राजस्थान की रेतीली शांत जमीन को एक दिन पहले आए तूफान ने उजाड़ दिया है. गुरूवार-शुक्रवार को आए तेज अंधड़ से प्रदेशभर में 16 लोगों की मौत हो गई है. इनमें छह बच्चे और सात बुजुर्ग हैं. अरावली की पहाड़ियों से घिरे टोंक जिले में सबसे अधिक 12 मौतें हुई हैं. 40 से अधिक लोग घायल हुए हैं. गुरूवार देर रात पांच साल बाद राजस्थान में 90-100 किमी की रफ्तार से तूफान आया. शुक्रवार को भी 50-60 किमी प्रति किमी की रफ्तार से अंधड़ चला. इससे कई गांव-शहरों में बिजली के पोल गिर गए. पेड़ उखड़ गए. तूफान की रफ्तार के आगे मकान भी बौने साबित हुए. घरों की छतें उड़ गईं, सैंकड़ों गांवों में कच्चे घर माटी की तरह बिखर गए. जिन लोगों ने जान बचा ली, उनके घर-मकानों के साथ-साथ सपने, उम्मीदें भी चूर-चूर हो गई हैं.
प्रदेशभर में आए तूफान से सैंकड़ों गांवों में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमा गई है. आधे राजस्थान में ब्लैक आउट है. इसे सुधारने में करीब एक हफ्ते से भी ज्यादा समय लगेगा. सबसे ज्यादा नुकसान ट्रांसफार्मर और बिजली के पोल गिरने से हुआ है. इससे गांव-ढाणियों में बिजली सप्लाई रुक गई है. बिजली निगम के अनुसार पूरे राजस्थान में बिजली व्यवस्था सुचारू करने में 10 दिन तक लग सकते हैं.
करीब 100 किमी की रफ्तार से आए अंधड़ का असर टोंक जिले ने सबसे अधिक नुकसान झेला है. यहां धन्नामलाई में दादा इशाक और इनके दो पोते-पोती अयान और इनायत की घर के मलबे में दबने से मौत हो गई. इसके अलावा उनियारा नगर पालिका की बागर बस्ती में चार साल की अर्पिता (4) और गेदिया ग्राम पंचायत में अनुष्का (3) की भी मौत हो गई. वहीं, जिले के अलग-अलग हिस्सों में सात अन्य लोगों की भी मौत हो गई है.
इसी तरह जयपुर जिले में 600 से अधिक बिजली के पोल गिर गए. 100 से अधिक ट्रांसफार्मर गिर गए. यहां 20 घंटे तक बिजली सप्लाई ठप रही. आमेर में एक व्यक्ति की मौत की जानकारी भी सामने आई है.
चूरू में 250 से ज्यादा गांवों में अंधेरा है. यहां 1431 बिजली के पोल गिर चुके हैं. वहीं, जोधपुर जिले में 2600 से अधिक बिजली के खंभे गिरने की जानकारी है. कई गांव एक हफ्ते के लिए अंधेरे में डूब गए हैं. करौली में 347 बिजले के पोल और 51 ट्रांसफार्मर उड़ गए हैं. 207 गांवों में फिलहाल बिजली नहीं है.
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नागौर में 6992 खंभे और 500 से ज्यादा पेड़ गिरे हैं. डीडवाना, कुचामन, मकराना में 80 प्रतिशत और नागौर में 20 प्रतिशत गांवों में अंधेरा है. इसके अलावा बीकानेर जिले का 60 प्रतिशत हिस्से में बिजली सप्लाई बाधित हुई है. यहां एक पांच साल की बच्ची की मौत भी अंधड़ से हुई है.
किसान तक ने मौसम केन्द्र, जयपुर के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा से बात की. वे बताते हैं, “अगले दो दिन के लिए भी हमने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. इसका असर जयपुर, भरतपुर, बीकानेर और अजमेर संभाग के 10 जिलों में रहेगा. करीब 60किमी की रफ्तार से हवाएं चलने का पूर्वानुमान है. साथ ही मेघगर्जन के साथ तेज बारिश और कहीं-कहीं ओलोवृष्टि की संभावना भी जताई है.”
इतना बड़ा अंधड़ क्यों आया के जवाब में राधेश्याम कहते हैं, “ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी सप्लाई हो रही है. वहीं, पाकिस्तान के ऊपर एक सर्कुलेशन सिस्टम पहले से ही बना हुआ था. एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम ने भयानक रूप लिया है. हमारी अपील है कि लोग खुद का बचाव करें. पेड़ों- कच्चे घरों के आसपास ना रहें.”
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस आपदा में जिन लोगों की दुखद मौत हुई है उन्हें राज्य सरकार पांच लाख रुपये की सहायता देगी. सीएम ने जानकारी दी कि आंधी-तूफान से हुए नुकसान का आकलन कराया जा रहा है.
राजस्थान आपदा प्रबंधन विभाग से सचिव पीसी. किशन से भी किसान तक ने बात की. उन्होंने बताया, “टोंक जिले में सबसे अधिक 12 लोगों की जान गई है. इसमें पांच बच्चे और सात बुजुर्ग भी शामिल हैं. केन्द्र ने 12 तरह की आपदा के लिए मुआवजा घोषित किया हुआ है. इसके अलावा बिजली गिरने और अंधड़ को राज्य सरकार ने अपने स्तर पर नोटिफाइ किया है. इसके तहत मृतक को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है, लेकिन राज्य सरकार ने मृतकों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है. मुआवजे की राशि मंजूर की जा चुकी है.”