खेती-किसानी में ट्रैक्टर का इस्तेमाल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. जुताई, बुवाई, सिंचाई, और ढुलाई- हर काम के लिए ट्रैक्टर जरूरी हो गया है. लेकिन अगर ट्रैक्टर डीजल ज्यादा पीने लगे, तो किसान का मुनाफा घटने लगता है.
आज के समय में डीजल की कीमत बहुत ज्यादा है, ऐसे में जरूरी है कि ट्रैक्टर को इस तरह चलाया जाए कि वह कम डीजल में ज्यादा काम करे. आइए जानते हैं कुछ आसान तरीके, जिनसे ट्रैक्टर की माइलेज बढ़ाई जा सकती है.
ट्रैक्टर की समय-समय पर देखभाल है जरूरी: अगर समय पर सर्विसिंग न करवाई जाए, तो इंजन की क्षमता घट जाती है और डीजल ज़्यादा खर्च होता है. हर 250 घंटे के बाद इंजन ऑयल, फिल्टर वगैरह बदलवाना जरूरी है.
काम के अनुसार गियर का करें चुनाव: गियर का सही इस्तेमाल ट्रैक्टर की माइलेज बढ़ाने में बड़ा रोल निभाता है. अगर हल्का काम है तो भारी गियर में ट्रैक्टर ना चलाएं. वहीं, अगर भारी काम में हल्का गियर लगाया जाए, तो भी इंजन पर दबाव पड़ेगा. इसलिए किस काम में कौन-सा गियर उपयुक्त है ये समझें.
बेवजह इंजन चालू न रखें: कई बार खेत में थोड़ी देर रुकने पर किसान ट्रैक्टर का इंजन बंद नहीं करते. लेकिन यह आदत डीजल की बर्बादी का कारण बनती है. अगर 5 मिनट से ज़्यादा रुकना है, तो इंजन बंद कर देना चाहिए. इससे ईंधन की बचत होती है.
शुद्ध और अच्छे डीजल का करें इस्तेमाल: कभी-कभी सस्ता डीजल खरीदने के चक्कर में किसान मिलावटी डीजल भरवा लेते हैं, जो ट्रैक्टर की सेहत के लिए खराब होता है. इससे इंजन जल्दी खराब होता है. इसलिए हमेशा किसी भरोसेमंद और लाइसेंस प्राप्त डीजल पंप से ही ईंधन भरवाएं.
टायर का दबाव सही रखें: अक्सर खेत में काम करते समय किसान टायर की हवा चेक नहीं करते, लेकिन यही छोटी सी बात डीजल की खपत बढ़ सकती है. अगर टायर में हवा कम या ज्यादा हो, तो ट्रैक्टर को चलाने में ज्यादा ताकत लगती है और इंजन पर जोर पड़ता है.