कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के एक युवा किसान का अपनी फसल को बारिश में बहने से बचाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. यह वीडियो इतना वायरल हुआ कि इसकी सुध राज्य मंत्री ने तो नहीं ली, लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ली. उन्होंने सीधे किसान के मोबाइल पर बात करते हुए मुआवजे का आश्वासन दिया. इससे किसान के अलावा उसके पूरे गांव में खुशी का माहौल है.
किसान का नाम गौरव पवार है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. गौरव पवार वाशिम जिले के मानोरा तहसील के बोरवा गांव रहने वाला है. मानोरा शहर की उपज मंडी में गौरव अपनी मूंगफली की 25 क्विंटल उपज बेचने के ले आए थे. किसान गौरव ने फसल का ढेर उपज मंडी में लगवाया था. अचानक मौसम ने करवट बदली और तूफानी बारिश शुरू हो गई.
इस जोरदार बारिश ने गौरव को संभालने का मौका भी नहीं दिया और उसकी फसल बारिश के पानी में बहने लगी. खून पसीने से सिंची गई अपनी फसल को बचाने का प्रयास गौरव पवार ने बहुत किया, लेकिन बचा नहीं पाया. उपज मंडी में खड़े किसी व्यक्ति ने गौरव का फसल को बचाते हुए वीडियो बनाया जो आज देशभर में वायरल हो गया.
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैसे ही यह वीडियो देखा, उन्होंने गौरव पवार का नंबर हासिल कर उसे न सिर्फ बात की बल्कि उसे आश्वस्त किया कि उसे मुआवजा दिया जाएगा.
इसी गौरव पवार ने 'आजतक' को बताया कि मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरे जैसे छोटे आदमी से इतना बड़े व्यक्ति ने बात की. उसने बताया कि शिवराज सिंह चौहान ने न सिर्फ मुआवजे का आश्वासन दिया बल्कि जो माल भीग गया उसे भी उचित दामों में खरीदने की सूचना उपज मंडी को देंगे. शिवराज सिंह चौहान ने गौरव से उसके घर के हाल भी पूछे.
किसान गौरव पवार ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के फोन ने एक किसान की आत्महत्या रोकी है. गौरव पवार और उसके गांव के लोगों ने कहा कि उसके वीडियो की सुध दिल्ली के मंत्री ने ली, जबकि महाराष्ट्र सरकार क्या सोई हुई है.
गांव की महिला ने कहा कि गौरव पवार का वीडियो देखकर उसके आंसू निकल आए. उसे लगा कि वह गौरव के गले पड़कर रोए. सरकार बाकी चीजों पर जैसे क्रिकेट के स्टेडियम में बैठने की व्यवस्था करती है, वैसे अगर उपज मंडी में भी करेगी तो अच्छा होगा.
गांव के नागरिक ने कहा कि उपज मंडी में किसानों को माल खुली जगह में रखा जाता है जबकि व्यापारियों का माल टीन शेड में रखा जाता है, इसी कारण गौरव की फसल भीगी और बह गई.
गौरव पवार के बचपन के दोस्त ने बताया कि वह साथ में स्कूल पढ़े हैं. गौरव की माली हालत सही नहीं है. अगर शिवराज सिंह चौहान का फोन नहीं आता तो गौरव का आत्महत्या करना निश्चित था. केंद्रीय कृषि मंत्री का फोन आता है, क्या राज्य के कृषि मंत्री क्या सोए हुए हैं, ऐसा सवाल भी गौरव के दोस्त ने किया है.
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किसान गौरव की माली हालत कुछ खास नहीं. उसका घर भी टूटा फूटा नजर आया. हालांकि गौरव अभी BA फाइनल में है, लेकिन पिता की तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण उसपर घर की, खेत की और परिवार चलाने की जिम्मेदारी आन पड़ी है. हालांकि मानोरा शहर की उपज मंडी की ओर से गौरव को 20 हजार रुपये की मदद की गई है.