
उत्तर प्रदेश के बांदा में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां धान खरीद में शामिल व्यापारी किसानों के साथ एक बड़ा घोटाला कर रहे हैं. व्यापारी खुलेआम किसानों को धोखा दे रहे हैं और प्रति बोरी 8 से 10 किलोग्राम धान कम तोल रहे हैं. यह तब सामने आया जब एक किसान ने घर पर अपने धान की बोरी का वजन किया और पाया कि उसका वजन 71 किलोग्राम था. जबकि व्यापारी ने इसे सिर्फ 61 किलोग्राम दर्ज किया था. हैरानी की बात है कि ये व्यापारी पहले ही दर्जनों किसानों को धोखा दे चुके हैं. जब कम वजन का घोटाला सामने आया, तो किसानों ने जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर डिप्टी तहसीलदार और मंडी सचिव मौके पर पहुंचे, जिसके बाद व्यापारी भाग गया.
अधिकारियों ने जांच की और आरोपों को सच पाया. इसके बाद, अधिकारियों ने यह सुनिश्चित किया कि दर्जनों किसानों को उनके पैसे वापस मिले. कई लोग मिलकर एक दुकान चला रहे थे और किसानों को धोखा दे रहे थे. मंडी सचिव ने बताया कि दुकानदार बिना लाइसेंस के दुकान चला रहा था और किसानों के धान का कम वजन करने की पुष्टि हो गई है. जांच चल रही है और कार्रवाई की जा रही है. किसानों ने मांग की है कि लाखों रुपये के इस घोटाले के लिए दुकानदारों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए.
यह घटना बाबेरू तहसील इलाके के आहार गांव में हुई, जहां व्यापारी बिना लाइसेंस के धान खरीद रहे थे. किसानों का आरोप है कि दुकानदार इलेक्ट्रॉनिक तराजू में हेराफेरी कर रहे थे, जिससे हर बोरी में 8 से 10 किलोग्राम धान कम तोला जा रहा था. यह तब सामने आया जब कुछ किसानों ने दुकानदार के पास लाने से पहले घर पर अपना धान तोला. नहीं तो, इन दुकानदारों ने पहले ही दर्जनों किसानों को लाखों रुपये का चूना लगा दिया था. धोखाधड़ी का पता चलने पर किसान गुस्से में आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार मनोहर सिंह और मंडी सचिव अखंड प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे.
उन्होंने व्यापारियों की दुकानों में रखा धान जब्त किया और उसे तुलवाया, जिससे किसानों के आरोप सही साबित हुए. व्यापारियों की चाल यह थी कि वे ऊंची कीमतें बताते थे, लेकिन धान कम तोलते थे, जिससे छोटे और बड़े दोनों तरह के किसानों को खुलेआम धोखा दिया जा रहा था. जांच के दौरान अधिकारियों को यह भी पता चला कि दुकानदार के पास लाइसेंस भी नहीं था. इसके बाद, मंडी सचिव ने यह सुनिश्चित किया कि दर्जनों किसानों को कम तोले गए धान के पैसे वापस मिलें, जिसके बाद किसान शांत हुए. किसानों ने मंडी सचिव और स्थानीय विभागीय प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. बांदा में, अन्नदाता किसान बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. एक तरफ मौसम की मार ने उन्हें बर्बाद कर दिया है, और दूसरी तरफ, विभाग के साथ मिलीभगत करके व्यापारी उन्हें खुलेआम लूट रहे हैं.
मंडी सेक्रेटरी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि बाबेरू इलाके के आहार गांव में कुछ व्यापारी बिना लाइसेंस के धान खरीद रहे थे, जिन्हें पहले ही नोटिस दिया जा चुका था. उन्होंने आगे बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि किसानों का धान बोरियों में कम तोला जा रहा है. मौके पर जाकर जांच की गई, जिसमें धान की कम तौल की पुष्टि हुई. सही तौल के बाद किसानों का पैसा लौटा दिया गया और 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. मामले की जांच के बाद आगे की विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
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