मछली पालन करने वालों को पता होता है कि तालाब को स्वच्छ रखना कितना जरूरी होता है. अगर तालाब गंदा हो तो उसमें ऑक्सीजन का स्तर गिर जाता है. इससे मछलियों को सांस लेने में दिक्कत होती है. सांस लेने में दिक्कत आने से मछलियों की मौत हो सकती है.
इसलिए बहुत जरूरी है कि मछली पालन करने वाले किसानों को तालाब की साफ-सफाई रखनी चाहिए. बहुत जरूरी है कि किसान तालाब के पानी में ऑक्सीजन का स्तर अधिक बनाए रखें. लेकिन किसी कारण से ऑक्सीजन का स्तर पानी में कम हो जाए तो क्या करें? आइए बताते हैं.
अगर आप किसान हैं तो आपको पता होगा कि खेती-किसानी और पशुपालन में देसी जुगाड़ बहुत काम आता है. यह जुगाड़ इतना कारगर होता है कि जो काम बड़ी और महंगी मशीनें, महंगी दवाएं और स्प्रे नहीं कर सकते. वो काम बिना खर्च वाला देसी जुगाड़ कर सकता है. ऐसा जुगाड़ मछली पालन में भी काम आता है.
बता दें कि तालाब में मछलियों का पालन देसी जुगाड़ से किया जा सकता है. इस जुगाड़ से मछली पालन का पेशा आसान, सस्ता और टिकाऊ बनता है. दरअसल, मछली पालन में तालाब में अक्सर ऑक्सीजन घटने की समस्या देखी जाती है. इससे मछलियों के मरने का खतरा बढ़ जाता है. जब भी ऐसा होता है तो मछलियां पानी के ऊपरी सतह पर तैरने लगती हैं.
इस स्थिति में मछलियों के मरने का भी खतरा होता है. इसके लिए किसान एक बेहद आसान जुगाड़ अपना सकते हैं. दरअसल, तालाब के पानी में जब भी ऑक्सीजन का स्तर गिरे उसमें केले के पत्ते डाल दें. केले के पत्ते से पानी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है और मछलियां तंदुरुस्त हो जाती हैं.
केले के पत्ते को तालाब में डालने से पहले हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि उसे थोड़ा धूप में सुखाकर ही पानी में डालना है. अगर सुखाएंगे नहीं तो पानी में पत्ता सड़ सकता है और इससे पानी गंदा हो सकता है. ऐसी स्थिति में मछलियों को नुकसान हो सकता है. पत्ते सड़ने से पानी गंदा होगा और उससे ऑक्सीजन का स्तर गिरेगा. ऐसी स्थिति में मछलियां मर भी सकती हैं.
इससे बचने के लिए हमेशा केले के ताजे पत्ते लें, लेकिन उसे थोड़ा सुखाकर पानी में डालें. इससे ऑक्सीजन का स्तर बढ़ेगा, मछलियां सेहतमंद होंगी, उनका वजन भी बढ़ेगा और किसानों की भी कमाई बढ़ेगी. ऐसे में ये टिप्स मछली पालन के लिए काफी कारगर है.