Zoonotic Disease: Bird Flu-Lumpy बीमारियों को फैलने से कैसे रोक सकते हैं, क्या करें उपाय 

Zoonotic Disease: Bird Flu-Lumpy बीमारियों को फैलने से कैसे रोक सकते हैं, क्या करें उपाय 

Zoonotic Disease in Animals जूनोटिक बीमारियों पर काबू पाने के लिए ही नेशनल वन हैल्थ मिशन (NOHM) शुरू किया गया है. ये वो बीमारियां हैं जो पशु-पक्षि‍यों से इसांनों में होती हैं. जी-20 महामारी कोष इसे कंट्रोल करने के लिए बड़ी रकम खर्च कर रहा है. केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी) देश में इस मिशन को चला रहा है. 

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नासि‍र हुसैन
  • New Delhi,
  • Jul 17, 2025,
  • Updated Jul 17, 2025, 5:17 PM IST

Zoonotic Disease in Animals इंसानों में कोरोना, इबोला, जीका वायरस और इंफ्लूंजा ए-बी जैसी खतरनाक बीमारियों ने इंसानों के बीच खूब कोहराम मचाया. इसी तरह से पशुओं में लंपी, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू और एफएमडी जैसी बीमारियों हड़कंप मचाती रहती हैं. लेकिन इन बीमारियों का उपाय क्या है. इन्हें फैलने से कैसे रोका जा सकता है. इस बारे में एनिमल हसबेंडरी कमिश्नर डॉ. अभि‍जीत मित्रा ने किसान तक को बताया कि पशुओं से इंसानों में फैलने वाली बीमारियों को जूनोटिक (जूनोसिस) कहा जाता है. 70 फीसद बीमारियां ऐसी हैं जो पशु-पक्षि‍यों से इंसानों में होती हैं.   

जूनोटिक बीमारियों से निपटने को क्या हो रहा है?

  • जूनोटिक बीमारियों से निपटने को प्लान के तहत तीन लेवल पर सात बड़े काम किए जा रहे हैं.  
  • नेशनल और स्टेट लेवल पर महामारी की जांच के लिए संयुक्त टीम बनाई गई हैं.  
  • पशुओं की बीमारी की निगरानी का सिस्टम तैयार किया गया है. 
  • महामारी फैलने पर संयुक्त टीम रेस्पांस करेगी. 
  • मिशन के रेग्यूलेटरी सिस्टम को मजबूत बनाने पर काम हो रहा है. 
  • महामारी फैलने से पहले लोगों को चेतावनी देने के लिए सिस्टम बनाया जा रहा है. 
  • नेशनल डिजास्टर मैंनेजमेंट अथॉरिटी के साथ मिलकर महामारी की गंभीरता कम की जाएगी. 
  • प्राथमिक रोगों के टीके और उसका इलाज विकसित करने के लिए तय रिसर्च हो रही है.
  • तय वक्त में बीमारी का पता लगाने, जीनोमिक, पर्यावरण निगरानी के फार्मूले तैयार किए जा रहे हैं. 

NOHM क्यों शुरू किया गया है? 

  • कोविड, स्वाइन फ्लू, एशियन फ्लू, इबोला, जीका वायरस, एवियन इंफ्लूंजा बीमारियां फैल रही हैं. 
  • ऊपर बताई गईं बीमारियों जूनोटिक की कैटेगिरी में आती हैं. 
  • ऊपर बताई गईं बीमारियों में से ज्यादातर पशु-पक्षियों से इंसानों में आई हैं. 
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक 17 लाख वायरस जंगलों में फैले होते हैं. 
  • इसमे से बहुत सारे ऐसे वायरस हैं जो जूनोटिक की कैटेगिरी में आते हैं. 
  • जूनोटिक के विश्व में हर साल 100 करोड़ केस सामने आते हैं. 
  • विश्व में हर साल 10 लाख मौत जूनोटिक बीमारियों से हो जाती हैं. 
  • जूनोटिक बीमारियों पर काबू पाने के लिए वर्ल्ड लेवल पर कवायद शुरू हो गई है.

निष्कर्ष-

कोरोना के बाद से जूनोटिक बीमारियों पर और ज्यादा चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा में डर के साथ कुछ सवाल भी हैं. सवाल वो हैं जो आम इंसान और पशुपालक दोनों से ही जुड़े हुए हैं. इसलिए ऐसा नहीं है कि जो पशुपालक है वो ही बायो सिक्योरिटी का पालन करेगा. आम इंसान के लिए भी जरूरी है कि किसी पशु-पक्षी को हाथ लगाने से पहले और हाथ लगाने के बाद अपने हाथों को सैनिटाइज जरूर करे. 

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