उत्तर प्रदेश बजट में किसानों के लिए क्या होगा खास (UP Budget Session) इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स (IYM2023, International Year of Millets 2023), किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card), किसानों का प्रदर्शन (Farmer Protest), कृषि बजट 2023 (Agriculture Budget 2023), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), पीएम किसान योजना (PM-Kisan Yojana) में आज क्या है नई बात, एपीडा (APEDA) द्वारा फसलों का आयात-निर्यात, गेहूं और आटे का भाव, फसल सलाह, कृषि जगत की बड़ी खबरें (Agriculture Live News Update), आज का मौसम पूर्वानुमान (Latest Weather Update)और खेती-किसानी से (Agriculture News) से जुड़ी खास खबरों के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
सीएम नीतीश कुमार ने किसानों से बात-चीत करने के दौरान कहा-किसान चिंता न करें उनके लिए काम कर रहा हूँ मैं. पिछले समय किसनों के लिये कुछ नहीं किया गया है इस बार किसानों के लिए हर जरूरी काम किया जाएगा. जमीन पर चल रहे मुकदमें से भी अब किसानों को छुटकारा मिलेगा.
इस बार फरवरी माह में ही बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों की समस्या बढ़ गई है. माना जा रहा है कि जिस तरह से लगातार फरवरी माह में पारा बढ़ रहा है, उससे गेहूं की पैदावार में खास गिरावट आ सकती है जो कि किसानों की कमर तोड़ने का काम करेगी. किसान गन्ने की फसल को लेकर पहले ही परेशान हैं क्योंकि इस बार एक तो गन्ने का दाम नहीं बढ़ पाया है, तो दूसरी ओर गन्ने में लगने वाले कीड़े ने फसल को खासा नुकसान पहुंचाया है. इसके बाद अब गेहूं की समस्या भी किसान के सामने आकर खड़ी हो गई है.
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जलवायु परिवर्तन के बुरे असर दिखाई देने लगे हैं. आम लोग भी इस असर को देख और समझ रहे हैं. बीते साल हीट वेव के चलते फसल को नुकसान हुआ था, तो इस साल कोल्ड वेव के चलते सरसों को नुकसान पहुंचा है. इसके चलते बारिश का चक्र बहुत बिगड़ा है. खेती को पानी की बहुत जरूरत है. धान की फसल में पानी की जरूरत किसी से छिपी नहीं है. अगर किसान फसल चक्र में बदलाव करें तो पानी की समस्या को कंट्रोल और कम दोनों ही किया जा सकता है. यह कहना है एडीजी, एग्रोनॉमी, एग्रोफारेस्ट्री एंड क्लाकइमेट चेंज, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) राजवीर सिंह का. किसान तक से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने में कम पानी में होने वाली फसलें कारगर हैं.
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आईसीएआर (ICAR) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (आईआईएचआर) ने लिलियम और जरबेरा जैसे फूलों के साथ ही गोभी और फूलगोभी जैसी फसलों की "संरक्षित" खेती के लिए एक नई वर्टिकल फार्मिंग की नई तकनीक विकसित की है. यह नई तकनीक एक स्ट्रक्चर है. जो 12 फीट ऊंची हो सकती है, एक पॉली-हाउस में इस प्रभावी तकनीक का उपयोग किया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने दावा किया कि इसके परिणामस्वरूप प्रति इकाई क्षेत्र के आधार पर पारंपरिक खेती की तुलना में इसका उत्पादकता छह गुना तक बढ़ सकता है. IIHR के प्रधान वैज्ञानिक, सी अश्वथ ने कहा कि कम लागत और ऊंचाई वाली कृषि संरचनाओं में लगभग 11 स्तरों की खड़ी खड़ी परतें होती हैं और इसमें इनबिल्ट विक-आधारित ड्रिप सिंचाई होती है.
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झारखंड में चैंबर ऑफ कॉमर्स के विरोध और फिर हड़ताल स्थगित होने के बाद कृषि बाजार शुल्क विधेयक लागू हो गया. विधि विभाग द्वारा झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन( संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक का गजट प्रकाशित कर दिया गया है. इसके साथ ही अब बाजार समिति के माध्यम से होने वाले कारोबार पर शुल्क लगेगा. इस तरह से अब किसानों पर और अधिक बोझ बढ़ेगा क्योंकि नए शुल्क का बोझ भी किसानों के ऊपर ही आएगा. नए विधेयक के मुताबिक नष्ट होने वाले उत्पाद पर एक फीसदी और नष्ट नहीं होने वाले उत्पादों पर दो फीसदी का टैक्स बाजार समिति को देना होगा.
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किसान समागम आयोजन में अपना-अपना सुझाव लेकर आए किसान खराब खाना देख भड़क उठे हैं. लंच ब्रेक में किसानों को उनके मुताबिक खाना नहीं मिला जिसपर वह अब भड़क चुके हैं.
