Kisan Tak Summit 2024: किसानों की रचनात्मक खबरें दिखाने के लिए 'किसान तक' को दिल से धन्यवाद- कृषि मंत्री शिवराज सिंह

Kisan Tak Summit 2024: किसानों की रचनात्मक खबरें दिखाने के लिए 'किसान तक' को दिल से धन्यवाद- कृषि मंत्री शिवराज सिंह

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल और यूट्यूब चैनल किसान तक के महासम्मेलन में केंद्रीय कृषि‍ एवं किसान कल्‍याण मंत्री शिवराज स‍िंह चौहान ने शिरकत की. किसान तक के महासम्मेलन में ‘अगले एक दशक में कैसी होगी खेती की दिशा-दशा है’ सत्र कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की कोशि‍शों और योजनाओं पर अपनी बात रखी. साथ ही उनसे किसानों के तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.

Shivraj Singh Kisan Tak Summit 2024Shivraj Singh Kisan Tak Summit 2024
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Dec 19, 2024,
  • Updated Dec 19, 2024, 2:14 PM IST

इंडिया टुडे ग्रुप के डिजिटल और यूट्यूब चैनल किसान तक के महासम्मेलन में केंद्रीय कृषि‍ एवं किसान कल्‍याण मंत्री शिवराज स‍िंह चौहान ने शिरकत की. उन्‍होंने अगले एक दशक में कैसी होगी खेती की दिशा-दशा टॉपिक पर बात की. चर्चा के दौरान कृषि मंत्री ने खेती के हर मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने एमएसपी से लेकर फसल बीमा योजना और किसानों की आय बढ़ाने से लेकर जीएम सीड्स तक पर अपनी बात रखी. अगला एक दशक भारतीय किसानों के लिए किस तरह से देखते हैं, इस पर शिवराज सिंह चौहान के कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और उसकी आत्मा किसान हैं. इसलिए किसान की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है. 

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'खेती को फायदे का सौदा बनाना है'

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में खेती की चुनौतियां अलग-अलग हैं. खेती के और जोत के आकार छोटे है. मुख्‍य समस्‍या छोटे और सीमांत किसानों की है. वैसे में खेती को फायदे का सौदा बनाना चुनौती है. लेकिन, पीएम मोदी के नेतृत्‍व में हमने किसानों की आय बढ़ाने के लिए 6 सूत्रीय रणनीति बनाई है और अगले दशक में हम इसे जारी रखेंगे. 

उन्‍होंने कहा कि अगले एक दशक के बारे में बात करें तो इसे फायदे का सौदा बनाना है. किसानों की आय बढ़ाने पर जोर रहेगा. इसके लिए उत्पादन बढ़ाएंगे. 65 फसलों की 109 बीजों की नई किस्में पीएम मोदी जी ने जारी की है. इससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. पीएम किसान की जहां तक बात है तो इसका 6000 रुपये केवल 6000 रुपये नहीं है बल्कि किसानों के लिए वह बहुत कुछ है. कृषि मंत्री ने एमएसपी के बारे में कहा कि जो अधिसूचित फसलें हैं, उसे खरीदने के लिए योजनाएं बताई हैं.

उपज के रेट में हमारी एनडीए की सरकार बहुत बदलाव लेकर आई है. इसके बारे में सरकार पहले ही बता चुकी है. किसानों को पहले बहुत अच्छा रेट दिया जा रहा है. कृषि की चुनौतियों की जहां तक बात है तो इसमें राज्य और केंद्र सरकारों को एकसाथ बैठना है. 29 राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है. इसमें केंद्र और राज्य सरकारें एक दूसरे की मदद कर रहे हैं. मध्य प्रदेश जिस तरह फसलों के उत्पादन में पहले स्थान पर पहुंचा, उसे देखते हुए पूरे देश में कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए उत्पादन बढ़ाना, लागत कम करना, ठीक दाम देना, किसान की भरपाई करना और कृषि का विविधीकरण पर जोर दे रहे हैं.

'किसान वोट बैंक नहीं'

हरि‍याणा और महाराष्‍ट्र में भाजपा की जीत में किसानों की भूमिका के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि किसानों को हम वोट बैंक के रूप में नहीं देखते हैं. उन्‍होंने कहा कि कृषि के लिए हमें तात्‍कालिक और दीर्घकाल‍िक उपाय करने होंगे. किसान तोअन्‍नदाता है. अन्‍नदाता सुखी भव: ये हमारा मूल मंत्र है. किसान हमारे लिए वोट बैंक नहीं है. उन्‍होंने कहा कि हमारी दीर्घकालिक योजनाओं में फसल विव‍िधीकरण, जैवि‍क खेती, प्राकृतिक खेती, दलहन और तिलहन के लिए अलग मिशन बनाए गए हैं. बागवानी पर काम किया जा रहा है. खेती से जुड़ी आय बढ़ाने वाली अन्‍य गतिविध‍ियों पर हम काम कर रहे हैं.

