Kisan Tak Summit 2023: "कृषि का महामंच" किसान तक समिट 2023, 4 सितंबर 2023, यानी आज दोपहर 12:00 बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होगा. किसान तक समिट-2023 में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू समेत कृषि क्षेत्र से जुड़े कई दिग्गज हस्तियां भी शामिल होंगी. कृषि के इस महामंच पर छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों समेत वर्तमान परिदृश्य में किसानों की स्थिति और बदलाव सभी की बात होगी. ऐसे में किसान तक समिट-2023 में आज क्या कुछ खास रहेगा? इसके अलावा, देश-दुनिया की कृषि से जुड़ी सारी लेटेस्ट जानकारी पाने के लिए 'किसान तक' से जुड़े रहें और पढ़ते रहें आज का लाइव अपडेट्स -
किसान तक समिट के मंच पर यश मिश्रा, प्रोगेसिव फार्मर ने बताया कि पहले हम सभी तीन सौ गांव में घूमकर लोगों के बीच में काम किया करता था. लेकिन बीच में मुझे समझ में आया की किसानों की स्थिति खराब है. उनकी स्थिति यदि खराब है तो वो अच्छा एग्रीकल्चर प्रोडक्ट कैसे दे सकते हैं. दिमाग में एक बात आई ना उनके पास कपड़े हैं, ना बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसा है. हम देखते हैं कि मानव के लिए सबसे जरूरी भोजन है, पानी है और हवा है. ये तीनों ही दूषित है. इससे हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ रहा है. वहीं भारत में लगभग 10 प्रतिशत किसान खेती छोड़ रहे हैं. किसान का बेटा किसान बनकर खेती नहीं करना चाहता है. किसान के बेटे को कोई अपनी लड़की नहीं देना चाहता है. उन्होंने आगे डबल्यूएचओ के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि साल 2030 तक भारत में अधिकांश लोगों को कैंसर हो सकता है, और वर्तमान की बात करूँ तो सबसे ज्यादा मधुमय आज हमारे खानपान के कारण है. ये बीमारियां खेती के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों और खादों की वजह से हो रहा है.
किसान तक समिट के मंच पर बेदेश्वरी शर्मा, प्रोगेसिव फार्मर ने बताया कि हमलोगों ने एफपीओ को 2017 में बनाया था. इसकी जानकारी मुझे उद्यानिकी विभाग से मिली. यह योजना मुझे बहुत अच्छी लगी थी. इस योजना के माध्यम से मैंने उन किसानों तक योजना कि जानकारी पहुंचाई जो किसान अशिक्षित होने की वजह से विभागीय जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग के कार्यालय में जाने से संकोच करते थे. उन्होंने आगे कहा कि धान की देसी किस्में हाइब्रिड धान की किस्में आने की वजह से खत्म होती जा रही है. वही राज्य सरकार की योजना है देसी सुगंधित धान की खेती करने वाले किसानों को 9 हजार रुपये की सबसिडी दी जाती है. इस योजना के माध्यम से भी हमने किसानों को जोड़ा.
पीएम किसान सम्मान निधि और राजीव गांधी कृषक न्याय योजना के बीच फर्क बताते हुए कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार धान की खरीदी पर बोनस के रूप में राजीव गांधी कृषक न्याय योजना के तहत प्रति क्विंटल 700 रुपये का बोनस देती है, जबकि केंद्र सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना अलग है. वहीं उन्होंने आगे कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि में 6 हजार रुपये सालाना दिया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार सालाना 7 हजार रुपये भूमिहीन किसानों को दे रही है. ये राशि एक डिसीमल से कम जमीन वाले किसानों को दी जाती है.
छत्तीसगढ़ सरकार के गृह व कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हमारी सरकार ने बेशक किसी भी सरकार को काम के लिए 5 साल मिलते हैं, लेकिन हमारी सरकार को काम करने के लिए साढ़े तीन साल ही मिले हैं और चुनाव होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बेशक सरकार के 5 साल पूरे होने को हैं, लेकिन डेढ़ साल कोरोना की वजह से सब बंद रहा है, लेकिन इसके बाद भी सरकार ने बेहतर काम किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2100 रुपये में धान खरीदने और 300 रुपये बोनस देने की बात कहीं थी, लेकिन वह नहीं कर सके. बीजेपी के शाासनकाल में 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती थी. हमारे शासन में 32 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हाे रही थी.इसी से पता लगाया जा सकता है. ये उपलब्धियां साढ़े तीन साल की है.
प्रदेशभर में धान की खेती करने वाले किसानों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में तीन सौ नई राइस मिल खोली गई है: कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू
छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेशभर में 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बिजली मुहैया करा रही है: कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू
छत्तीसगढ़ सरकार के गृह व कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के बाद हमारी सरकार ने धान खरीदी का अपना वायदा पूरा किया. हमने 2500 रुपये क्विंटल में धान खरीदी का वायदा किया था. हालांकि सरकार से इस मामले पर हमारा गतिरोध भी हुआ. केंद्र सरकार ने कहा कि अगर समर्थन मूल्य 1800 रुपये से अधिक राज्य सरकार किसानों से धान खरीदती है, तो केंद्र उस धान की खरीदी नहीं कर पाएगा. इसका तोड़ भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने निकाला. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने किसानों को 2500 रुपये क्विंटल में धान खरीदने का वायदा किया था. इस बात को ध्यान में रखते हुए राजीव गांधी कृषक न्याय योजना शुरू की. जिसके तहत 700 रुपये क्विटल किसानों को बोनस के रूप में किसानों को दिए जाते हैं.
आप देखेंगे कि 325 करोड़ रुपये किसानों का सिंचाई कर्ज माफ हमने किया. 11 हजार करोड़ रुपये किसानों को बिजली बिल, पंप समेत अन्य योजना के तहत बिजली बिल हाफ योजना का लाभ ले रहे हैं. व्यापारी अगर 10 हैं तो किसान 90 हैं. बिजली की सब्सिडी के तौर पर भी किसानों को दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में अभी तक 17 लाख किसानों का 9 हजार 720 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जा चुका है: कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू
हमारे पांच से पहले कर्ज से दबे किसान आत्महत्या करते थे. ऐसी खबरें आती रहती थीं. इस पांच साल में कर्ज के कारण एक भी किसान ने आत्म हत्या नहीं किया है- कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू ने किसान तक समिट में बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में जो याेजना बननी शुरू हुई है, वह किसानों से ही बननी शुरू हुई. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले राहुल गांधी रायपुर आए थे. उन्होंने वायदा किया था कि कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करेंगे. इसके बाद जनमत से हमारी सरकार बनी. ये खुशी का पल था. 15 साल बाद कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनी थी. इसकी खुशी बनाई जा सकती है, लेकिन रायपुर में राहुल गांधी को एयरपोर्ट छोड़ने के बाद सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज माफ किया.
धमतरी के किसानों को सलाह देते हुए विजयपाल सिंह ने कहा कि उन्हें पूसा बासमती 847 लगानी चाहिए. यह धमतरी के लिए उपयुक्त फसल है. विजयपाल सिंह ने कहा कि हर किसान को अपने खेत में एक दो फल के पेड़ लगाने चाहिए. इसमें जामुन हो सकता है, इसमें अमरूद हो सकता है. उन्होंने मोरिंग खाने की भी सलाह दी.
ब्राउन राइस के बारे में विजयपाल सिंह ने कहा कि जब चावल से छिलका उतार लेते हैं तो उसे ब्राउन राइस कहते हैं. यह चावल पकने में टाइम लगता है, पकने पर लंबा नहीं होता. इस चावल को अधिक से अधिक चबाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया तो ब्राउन राइस खाने का कोई फायदा नहीं होता: विजयपाल सिंह
सबसे लंबी बासमती के बारे में विजयपाल सिंह ने कहा कि पूसा बासमती 1121 पकने के बाद 20 एमएम की हो जाती थी. एक कटोरी चावल बनने के बाद 20 कटोरी हो जाता था. इस गुण के कारण बासमती 1121 ने पूरी दुनिया का बाजार बदल दिया. इस चावल का निर्यात आज 100 से अधिक देशों में किया जा रहा है. इस चावल ने अमेरिका के लॉन्ग ग्रेन और ईरान के चावल को बड़े स्तर पर प्रभावित किया.
