शलजम खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है. कई बार हम बाजार में इसे ढूंढते रहते हैं. अगर आपको शलजम पसंद है, तो अब बाजार जाने की जरूरत नहीं. आप इसे अपने घर में गमले में आसानी से उगा सकते हैं. शलजम ठंड के मौसम की फसल है, इसलिए यह समय इसे उगाने के लिए सबसे अच्छा है.
शलजम को आप छत, बालकनी या घर के पीछे छोटे से बगीचे में उगा सकते हैं. रांची के गार्डनिंग एक्सपर्ट प्रभात कुमार बताते हैं कि इसके लिए गमला, ग्रो बैग या थर्माकोल का डिब्बा भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बस गमला गहरा होना चाहिए ताकि शलजम अच्छी तरह बढ़ सके.
शलजम के लिए कम से कम 8 से 10 इंच गहरा गमला लें. मिट्टी बहुत सख्त नहीं होनी चाहिए. मिट्टी तैयार करने के लिए 40 प्रतिशत बाग की मिट्टी, 30 प्रतिशत गोबर की खाद या वर्मीकंपोस्ट और 30 प्रतिशत रेत मिलाएं. मिट्टी में नमी होनी चाहिए, लेकिन पानी जमा नहीं होना चाहिए.
गमले में मिट्टी भरने के बाद शलजम के बीज 1 से 1.5 सेंटीमीटर गहराई में बो दें. ऊपर से हल्का पानी डालें. गमले को ऐसी जगह रखें जहां रोज 4–5 घंटे धूप मिलती हो. बीज 4 से 6 दिन में छोटे पौधे बन जाते हैं.
हर 10-12 दिन में गोबर की खाद का पतला घोल पौधों में डालें. जब पौधे बड़े होने लगें, तो पास-पास उगे पौधों को हटा दें. इससे शलजम की जड़ को फैलने की जगह मिलेगी और वह अच्छी बनेगी.
बीज बोने के 25–30 दिन बाद शलजम तैयार हो जाता है. जब शलजम गोल और मध्यम आकार का हो जाए, तब उसे निकाल लें. ज्यादा देर करने से शलजम कड़वा हो सकता है. इसके हरे पत्ते भी खाने लायक होते हैं, जिनसे साग या पराठा बनाया जा सकता है. घर का उगाया शलजम स्वाद और सेहत दोनों के लिए अच्छा होता है.