कम समय में अधिक उपज देता है पूसा गोल्डन चेरी टमाटर, जानें इसकी चार विशेषताएं

कम समय में अधिक उपज देता है पूसा गोल्डन चेरी टमाटर, जानें इसकी चार विशेषताएं

गोल्डन चेरी टमाटर की खेती के लिए गर्म मौसम की जरूरत होती है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह जबरदस्त उपज देती है. यह अनियमित बढ़वार वाली किस्म है. क्षेत्र की जलवायु की स्थिति के आधार पर 270 से 300 दिनों तक किसान इसके पौधों के फल ले सकते हैं. इसके फल गोल, सुनहरे पीले रंग के गुच्छे में होते हैं.

टमाटर की खेती (सांकेतिक तस्वीर)टमाटर की खेती (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Apr 09, 2024,
  • Updated Apr 09, 2024, 11:25 AM IST

टमाटर की खेती किसानों के लिए फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि इसकी उपज अच्छी होती है और इसकी खेती में लागत कम आती है. देश के किसानों को अधिक मुनाफा हो, इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा नई दिल्ली द्वारा पूसा गोल्डन चेरी टमाटर-2 की नई किस्म विकसित की गई है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह अनियमित बढ़वार वाली किस्म है. इसके टमाटर की पहली तुड़ाई रोपाई के 75-80 दिनों में शुरू हो जाती है. साथ ही क्षेत्र की जलवायु की स्थिति के आधार पर 270 से 300 दिनों तक किसान इसके पौधों के फल ले सकते हैं. इसके फल गोल, सुनहरे पीले रंग के गुच्छे में होते हैं. इसकी सतह चिकनी होती है. 

पूसा द्वारा विकसित की गई इस किस्म के टमाटर की खेती के लिए अपेक्षाकृत गर्म मौसम की आवश्यकता होती है. गर्मियों में इसकी खेती अच्छे से किसान कर सकते हैं. फलों और रंग के विकास के लिए रात का तामपान 20-25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए, जो इसके लिए आदर्श माना गया है. इसकी खेती में अच्छे उत्पादन के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए. साथ ही बलुई दोमट मिट्टी होनी चाहिए, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. इसकी खेती के लिए सामान्य तौर पर प्रति हेक्टेयर 25-30  टन सड़ी हुई गोबर खाद की जरूरत होती है. 

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इस किस्म की विशेषताएं

  • इस किस्म की खासियत यह है कि यह जबरदस्त उपज देती है. यह अनियमित बढ़वार वाली किस्म है. इसमें प्रति पौधा औसतन फलों के 9-10 गुच्छे लगते हैं और प्रति गुच्छे में 25-30 चेरी टमाटर लगते हैं. 
  • एक चेरी टमाटर का औसत वजन 7 से 8 ग्राम तक होता है. साथ ही एक पौधे से औसत उपज तीन से साढ़े चार किलोग्राम तक हासिल किया जा सकता है. इस तरह के प्रति हजार स्क्वायर वर्ग मीटर में इसकी उपज क्षमता 9-11 टन होती है.
  • रोपाई के 75-80 दिनों के बाद टमाटर की यह किस्म पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है. साथ ही इसकी फसल लंबे समय तक के लिए लगभग 9-10 महीने तक चलती है. 
  • इसके फलों में प्रति 100 ग्राम ताजा वजन के आधार पर 13.02 मिलीग्राम कैरोटीन, 0.33 प्रतिशत खट्टापन और 90 फीसदी तक मिठास होती है साथ ही 18.3 मिलीग्राम एस्कॉर्बिक एसिड पाया जाता है. 

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चेरी टमाटर की खेती

पूसा गोल्डन चेरी टमाटर की खासियत यह है कि पूरी तरह से नियंत्रित पर्यावरण पॉलीहाउस में पूरे साल भर किसान इसकी खेती कर सकते हैं. अगर पॉलीहाउस हवादार है या कम लागत वाली है तो फिर इस तरह के पॉलीहाउस में सितंबर के महीने में इसकी रोपाई की जाती है और इसकी फसल मई महीने तक तोड़ी जा सकती है. इसकी बीज दर की बात करें तो रोपाई के लिए प्रति हेक्टेयर 125 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है.अगर नर्सरी में इसके पौधे तेयार कर रहे हैं तो जुलाई अगस्त के महीने में कोकोपिट नर्सरी ट्रे में इसकी बुवाई कर सकते हैं. इसकी खेती में खरपतवार का नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. 

 

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