Kisan Tak Summit: छत्तीसगढ़ दलहन के मामले में आत्मनिर्भर है, तिलहन में भी बढ़ रहा आगे: एके वर्मा

Kisan Tak Summit: छत्तीसगढ़ दलहन के मामले में आत्मनिर्भर है, तिलहन में भी बढ़ रहा आगे: एके वर्मा

इंडिया टुडे ग्रुप का डिजिटल चैनल किसान तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 'किसान तक समिट' आयोजित कर रहा है. इस समिट में खेती-बाड़ी से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हो रही हैं. कार्यक्रम में शामिल मेहमान खेती से जुड़े विषयों पर अपनी राय रख रहे हैं.

किसान तक समिट में आज होगी किसानों के हक की बातकिसान तक समिट में आज होगी किसानों के हक की बात
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 04, 2023,
  • Updated Sep 04, 2023, 6:48 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप के किसान तक चैनल ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 'किसान तक समिट' का आयोजन किया. इसमें पांचवें सेशन में सीनियर साइंटिस्ट पीके संगोड़े, आईजीकेवी के डायरेक्टर एके वर्मा और छत्तीसगढ़ ट्राइबल लोकल हेल्थ ट्रैडिशन एंड मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड के सीईओ जेएसीएस राव शामिल हुए. इस सेशन का विषय था धान का कटोरा. इस सेशन में एके वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज दलहन के मामले में आत्मनिर्भर है और तिलहन में भी हम आगे बढ़ रहे हैं. ये प्रदेश के किसानों की मेहनत है कि हम दलहन में आत्मनिर्भर बन चुके हैं और तिलहन में भी प्रयास तेज हो रहे हैं.

इंडिया टुडे ग्रुप का डिजिटल चैनल किसान तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 'किसान तक समिट' आयोजित कर रहा है. इस समिट में खेती-बाड़ी से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हो रही हैं. कार्यक्रम में शामिल मेहमान खेती से जुड़े विषयों पर अपनी राय रख रहे हैं. 

जड़ी-बूटी की खेती से बनें लखपति

कार्यक्रम का पांचवां सेशन धान का कटोरा विषय पर आधारित है. इसमें सीनियर साइंटिस्ट पीके संगोड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान से अलग नहीं कर सकते. छत्तीसगढ़ के खेतों में बड़े बड़े मेंढ़ होते हैं जिस पर तिलहन फसलों, भाजी की खेती की जा सकती है. खासकर खट्टा भाजी की खेती हो सकती है. इस भाजी के फूल का शर्बत बना कर पिएं तो बहुत फायदा होगा. खट्टा भाजी ने कोविड में कई लोगों को बचाया है.

एके वर्मा, आईजीकेवी के डायरेक्टर (एक्सटेंशन) ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हर तरीके की फसलों का उत्पादन हो सकता है. सबसे आसानी से धान की खेती होती है. यह लाइफलाइन है, इसलिए सरकार इसकी खेती को सपोर्ट करती है. इसकी सरकारी खरीद सबसे तेजी से होती है, गोधन योजना में भी इसे प्राथमिकता दी जाती है. आज छत्तीसगढ़ में साढ़े तीन लाख से अधिक ट्रैक्टर का उपयोग हो रहा है. यहां पावर सेक्टर में बहुत उन्नति हुई है. हॉर्टिकल्चर सेक्टर में देखें तो आज उत्पादन में हम 12वें स्थान पर हैं. यहां हर तरह के फल और सब्जियों की खेती हो सकती है.

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राव ने कहा कि किसान जड़ी-बूटी की खेती से भी लखपति बन सकते हैं. छत्तीसगढ़ का किसान जड़ी-बूटी की खेती से लखपति बन रहे हैं. इसमें सर्पगंधा, शतावरी और ब्राह्मी की खेती आती है जिससे किसान को फायदा होगा.

जेएसीएस राव ने कहा कि रेटा का पौधा, सोपनट जैसे पौधे मेंढ़ पर लगा दें तो एक एकड़ में फसलों से जितनी कमाई होती है, उतनी कमाई रेटा और सोनपट जैसे पौधे से कमा सकते हैं. सर्पगंधा से भी कमाई बढ़ाई जा सकती है. राव ने कहा कि उनके बोर्ड के माध्यम से पौधे लगाने के लिए मिल जाएंगे.

