आज हम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले एक ऐसे किसान के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने 'स्मार्ट रडार लाइट सिस्टम' नाम से अनोखा यंत्र तैयार किया है, जो आने वाले समय में किसानों के लिए काफी मददगार साबित होगा. इस खास यंत्र को विकसित करने वाले बीसलपुर तहसील के डॉ. हरमीत सिंह ने इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में बताया कि इस मशीन की खासियत है कि यह जंगली जानवरों को दूर कर देती है, जिससे किसानों की फसलों को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस मशीन को बनाने में 5 हजार रुपये का खर्च आया. फिलहाल इसे और ज्यादा तकनीकी रूप से अपग्रेड किया जा रहा हैं. जिसमें एक हजार रुपये का खर्च और बढ़ जाएगा. यानी 6 हजार रुपये में किसानों के लिए खेतों की सुरक्षा का यह हाईटेक यंत्र बड़ी राहत देगा.
डॉ. हरमीत सिंह बताते हैं कि बचपन से ही मेरा मन इलेक्ट्रॉनिक में नए-नए आविष्कार करने में लगता था. मेरे घर में मौजूद कोई भी इलेक्ट्रॉनिक गुड्स बाजार में रिपेयर के लिए कभी नहीं गया. इसी बीच कुछ अलग करने का आइडिया में मन में आया. जैसे जंगली जानवरों से फसलों को कैसे बचाया जा सके. दरअसल, रात के वक्त खेत में पहरा देना किसानों के लिए मुश्किल होता था.
इसी को ध्यान में रखते हुए एक ऐसा यंत्र तैयार किया जो रात के वक्त खेत की चौकीदारी करेगा. उन्होंने बताया कि यह एक स्मार्ट यंत्र है. जो रात होते ही, यह यंत्र खुद-ब-खुद जाग जाता है. लाइट जलती है, सायरन बजता है और खेत की रखवाली शुरू हो जाती है. सारा सिस्टम मशीन में लगे सेंसर और सोलर पैनल से संचालित होता है.
सबसे खास बात है कि यह मशीन न सिर्फ जंगली जानवरों को दूर रखती है, बल्कि कीटों को भी मार गिराती है. क्योंकि इस मशीन के नीचे एक पानी से भरा हुआ ट्रे रखा जाता है. जैसे ही लाइट जलती है, कीट आकर्षित होकर उस रोशनी की ओर उड़ते हैं और फिर नीचे रखे पानी में गिरकर मर जाते हैं. एक रात में हजारों कीट इस यंत्र की वजह से खत्म हो जाते हैं, जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं.
डॉ. हरमीत ने आगे बताया कि इसमें लाइट ट्रैप तकनीक लगी है, जो रात होते ही खुद चालू हो जाती है और सुबह उजाला होते ही अपने आप बंद हो जाती है. यह पूरी तरह सोलर पैनल से चलता है, जो दिन में सूरज से ऊर्जा लेकर खुद को चार्ज करता है. यानी बिजली के बिल का भी कोई झंझट नहीं है. मशीन में लगे सायरन अलग-अलग तीव्रता और ध्वनि में बजते हैं, जिससे जानवर डर के कारण खेत के पास नहीं आते. साथ ही इसमें घूमने वाली लाइटें लगी हैं, जो चारों तरफ रोशनी फैलाती हैं और दूर से ही खतरे का संकेत देती हैं.
आपको बता दें कि ग्राम भसूड़ा तहसील बीसलपुर के निवासी डॉ. हरमीत सिंह ने विज्ञान से स्नातक, बीएड, लॉ, यूजीसी नेट, कंप्यूटर डिप्लोमा (हार्डवेयर एंड सॉफ्टवेयर), एमबीए व पीएचडी किया हुआ है. इन्होंने कई शिक्षण संस्थाओं में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर व प्रिंसिपल के पद पर नोएडा, अमृतसर, देहरादून, बीसलपुर (पीलीभीत) में अपनी सेवाएं प्रदान की है. वर्तमान में डॉ सिंह कृषि में आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल में नए तौर तरीको पर कम कर रहे हैं.
डॉ सिंह समय समय पर अलग अलग रिसर्च संस्थाओं में किए जा रहे नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल व खोजों को देखने जाते रहते है और कैसे उसका इस्तेमाल कम कीमत पर आम आदमी कर सकता है इस पर कार्य कर रहे है. लेकिन कृषि सेक्टर में कुछ अगल करने की तमन्ना लेकर उन्होंने स्मार्ट रडार लाइट सिस्टम नाम से अनोखा यंत्र तैयार किया है, जिसकी चर्चा आज पूरे देश में हो रही है. फिलहाल, हरमीत इस यंत्र को पेटेंट करवाने की तैयारी कर रहे है.
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