भारत सरकार ने गाम्बिया और सेनेगल को 3.5 लाख टन टूटे हुए चावल भेजने की अनुमति दी है. आपको बता दें टूटे चावल के शिपमेंट पर 8 सितंबर, 2022 को सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया गया था.वित्त मंत्रालय द्वारा अहमदाबाद, चेन्नई, विजाग, नागपुर और मुंबई में सीमा शुल्क के मुख्य आयुक्तों को भेजे गए एक आदेश में वाणिज्य मंत्रालय ने 1 लाख टन टूटे चावल को गाम्बिया भेजने की अनुमति दी है. वहीं 2.5 लाख टन टूटा चावल सेनेगल भेजा जाएगा.
मंत्रालय ने 9,990 टन टूटे चावल को जिबूती, इथोपिया भेजने की अनुमति भी दे दी है. रूबी ओवरसीज, जो चेन्नई में स्थित है, वहां से इन देशों में पैकेज भेजेगी. गाम्बिया के मामले में, केंद्र ने रॉयल मिराज कंसल्टेंट (5,000 टन), सरला फूड प्राइवेट लिमिटेड (12,500 टन) और लक्ष्मी ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड को टूटे चावल (2,000 टन) के निर्यात की अनुमति दी है.
सेनेगल के लिए, मंत्रालय ने कुल 2.5 लाख टन में से 1,12,500 टन को मंजूरी दे दी है. इसका मतलब है कि सरला फूड्स, श्री चित्रा एक्सपोर्ट्स, मनासा क्वालिटी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, पट्टाभि एग्रो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और सीएलआरके इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड प्रत्येक 22,500 टन का निर्यात कर सकते हैं.
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व्यापार से जुड़े कुछ लोग इस बात से परेशान हैं कि इन देशों को तोड़ा चावल भेजा जा सकता है, लेकिन दूसरों को नहीं. उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि केंद्र ऐसा क्यों होने दे रहा है. खरीफ सीजन में, चावल का उत्पादन 2021 में 111 मिलियन टन की तुलना में 2022 में कम होकर 108.07 मिलियन टन (mt) होने की उम्मीद है. लेकिन रबी उत्पादन में वृद्धि से नुकसान हुआ है, जिसे कृषि मंत्रालय ने एक साल पहले के 18.47 मिलियन टन की तुलना में 22.76 मिलियन टन का अनुमान है.
कृषि मंत्रालय का मानना है कि अब से जून तक जितने चावल उगाए जाएंगे, वह रिकॉर्ड 130.84 मिलियन टन होगा, जबकि पिछले फसल वर्ष में यह 129.47 मिलियन टन था.