भारतीय मिट्टी और जल संरक्षण संस्थान (ICAR-IISWC), देहरादून 20 फरवरी से 3 मार्च 2023 तक ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन छात्रों के लिए मिट्टी, जल संरक्षण और कृषि उत्पादन पर एक फील्ड प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है.IISWC रिसर्च फार्म में आयोजित फील्ड प्रशिक्षण में विभिन्न स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों और विभिन्न राज्यों के 55 छात्र और विद्वान प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन एम मुरूगनंदम, प्रधान वैज्ञानिक और पाठ्यक्रम निदेशक ने किया. पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं और पाठ्यक्रम में शामिल मॉड्यूल का परिचय देते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को कार्यक्रम के कवरेज और लाभों पर बात की.
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किसान समागम आयोजन में पहुंचे किसानों ने एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकारी योजनाओं पर सवाल उठाया है. किसानों का कहना है कि सरकार से मिलने वाली सब्सिडी से सस्ती दरों पर बाजार में मशीनें उपलबद्ध है. सरकार के द्वारा सब्सिडी दिए जाने पर कृषि यंत्र 14 हजार तक पड़ता है वहीं मशीन बाजारों में 10 हजार रुपये तक मिल जाता है.
नीतीश कुमार ने लखीसराय के किसान अमित कुमार द्वारा इंग्लिश शब्द के प्रयोग करने पर कहा कि आप हिंदी में बोलिये क्या हर बार इंग्लिश बोल रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद से सभी मोबाइल देखकर इंग्लिश बोलना शुरू कर दिए हैं.
केरल के कुछ इलाकों में चाय के पौधों पर पाले का गंभीर असर देखा गया है. मुन्नार की पहाड़ियों में लगे चाय बागानों पर गिरते तापमान और पाले का असर दिखना शुरू हो गया है. बीच में कुछ दिन तापमान स्थिर था और चाय के पौधों के लिए उपयुक्त था. लेकिन मुन्नार में फिर से तापमान गिरना शुरू हुआ है जिससे पाले का असर देखा जा रहा है. इस पाले ने चाय के पौधों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है. विशेषज्ञों का कहना है कि पाले से चाय का उत्पादन घट सकता है. इससे निर्यात और देश के अंदर चाय की सप्लाई में गिरावट आ सकती है.
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किसान समागम आयोजन में बिहार के किसानों ने चौथे कृषि रोड मैप को लेकर नीतीश कुमार को दिया सुझाव कहा-किसानों का कर्ज माफ किया जाना चाहिए. अनाज भंडारण की सुविधा होनी चाहिए ताकि फसल बर्बाद ना हो और वर्मी कम्पोस्ट को बढ़ावा दिया जाए.
यूपी विधानसभा के बजट सत्र के आज दूसरे दिन सदन के पूर्व सदस्यों मुलायम सिंह यादव और केशरी नाथ त्रिपाठी सहित अन्य दिवंगत सदस्यों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करने के बाद सदन की बैठक कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. विधान सभा में कल योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेगी.
किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो इस लिए बिहार सरकार द्वारा कृषि रोड मैप का निर्माण किया जाता है. ऐसे में चौथे कृषि रोड मैप को लागू करने से पहले बिहार सरकार ने किसानों के सुझाव मांगे हैं. आज के इस किसान समागम कार्यक्रम में किसानों का सुझाव लिया जाएगा ताकि किसानों की समस्या का समाधान निकाला जा सके.
बिहार में कृषि रोड मैप की वजह से कई चीजों में सुधार हुआ है. वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि कृषि रोड मैप कि मदद से बिहार के 5 कृषि उत्पादों को GI Tag की पहचान मिली है. जिस वजह से किसानों की आय में भी बढ़त देखी गई है.
बिहार के चौथे कृषि रोड मैप का मुख्य मकसद किसानों की आय को बढ़ाना है ताकि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके.
किसानों को फसलों की सिंचाई करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सिंचाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है. ताकि किसानों को फसलों की सिंचाई करने में कोई परेशानी न हो. ड्रेनेज सिस्टम का भी ध्यान रखा गया है.
बिहार के पटना में चौथा कृषि रोडमैप को लेकर किसान समागम का आयोजन हो रहा है. सीएम नीतीश कुमार ,तेजस्वी यादव, और कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के साथ 12 विभाग के मंत्री एवं सचिव आज इस आयोजन में शामिल होंगे. इस समागम में अलग-अलग जिलों के करीब 5000 किसान शामिल होंगे.
उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादकों के एक किसान निकाय ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बजाज हिंदुस्तान शुगर के बीच चल रहे मुकदमे में आवाज उठाने की मांग करते हुए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( एनसीएलटी ) का दरवाजा खटखटाया है. कुशाग्र बजाज द्वारा संचालित देश की सबसे बड़ी चीनी निर्माता राज्य के स्वामित्व वाले बैंक से दिवाला मुकदमा का सामना कर रही है. किसान चीनी निर्माता के वित्तीय लेनदारों के रूप में व्यवहार करना चाहते हैं क्योंकि उनका दावा है कि उन्होंने कंपनी को गन्ने की आपूर्ति की है और बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन ने विधान मंडल के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में योगी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया. उन्होंने आगामी वित्त वर्ष 2023-24 की कार्ययोजना से दोनों सदन को अवगत कराया. राज्यपाल के अभिभाषण में योगी सरकार के आगामी बजट की भी झलक को देखा जा सकता है. उन्होंने कृषि क्षेत्र की उपलब्धियां बताते हुए किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप देने वाली पीएम कुसुम योजना के मिल रहे बेहतर परिणामों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष के दौरान पूरे प्रदेश में 30 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य तय किया है.
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राजस्थान में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने बजट में पांच हजार डेयरी बूथ खोलने की घोषणा की थी. जल्द ही इस घोषणा पर अमल लाया जा रहा है. सोमवार 20 फरवरी को गोपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बजट में पांच हजार नए डेयरी बूथ खोलने की घोषणा के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है. जल्दी ही ये पांच हजार डेयरी खोली जाएंगी. इससे प्रदेश में दूध उत्पादों की आपूर्ति में बढ़ोतरी होगी और बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. ये डेयरी बूथ प्रदेशभर में खोले जाएंगे. इस संबंध में 20 फरवरी को सचिवालय स्थित खाद्य भवन में डेयरी क्षेत्र में की गई बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक आयोजित हुई. गोपालन शासन सचिव कृष्ण कुणाल इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. कुणाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादक संघों के हितों के लिए संवेदनशील है.
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दिल्ली में जहां एक ओर लोग पहले से ही गर्मी से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में बारिश से मौसम बेहद सुहावना हो गया है. हिमाचल प्रदेश में बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी देखा जा सकता है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है.
दूध के दाम 65 रुपये का आंकड़ा पार कर चुके हैं. एक साल में दो-दो रुपये करके करीब 12 रुपये तक बढ़ाए जा चुके हैं. घी के दाम भी बढ़ चुके हैं. बाजार में बटर (मक्खन) की कमी किसी से छिपी नहीं है. कुछ ही दिन में गर्मियों की शुरुआत हो जाएगी. सभी जानते हैं कि सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में दूध का उत्पादन गिर जाता है. इसी के चलते केन्द्र सरकार दूध की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने और गर्मियों में दूध की कमी का सामना ना करना पड़े इसके लिए सख्त कदम उठा सकती है. संबंधित मंत्रालय में भी इसे लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं.
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यूपी में पिछले कुछ दिनों से तापमान में इजाफा होने का सिलसिला बीते 24 घंटे में भी जारी रहा. मौसम विभाग ने आज भी राज्य के प्रमुख शहरों एवं आसपास के इलाकों का तापमान एक डिग्री से. तक बढ़ने की आशंका जताई है. मौसम विभाग के अनुसार बीते 24 घंटों में प्रमुख शहरों के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री से. का इजाफा हुआ. आज सुबह प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित अन्य प्रमुख शहरों का तापमान 16 से 28.8 डिग्री से. के बीच दर्ज किया गया. पश्चिमी जोन में बरेली का सुबह का तापमान 17.4 डिग्री से., मेरठ में 27.4 डिग्री से. और झांसी में 16 डिग्री से. दर्ज किया गया. वहीं पूर्वी जोन में प्रयागराज का तापमान 16.4 डिग्री से., बहराइच में 18.4 डिग्री से., लखनऊ में 17.8 डिग्री से., गोरखपुर में 16.2 डिग्री से. तथा अमेठी में 28.8 डिग्री से. दर्ज किया गया.
मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में गेहूं की नई फसल बाजार में आ चुकी है. यहां पर बाजार में 3200 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का चल रहा ऊंचा रेट हर किसी को चौंका रहा है. क्योंकि गेहूं का रेट ज्यादा होगा तो आटा महंगा होगा और महंगी रोटी का खयाल हर किसी को डराने लगा है. चूंकि वर्ष 2023-24 के लिए गेहूं का जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय किया गया है, वो मात्र 2125 रुपये प्रति क्विंटल है, इसलिए सरकार गेहूं के रेट नीचे लाने का लगातार प्रयास कर रही है. महंगे रेट से फिलहाल किसान भले ही खुश नजर आ रहे हों, आने वाले समय में गेहूं का रेट टूटना तय माना जा रहा है.
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देश के ज्यादातर इलाकों और खास कर उत्तर भारत में अब तापमान बढ़ने लगा है. जिस वजह से फरवरी के महीने में ही लोग गर्मी से परेशान नजर आ रहे है. उत्तर भारत के कई राज्यों में गर्मी की दस्तक हो गई है. हालांकि, मौसम विभाग के मुताबिक आज पहाड़ी इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है जिस वजह से मैदानी क्षेत्रों में तापमान कम हो सकता है. 21 से 23 फरवरी के बीच उत्तर पूर्व भारत के इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं.