जीएम मक्का के दो किस्मों का फील्ड ट्रायल बहुत जल्द शुरू होने वाला है. इसी खरीफ (गर्मी) सीजन में इन दोनों किस्मों के फील्ड ट्रायल की शुरुआत की संभावना है. फील्ड ट्रायल का यह काम पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हो सकता है. एक मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है. इस फील्ड ट्रायल की मंजूरी जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी ने भी दे दी है. यही कमेटी जीएम फसलों के ट्रायल और उससे जुड़े काम देखती है. पंजाब सरकार से सहमति मिलने के बाद अप्रेजल कमेटी ने मक्के की दो किस्मों के जीएम ट्रायल की मंजूरी दी है.
1-जीएम मक्के का फील्ड ट्रायल कहां होगा?
- जून महीने में जीएम मक्के की दो किस्मों के फील्ड ट्रायल पर हुई चर्चा.
- इस ट्रायल के लिए बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड कंपनी ने दिया प्रस्ताव.
- यह फील्ड ट्रायल पूरी तरह से सीमित इलाके में करने की है योजना.
- हर्बीसाइड टॉलरेंट ट्रांसजेनिक मक्का और इनसेक्ट रेसिस्टेंट ट्रांसजेनिक मक्के का होगा ट्रायल.
- लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में इसी खरीफ सीजन में होगा ट्रायल.
2-जीएम मक्के के फील्ड ट्रायल में क्या होगा
- फील्ड ट्रायल में देखा जाएगा कि खरपतवार प्रतिरोधी मक्का इसे कैसे कंट्रोल करता है.
- हर्बीसाइड टॉलरेंट मक्के की किस्म में ग्लाफोसेट-के सॉल्ट का प्रयोग किया गया है.
- इंसेक्ट रेसिस्टेंट मक्के के फील्ड ट्रायल में देखा जाएगा कि यह किस्म कीटों से कैसे छुटकारा पाती है.
3-फील्ड ट्रायल के बारे में PAU ने क्या कहा?
- जीएम मक्के के फील्ड ट्रायल के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधा और एक्सपर्ट मौजूद है.
- पीएयू का कहना है कि जब तक जीएम मक्के का ट्रायल नहीं होगा, तब तक इसके अच्छे या बुरे की जानकारी नहीं मिलेगी.
- ट्रायल केवल रिसर्च के लिए है और इसे किसी भी तरह से कॉमर्शियल इस्तेमाल में नहीं लिया जाएगा.
- भारत सरकार के निर्देशों और कायदे-कानून के तहत यह फील्ड ट्रायल किया जाएगा.
4-ग्लाइफोसेट केमिकल पर क्यों मचा है बवाल?
- जीएम मक्के के फील्ड ट्रायल में ग्लाइफोसेट केमिकल का इस्तेमाल होगा जिसका विरोध कई संगठन कर रहे हैं.
- इस विरोध के बाबत संगठनों ने पंजाब सरकार से इस ट्रायल को वापस लेने का आग्रह किया है.
- 2018 में पंजाब सरकार ने ग्लाइफोसेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके बावजूद जीएम मक्के में इसका ट्रायल हो रहा है.
- ग्लाइफोसेट केमिकल को लेकर पहले भी विरोध होते रहे हैं और अब भी इसके खिलाफ आवाज उठती है.
5-निष्कर्ष
देश में जीएम फसलों के ट्रायल पर विरोध चलता रहा है. सरकार ने भी जीएम फसलों के विरोध में बातें कही हैं. इस बीच सरकार की अप्रेजल कमेटी ने जीएम मक्के की दो किस्मों के ट्रायल की मंजूरी दी है जिसका विरोध कई संगठन कर रहे हैं. संगठनों ने ग्लाइफोसेट केमिकल का विरोध किया है जिसका प्रयोग जीएम मक्के के फील्ड ट्रायल में किया जा रहा है. हालांकि इस ट्रायल को करने वाले पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने कहा है कि यह पूरी तरह से अध्ययन के लिए है न कि किसी कॉमर्शियल इस्तेमाल के लिए.