राव ने कहा, रबी सीजन में क‍िसानों को बहुत कम पैसा म‍िलता है. स‍िंचाई की सुव‍िधा के कारण क‍िसानों को मुश्क‍िल होती है. म‍िंट की खेती से प‍िछले साल ट्रायल लि‍या है. 4 क‍िस्म लगाईंं हैं. 30 से 40 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा म‍िल रहा है.

किसानों में बंदरों का आतंक

कार्यक्रम में एक किसान ने पूछा कि बंदरों के आतंक से सरकार की क्या योजना है क्योंकि लोगों ने इसके चलते सब्जी की खेती छोड़ दी है. किसान ने पूछा कि सरकार की तरफ से ग्राम सेवकों को क्या निर्देश दिया जा रहा है ताकि किसान बंदरों के आतंक से बचने के लिए क्या किया जाए. इस पर एक वर्मा ने कहा कि इंसानों ने बंदरों के आवास को तबाह किया है जिससे इंसानों और पशुओं के बीच का तालमेल बिगड़ा है. इस पर हमें सोचना होगा. 

इसी सेशन में जेएससीएस राव ने कहा कि हमें सुबह सुबह तुलसी का पत्ता नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें मरकरी होता है बल्कि तुलसी के पत्ते को पानी में डालकर उस पानी को पीना चाहिए.

कृषि न्याय योजना से कई लाभ

पहले सेशन में खेती का गढ़, छत्तीसगढ़ विषय पर चर्चा की गई. इस सेशन में शामिल डॉ. कमलप्रीत सिंह (कृषि उत्पादन आयुक्त, छत्तीसगढ़) ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में छ्त्तीसगढ़ शासन ने पिछले पांच साल में ऐसी योजनाएं चलाई हैं जिससे किसानों को बहुत फायदा हुआ है. इसमें राजीव गांधी कृषि न्याय योजना स्कीम बहुत अहम है जिसमें किसानों को हर तरह के इनपुट खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है. सरकार ने डीबीटी के माध्यम से लाखों रुपये दिए हैं. हॉर्टिकल्चर में जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की योजना चलाई है. इसी तरह की योजना फिशरीज और अन्य पारंपरिक खेती के लिए शुरू की गई है.

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दूसरा सेशन विविधता में एकता विषय पर था जिसमें श्रीमती चंदन त्रिपाठी, डायरेक्टर, वेटनरी और कृषि विभाग, ने कहा कि गौठान योजना से पशुपालकों को बहुत लाभ मिला है. इसमें पशुओं के वैक्सीनेशन पर सबसे अधिक फोकस है. इसमें 92 लाख वैक्सीनेशन किया जा चुका है. गर्माधान में सुधार लाने पर काम हो रहा है. पशुओं के दूध की मात्रा बढ़ाने पर जोर है ताकि छह से सात लीटर तक एक पशु से दूध मिल सके.

लंपी बीमारी बहुत बड़ा चैलेंज

चंदन त्रिपाठी ने कहा लंपी बीमारी अभी बड़ा चैलेंज है जिस पर छत्तीसगढ़ में बड़ा काम हो रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ी कार्ययोजना पर काम हो रहा है. लंपी यानी कि एलएसडी से निपटने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है. इसमें यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि पशु व्यापार पर कोई असर नहीं पड़े. चंदन त्रिपाठी ने कहा, पशुधन से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर काम हो रहा है.

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कृषि शिक्षा कितनी कारगर विषय पर चर्चा करते हुए आईजीकेवी के वीसी गिरीश चंदेल ने कहा कि उनकी विश्वविद्यालय के 70-80 फीसदी विद्यार्थी किसान बैकग्राउंड से आते हैं. इसी सेशन में कृषि कल्याण परिषद् के चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि जहां पूरे देश में खेती-किसानी के धंधे को बुरा माना जाता था, खासकर युवा खेती को हेय दृष्टि से देखते थे, लेकिन किचन में अगर आप देखें तो नमक को छोड़कर ऐसी कोई चीज नहीं है जो खेती की न हो. मुख्यमंत्री मानते हैं कि छत्तीसगढ़ को समृद्ध करना है तो किसानों को समृद्ध करना होगा.

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