दुनिया में बासमती की सबसे लंबी किस्म पूसा बासमती 1121 विकसित करने वाले वैज्ञानिक विजयपाल सिंह ने कहा, हर खुशबू वाला चावल बामसती नहीं हो सकता लेकिन बासमती में खुशबू होना जरूरी है.
स्पेशल सेशन में पद्मश्री वैज्ञानिक विजयपाल सिंह ने कहा कि बासमती का मतलब ये होता है कि एक कटोरी चावल बनाएं तो वह पांच कटोरी हो जाए. चावल ऐसा हो कि उसकी सुगंध दूर तक जाए. बासमती चावल बनने के बाद मोती की तरह बिखर जाए. बासमती चालव लंबा भी हो और पतला भी हो. बासमती की क्वालिटी तभी अच्छी होती है कि रात को बनाएं तो सुबह भी खाने लायक हो.
विजय पाल सिंह ने किसान की पैदावार बढ़े और किसान की आय बढ़ने की बात कही. पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चार जिले और जम्मू के तीन जिले ही बासमती चावल के लिए गौरव का क्षेत्र हैं. जहां पर उगाए जाने वाली बासमती को ही बासमती माना जाएगा. पूरी दुनिया में मात्र 2 देश हैं जो बासमती चावल का एक्सपोर्ट करते हैं. एक भारत और एक पाकिस्तान. एक्सपोर्ट करने के लिए उसको बासमती माना जाएगा.
कार्यक्रम में एक किसान ने पूछा कि बंदरों के आतंक से बचाने के लिए सरकार की क्या योजना है, क्योंकि किसानों ने इसके चलते सब्जी की खेती छोड़ दी है. किसान ने पूछा कि सरकार की तरफ से ग्राम सेवकों को क्या निर्देश दिया जा रहा है, ताकि बंदरों के आतंक से किसानों को बचाया जा सके. इस पर एक वर्मा ने कहा कि इंसानों ने बंदरों के आवास को तबाह किया है जिससे इंसानों और पशुओं के बीच का तालमेल बिगड़ा है. इस पर हमें सोचना होगा. इसी सेशन में जेएससीएस राव ने कहा कि हमें सुबह-सुबह तुलसी का पत्ता नहीं खाना चाहिए, क्योंकि उसमें मरकरी होता है बल्कि तुलसी के पत्ते को पानी में डालकर उस पानी को पीना चाहिए.
रबी सीजन में किसानों को बहुत कम पैसा मिलता है. सिंचाई की सुविधा के कारण किसानों को मुश्किल होती है. मिंट की खेती का पिछले साल ट्रायल लिया गया है. 4 किस्म लगाईंं गई हैं. प्रति एकड़ 30 से 40 हजार रुपये का शुद्ध मुनाफा मिल रहा है: जेएसीएस राव
छत्तीसगढ़ में मेंड़ बहुत है मेंड़ में सतरीठा जैसे पौधे लगाए जा सकते हैं. महिला सशक्तीरण को लेकर भी सरकार काम कर रही है. किसान एक एकड़ खेत में मेहनत में करके जितना कमाते हैं. महिलाएं आंगन में 100 से 135 सतावरी और सर्पगंधा के पौधे लगाती हैं, तो 25 से 30 हजार रुपये आसानी से कमा सकती हैं. बोर्ड पौधों को फ्री में दे रहा है. इस साल एक करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं.- जेएसीएस राव
जेएसीएस राव ने कहा कि रेटा का पौधा, सोपनट जैसे पौधे मेंड़ पर लगा दें तो एक एकड़ में फसलों से जितनी कमाई होती है, उतनी कमाई रेटा और सोनपट जैसे पौधे से कमा सकते हैं. सर्पगंधा से भी कमाई बढ़ाई जा सकती है. राव ने कहा कि उनके बोर्ड के माध्यम से पौधे लगाने के लिए मिल जाएंगे.
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