मध्य प्रदेश में जैविक कपास की खेती में हुआ है फर्जीवाड़ा, दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह पर लगाए गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश में जैविक कपास की खेती में हुआ है फर्जीवाड़ा, दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह पर लगाए गंभीर आरोप

कॉटन की खेती को लेकर दिग्विजय सिंह ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कॉटन खेती के नाम पर करोड़ों रुपये के जीएसटी और मंडी टैक्स चोरी का आरोप लगाया है.

कपास की खेती (सांकेतिक तस्वीर)कपास की खेती (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 30, 2024,
  • Updated Jun 30, 2024, 12:50 PM IST

मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर कपास की खेती की जाती है. यहां पर किसानों कपास की रासायनिक और जैविक खेती करते हैं. अब कॉटन की खेती को लेकर दिग्विजय सिंह ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कॉटन खेती के नाम पर करोड़ों रुपये के जीएसटी और मंडी टैक्स चोरी का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया है कि जैविक कपास के व्यापारियों से अवैध वसूली की गई है. दिग्विजय सिंह ने राज्य में ऑर्गेनिक कॉटन के फर्जी व्यापार करने का भी आरोप लगाया है. 

अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा की 'Organic Cotton के नाम से किसानो की लाखो एकड़ कृषि भूमि को Organic खेती का फर्जी पंजीयन कर Organic Cotton का उत्पादन दिखाकर Non Organic Cotton जो स्थानीय कृषि उपज मण्डी से ख़रीद कर Organic कॉटन के नाम से दुगने भाव पर विदेशों में Export विगत 15 सालो से किया जा रहा था जिसमे करोड़ों रुपए GST और मण्डी टैक्स कि चोरी कि जा रही थी. Organic Cotton का फर्जी व्यापार बहुत बड़ी मात्रा में की गई है. दोषी व्यापारियों को बचाने में  पिछली शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने ऑर्गेनिक कॉटन के व्यापारियों से करोड़ो रुपए की अवेध वसूली भी की गई और अब मामा पहुंच गये दिल्ली उसी विभाग में!! पहले MP में हुआ अब पूरे देश में होगा!!.

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मध्य प्रदेश में कपास की खेती

बता दें कि मध्य प्रदेश में सिंचित और गैर सिंचित दोनों प्रकार के क्षेत्रों में कपास की खेती की जाती है. यहां 7.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती की जाती है. जैविक तरीके से उगाए गए कपास को जैविक कपास कहा जाता है. इसमें किसी भी प्रकार के रसायानों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जैविक कपास के कई फायदे भी होते हैं. यह अधिक टिकाऊ होता है. इसकी खेती से किसानों के साथ-साथ पर्यावरण को भी लाभ होता है. इसकी खेती में किसान बाहरी इनपुट पर निर्भर नहीं रहते हैं. जैविक कपास की खेती किसानों के लिए इसलिए फायदेमंद मानी जाती है क्योंकि बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते हैं.

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कपास की खेती के नाम पर फर्जीवाड़ा

दिग्विजय सिंह ने अपने पोस्ट के जरिए शिवराज सिंह चौहान पर यह आरोप लगाया है कि राज्य की किसान मंडियों में नॉन ऑर्गेनिक कॉटन को ऑर्गेनिक कॉटन बताकर मंडियों में अधिक दाम में बेचा गया है. इसके साथ ही इसकी खेती के नाम पर भी फर्जीवाड़ा किया गया है. लाखों एकड़ जमीन में नॉन ऑर्गेनिक खेती की गई जबकि उसे ऑर्नेगिंग दिखाकर विदेशों में भेजा जा रहा है. यह काम पिछले 15 सालों से किया जा रहा है. अब जब शिवराज सिंह चौहान केंद्र की कैबिनेट में चले गये हैं तो यह अब पूरे देश में होगा. 

 

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