kisan tak summit: कृष‍ि श‍िक्षा में नौकरी के अवसर खुल कर सामने आ रहे हैं, छत्तीसगढ़ को भी मिला फायदा: डॉ. चंदेल

kisan tak summit: कृष‍ि श‍िक्षा में नौकरी के अवसर खुल कर सामने आ रहे हैं, छत्तीसगढ़ को भी मिला फायदा: डॉ. चंदेल

इंडिया टुडे ग्रुप के किसान तक चैनल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान तक समिट का आयोज किया. इस समिट में प्रदेश सरकार के सलाहकार प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादक आयुक्त कमलप्रीत सिंह और वेटनरी एवं कृषि विभाग की डायरेक्टर चंदन त्रिपाठी ने संबोधित किया. चर्चा में कई मुद्दों पर गहन विमर्श किया गया.

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kisan tak summit: कृष‍ि श‍िक्षा में नौकरी के अवसर खुल कर सामने आ रहे हैं, छत्तीसगढ़ को भी मिला फायदा: डॉ. चंदेलरायपुर में किसान तक समिट का आयोजन

इंडिया टुडे ग्रुप के किसान तक चैनल ने सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान तक समिट' का आयोजन किया. इसमें चौथे सेशन में' कृषि शिक्षा कितनी कारगर विषय पर चर्चा करते हुए आईजीकेवी के वीसी गिरीश चंदेल ने कहा कि उनकी विश्वविद्यालय के 70-80 फीसदी विद्यार्थी किसान बैकग्राउंड से आते हैं. इसी सेशन में कृषि कल्याण परिषद् के चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि जहां पूरे देश में खेती-किसानी के धंधे को बुरा माना जाता था, खासकर युवा खेती को हेय दृष्टि से देखते थे, लेकिन किचन में अगर आप देखें तो नमक को छोड़कर ऐसी कोई चीज नहीं है जो खेती की न हो. मुख्यमंत्री मानते हैं कि छत्तीसगढ़ को समृद्ध करना है तो किसानों को समृद्ध करना होगा.

सुरेंद्र शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ की 96 फीसदी आबादी परोक्ष अपरोक्ष रूप से खेती से जुड़े हैं. आज से 5 साल पहले खेती का पेशा नुकसान का माना जाता था. अगर देखा जाए तो आज की बेरोजगारी में सबसे अध‍िक क्षमता कृष‍ि में है. अगर आप अपने क‍िचन में देखेंगे तो नमक के अलावा सभी उत्पाद खेती से जुड़े हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए कृष‍ि के दम पर छत्तीसगढ़ का व‍िकास क‍िया जा रहा है.

सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में तमाम मोटे अनाजों की खेती हो रही है. कृषि विश्वविद्यालय की मदद से नई तरीकों का इस्तेमाल पढ़े लिखे युवा कर कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के युवा अब शहरों में काम करना बंद कर वे वापस खेती की ओर जा रहे हैं. अब वे गांव में गर्व से जी सकते हैं.

कृषि क्षेत्र में बढ़े नौकरियों के अवसर

सेशन में गिरीश चंदेल ने कहा, पूरे विश्व में कोविड का जितना असर हुआ, उतना भारत में नहीं हुआ क्योंकि हमारा खानपान ऐसा रहा कि हम बचे रहे. इम्युनिटी बढ़ाने वाले उत्पाद बाजार में आ रहे हैं जिससे किसानों को फायदा हो रहा है. छत्तीसगढ़ के कई युवा केंद्र की योजना का लाभ लेकर बड़े उद्यमी बने हैं. चंदेल ने कहा, कृष‍ि श‍िक्षा में नौकरी के अवसर खुल कर सामने आ रहे हैं. कोरोना के बाद इम्यून‍िटी बढ़ाने वाले उत्पाद का व‍िस्तार हुआ है. इसको लेकर काम हो रहा है.

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चंदेल ने कहा, क‍िसान जन्मों से खेती करता आया है , लेेक‍िन उन्नत खेती के ल‍िए क‍िसानों को कृष‍ि श‍िक्षा के बारे में जानना जरूरी है. , जब हर‍ित क्रांति‍  हुई थी , उस समय लाल गेहूं आया, ज‍िसे हम खाने को मजबूर थे. हर‍ित क्रांति‍ के बाद हम क‍िसानों को उन्नत बीज, तकनीक के बारे में बताने में सक्षम हुए. 1994 तक क‍िसानों ने देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मन‍िर्भर हुआ है. उसमें कृष‍ि श‍िक्षा की भूम‍िका अहम रही है. इस कृष‍ि संस्थान की अहम भूम‍िका रही है.

वृक्षारोपण पर ध्यान अधिक

सुरेंद्र शर्मा ने कहा, बंदरों की समस्या क्यों है. हमने जगंल खत्म क‍िए हैं. हमने सरकार को सलाह दी है क‍ि 10 फीसदी फलादार वृक्षारोपण करेंगे. बंदर स‍िनेमा देखने शहर नहीं आते हैं. उन्हें खाद्यान्न चाह‍िए. हम फलादार वृक्षों का रोपण नदी क‍िनारे कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्मंत्री वन संपदा योजना लेकर आई है, उसमें एक एकड़ में 5 लाख रुपये तक की सब्स‍िडी दी जा रही है. क‍िसान अपने खेतों में भी 6 तरह के पेड़ लगा सकते हैं.

