मंडी में बकरा बेचने जा रहे हैं तो घर पर ही कर लें ये पांच जरूरी जांच, नहीं होगा नुकसान

मंडी में बकरा बेचने जा रहे हैं तो घर पर ही कर लें ये पांच जरूरी जांच, नहीं होगा नुकसान

जानकारों की मानें तो ऐसे बकरों के मुंह मांगे दाम मिलते हैं जो अपने रंग और कद-काठी की वजह से देखने में खूबसूरत होते हैं. ऐसे बकरे बिकते भी जल्दी है. कुर्बानी की बहुत सारी शर्तों ये भी शामिल है कि कुर्बानी का पशु देखने में अच्छा यानि खूबसूरत हो. 

बकरों का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तकबकरों का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jun 19, 2023,
  • Updated Jun 19, 2023, 4:55 PM IST

बकरीद के लिए बकरों की खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है. दिनों के हिसाब से लगने वाली हाट में भी बकरे खूब आ रहे हैं. इसके अलावा भी पशुपालक मुस्लिम मोहल्लों  में बकरे लेकर घूम रहे हैं. सोमवार यानि आज बकरीद का चांद दिखाई देने की पूरी उम्मीद है. चांद दिखने के 10वें दिन बकरीद मनाई जाती है. इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती है. इस हिसाब से बकरों की बिक्री के लिए अभी 10 दिन बाकी हैं. अगर पशुपालक चाहते हैं कि बकरीद से पहले-पहले उनके सारे बकरे बिक जाएं तो बकरों को बाजार ले जाने से पहले घर पर ही उनकी जरूरी जांच कर लें. 

कुर्बानी के हिसाब से पांच एंगिल पर जांच-परख करने के बाद ही बकरों को बेचने के लिए बाजार और हाट में ले जाएं. अगर इन पांच में से कोई भी एक कमी आपके बकरों में रह गई तो बाजार में फिर उनकी बोली नहीं लगेगी. कुर्बानी के हिसाब से तो फिर कोई 10 हजार वाले बकरे के पांच हजार रुपये भी नहीं देगा. 

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ये पांच कमी बकरे में हैं तो फिर नहीं बिकेगा बकरीद पर 

बकरों के बड़े कारोबारियों में शामिल यूपी के सलीम पठान ने किसान तक को बताया कि जब पशुपालक अपने बकरे खासतौर पर बकरीद के दौरान कुर्बानी के लिए बेचने को ले जाए तो उससे पहले घर पर ही इन पांच बातों को ध्यान में रखते हुए उनकी जांच कर लें. सबसे पहले किसी भी बकरे की जांच करने के लिए उसकी शुरुआत उसके सींग से करें. इस बात की तस्दीक कर लें कि उसका सींग टूटा हुआ न हो. ऐसा भी न हो कि किसी चोट के दौरान एक सींग टूटकर गिर गया हो और एक सींग रह गया हो. 

उसके बाद बकरे के दांत की जांच करें. बकरा अदंत यानि बिना दांतों का न हो. बकरा अगर दो दांत का है तो वो जल्दी बिकेगा. क्योंकि दो दांत का बकरा एक साल का जवान माना जाता है. बकरा दुबला-पतला और कमजोर न हो. बकरे को किसी भी तरह की कोई बीमारी न हो. बकरे का कोई भी अंग कटा हुआ न हो. बकरा चोटिल न हो.

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ऐसे बकरों की बाजार में कोई बोली नहीं लगती है. बकरों का कोई खरीदार नहीं मिलता है. क्योंकि कुर्बानी की शर्तों में ये सब शामिल है कि अगर बकरे के अंदर ऊपर बताई गई पांच बातों में से कोई भी एक लागू होती है तो उसकी कुर्बानी नहीं दी जा सकती है.

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