बागवानी करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है क्योंकि बागवानी को बढ़ावा देने और उसके महत्व को बताने के लिए आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु में राष्ट्रीय बागवानी मेला-2025 का आयोजन कर रहा है. दरअसल, मौजूदा समय में किसानों के बीच बागवानी फसलों का क्रेज काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सहित अन्य राज्य सरकार भी किसानों को काफी प्रोत्साहित कर रही है. बता दें कि ये मेला 27 फरवरी से 1 मार्च तक आयोजित किया जाएगा. यह आयोजन बागवानी संवर्धन सोसायटी (एसपीएच), बेस्ट-होर्ट, एक प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर आईसीएआर-आईआईएचआर, आईसीएआर-अटारी बेंगलुरु के साथ-साथ बागवानी और इससे जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले सभी प्रमुख विकास विभागों, संस्थानों और फर्मों के सहयोग से किया जा रहा है.
राष्ट्रीय बागवानी मेला 2025 का विषय "विकसित भारत के लिए बागवानी-पोषण, सशक्तिकरण और आजीविका" है, जो पोषण से भरपूर फसलों और किस्मों के माध्यम से पोषण में सुधार करने के लिए किस्मों और नई तकनीक को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिससे जरूरतमंद किसानों को बागवानी फसलों के अलग-अलग पहलुओं पर जरूरत के आधारित जानकारी देकर किसानों को सशक्त बनाया जा सके.
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IIHR ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों के लिए उपयुक्त नई तकनीक पर केंद्रित है और बागवानी फसलों में उत्पादकता, आय और आजीविका में सुधार लाने के लिए है, जो सामाजिक रूप से संगत, आर्थिक रूप से स्वीकार्य और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित है.
संस्थान बागवानी फसलों में फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा, कटाई के बाद प्रबंधन, कीमत, मशीनरी और उपकरणों में ICAR-IIHR द्वारा विकसित 250 से अधिक किस्मों और नई तकनीकों को प्रदर्शित कर रहा है. राष्ट्रीय बागवानी मेला-2025 के मुख्य आकर्षणों में ICAR-IIHR द्वारा विकसित किस्मों और नई तकनीकों का लाइव प्रदर्शन शामिल है. शहरी बागवानी के लिए खेती और छत पर खेती का प्रदर्शन, अलग-अलग बागवानी फसलों की संरक्षित खेती पर उत्कृष्टता केंद्र और कार्यक्रम में बागवानी और अन्य संबंधित बिजनेस में नई तकनीक पर 250 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे.
कार्यक्रम में मशरूम उत्पादन, छत पर बागवानी सहित संरक्षित खेती पर कौशल उन्मुख कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएगी. इस कार्यक्रम में अलग-अलग बागवानी फसलों की क्षेत्र आधारित समस्याओं पर परामर्श और सलाह दी जाएगी और बीजों, रोपण सामग्री, नई किस्मों और संकरों, प्रसंस्कृत उत्पादों, उपकरणों और मशीनरी की बिक्री की जाएगी.