चंदेल ने कहा, कृष‍ि सेक्टर में कैंपस प्लेसमेंट कम है , लेक‍िन बहुत सी कंपन‍ियां आ रही हैं. बहुत सी कंपन‍ियां इस दि‍शा में काम कर रही है. बीज की कंपन‍ियां आती हैं. व‍िषय के ह‍िसाब से कंपन‍ियां आती है. हमारी यून‍िवर्स‍ि‍टी में सेल है. जो काम करती है. बैंक और नाबार्ड में कृष‍ि वाले बच्चों की पोस्ट‍िंग होती है.

सुगंधित किस्मों की खेती पर जोर

सुरेंद्र शर्मा ने कहा, राजीव गांधी न्याय योजना के तहत अगर क‍िसान सुंगध‍ित क‍िस्मों की खेती करते हैं तो उन्हें 9 की जगह 10 हजार रुपये की मदद दी जाएगी. ये बात सच है क‍ि छत्तीसगढ़ में धान की कई क‍िस्में हैं, लेक‍िन बहुत सी क‍िस्में गायब हो गई हैं. अध‍िक उत्पादन वाली क‍िस्मों को क‍िसान बढ़ावा दे रही है. सरकार सुंगध‍ित धान और चावल की खेती करें और उसका न‍िर्यात भी करें इसके ल‍िए सरकार काम कर रही है. इसमें क‍िसानों की मदद चाह‍िए. कीटनाशकों से सुंगध‍ित चावल की गुणवत्ता प्रभाव‍ित हो रही है. कई क‍िसान जैव‍िक खेती कर रहे हैं

डॉ. चंदेल ने कहा, छत्तीसगढ़ सुंगध‍ित धान की दो क‍िस्मों को जीआई टैग म‍िल चुका है. इसमें एक जीरा फूल का जीआई टैग म‍िला है, उसका न‍िर्यात क‍िया जा रहा है. 10 हजार म‍ह‍िलाओं का समूह उसे उगा रहा है. चंदेल ; छत्तीसगढ़ में धान की एक देशी क‍िस्म महारानी है, ज‍िसमें कैंसर रोधी गुण म‍िले है. इस कि‍स्म का पेंटेट कराने का हम प्रयास कर रहे हैं. आने वाले समय में उससे शायद कुछ ऐसी दवा बनेगी, ज‍िसे  ब्रेस्ट कैंसर की दवा बन सकेगी. यून‍िवर्सि‍टी ने धान की कई क‍िस्मों के जर्म प्लाज को संभाल कर रखा हुआ है.

पहले सेशन में खेती का गढ़, छत्तीसगढ़ विषय पर चर्चा की गई. इस सेशन में शामिल डॉ. कमलप्रीत सिंह (कृषि उत्पादन आयुक्त, छत्तीसगढ़) ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में छ्त्तीसगढ़ शासन ने पिछले पांच साल में ऐसी योजनाएं चलाई हैं जिससे किसानों को बहुत फायदा हुआ है. इसमें राजीव गांधी कृषि न्याय योजना स्कीम बहुत अहम है जिसमें किसानों को हर तरह के इनपुट खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी गई है. सरकार ने डीबीटी के माध्यम से लाखों रुपये दिए हैं. हॉर्टिकल्चर में जीरो प्रतिशत ब्याज पर लोन देने की योजना चलाई है. इसी तरह की योजना फिशरीज और अन्य पारंपरिक खेती के लिए शुरू की गई है.   

नरुवा गरुवा घुरुवा अऊ बाड़ी योजना अहम

इसी सेशन में छत्तीसगढ़ सरकार के सलाहकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद ही किसान हैं और किसान परिवार से आते हैं. सरकार की कोशिश रहती है कि किसानों की हर जरूरत के हिसाब से योजनाएं बनाई जाएं. इसमें नरुवा गरुवा घुरुवा अऊ बाड़ी योजना अहम है. इसमें नरुवा का अर्थ है छोटे-छोटे नाले, गुरुवा का अर्थ है मवेशी, बाड़ी का अर्थ है कंपोस्ट. एक लाख छप्पन हजार एकड़ जमीन मवेशियों के चारे के लिए रखे गए हैं जो कि पूरे देश में एक उदाहरण है. साढ़े सात हजार एकड़ में ताजी सब्जियों का उत्पादन हो रहा है. डेयरी में बड़ा काम चल रहा है. इससे किसानों की कमाई बढ़ रही है. मछली पालन को कृषि उद्योग को दर्जा दिया गया है. यही स्थिति बागवानी के साथ भी है.

पूरे देश के लिए लंपी बीमारी बड़ा चैलेंज

दूसरा सेशन विविधता में एकता विषय पर है जिसमें श्रीमती चंदन त्रिपाठी, डायरेक्टर, वेटनरी और कृषि विभाग, ने कहा कि गौठान योजना से पशुपालकों को बहुत लाभ मिला है. इसमें पशुओं के वैक्सीनेशन पर सबसे अधिक फोकस है. इसमें 92 लाख वैक्सीनेशन किया जा चुका है. गर्माधान में सुधार लाने पर काम हो रहा है. पशुओं के दूध की मात्रा बढ़ाने पर जोर है ताकि छह से सात लीटर तक एक पशु से दूध मिल सके.

चंदन त्रिपाठी ने कहा लंपी बीमारी अभी बड़ा चैलेंज है जिस पर छत्तीसगढ़ में बड़ा काम हो रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ी कार्ययोजना पर काम हो रहा है. लंपी यानी कि एलएसडी से निपटने के लिए बड़े स्तर पर काम हो रहा है. इसमें यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि पशु व्यापार पर कोई असर नहीं पड़े. चंदन त्रिपाठी ने कहा, पशुधन से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने पर काम हो रहा है.

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