साल में एक बार कृषि‍ उत्‍सव मनाया जाना चाहिए

लैब टू लैंड नारे पर शिवराज सिंह ने कहा कि कृषि का शोध केवल प्रयोगशाला तक नहीं रहना चाहिए, बल्कि कोई भी शोध किसान तक और खेत तक जाना चाहिए. इसके लिए हमने आधुनिक कृषि चौपाल शुरू किया है. इसमें वैज्ञानिक और किसान सामने बैठते हैं. इसमें केवीके में किसान और वैज्ञानिक बैठेंगे और एक जानकारी का आदान-प्रदान करेंगे. हर शनिवार इसे करेंगे. कृषि मेले भी लगाए जाएंगे. साल में एक बार कृषि उत्सव मनाना चाहिए. इसमें हमें किसानों के बीच जाना चाहिए.

फसल बीमा से नुकसान की भरपाई हो रही

बारिश की वजह से जहां भी नुकसान होता है, वहां हम जाते हैं, तेलंगाना में गए थे. इसमें फसल बीमा योजना की मदद मिलती है. पहले फसल बीमा योजना थी उसमें केवल सरकारी एजेंसी ही नुकसान की भरपाई करती थी. अब इंश्योरेंस कंपनियां करती हैं. पहले जब तक पूरी तहसील में फसल खराब न हो जाए तब तक नुकसान की भरपाई नहीं मिलती थी,हमने उसे तय कर दिया कि गांव में भी अगर फसल खराब होगी तो भरपाई मिलेगी. गांव में भी अब खेत को बना दिया. अगर खेत में फसल खराब होगी तो नुकसान की भरपाई क्यों नहीं मिलेगी.

जीएम सीड्स पर अभी फैसला नहीं

जीएम सीड्स के बारे में कृषि मंत्री ने कहा, इसे लेकर हमारे वैज्ञानिकों के मन में आशंकाएं हैं, किसान के मन में तो है ही क्योंकि ये सीड जब हम इस्तेमाल करते हैं तो इसे हर साल बदलना पड़ता है. किसान इन बीजों पर निर्भर हो जाते हैं. इसके कई तरह के दुष्परिणाम हैं. ऐसे कई साइंटिस्ट भी कहते हैं, देश में भी आशंकाएं हैं. इसलिए अभी हमने जीएम सीड की तरफ नहीं जाने का फैसला लिया है. तब तक कि जब तक सारी आशंकाओं का समाधान न हो जाए. कोई भी चीज जो लॉन्ग टर्म में हमारे किसान के लिए न हो, हम केवल कंपनियों पर बीज के लिए आधारित हो जाएं और कंपनियां मनमाने तरीके से दाम बढ़ाएं और उसके बाकी दुष्परिणाम भी हों, ये देखते हुए हम एकदम जीएम सीड्स की तरफ नहीं जा सकते. सोच विचार करके ऐसे फैसले होते हैं. 

किसान तक को दिल से धन्यवाद

कृषि मंत्री ने कहा कि आज संसद में व्हिप है, इसलिए 2 बजे संसद में हर मंत्री और सांसद को हाजिर होना पड़ेगा. मेरा आज यहां भोजन करने का भी कार्यक्रम था, लेकिन अगली बार फिर किसान तक के साथ, किसानों के साथ बात करूंगा. आज दो बजे संसद पहुंचना है, इसलिए माफी चाहता हूं. किसान तक को ह्रदय से धन्यवाद देता हूं और निवेदन भी करता हूं कि जो आधुनिक शोध है, और खेती की प्रैक्टिस है वह दूसरे किसान तक पहुंचे. चैनल चटकारेदार खबरें तो खूब दिखाते हैं, वो भी खबर होती भी हैं, लेकिन इस तरह की रचनात्मक खबरें जो प्रगति के लिए जरूरी है, जो किसान की जिंदगी बदल देगी, वो दिखाना भी बहुत जरूरी है और आप ये दिखा रहे हैं इसलिए किसान तक को ह्रदय से धन्यवाद. आप सब किसान भाइयों को भी प्रणाम. 

प्रोग्राम के स्पॉन्सर्स

Kisan tak summit 2024 के स्पॉन्सर उत्तर प्रदेश सरकार (स्टेट पार्टनर), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (बैंकिंग पार्टनर), स्टारएग्री (वेयरहाउस पार्टनर), धानुका एग्रीटेक लिमिटेड (एसोसिएट पार्टनर), इफको, यारा, एमएमएल हैं. प्रोग्राम का नॉलेज पार्टनर आईसीएआर.

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