालन को बढ़ावा मिला है और रेगिस्तानी इलाकों में हरियाली भी बढ़ी है.
 

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