इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट (IRMA) इरमा ने स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए एक मुहिम शुरू की है. इसके तहत स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए न सिर्फ आर्थिक सहयोग दिया जाएगा बल्कि इंडस्ट्री के विशेषज्ञ उन्हें गाइड भी करेंगे. बताएंगे कि कैसे स्टार्टअप्स के प्रोडक्ट की मार्केट बनाई जाए. नए आइडिया के साथ उभरते उद्यमियों की सबसे बड़ी समस्या फंडिंग की है और उसका समाधान इरमा करने जा रहा है. फंडिंग के लिए एलआईसी एचएफएल अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) बजट से सहयोग दे रहा है. इरमा रूरल मैनेजमेंट की पढ़ाई करवाने वाला देश का सबसे बड़ा संस्थान है, जिसकी स्थापना श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन ने की थी. यह गुजरात के आणंद में स्थित है.
इरमा आईसिड फाउंडेशन के एमडी डॉ राकेश अरावतिया ने बताया कि फंडिंग के लिए करीब दो महीने पहले स्टार्टअप्स के आवेदन मांगे गए थे. इसमें 250 एंट्री आई थी, जिसमें से 37 स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने के लिए अभी चयन हुआ. क्योंकि इनके आइडिया में दम है. इन 37 के वैल्यूएशन के लिए तीन दिवसीय बूट कैंप का आयोजन किया गया. जिसमें विशेषज्ञों ने इन 37 स्टार्टअप्स के प्रमुखों को अपने आइडिया के जरिए मार्केट से पैसा कमाने का मंत्र दिया.
डॉ. अरावतिया ने बताया कि इन 37 में से 30 सबसे अच्छे स्टार्टअप का सेलेक्शन होगा. इसमें से 10 को आर्थिक सहयोग के साथ उनकी मेंटरिंग भी की जाएगी, जबकि 20 को सिर्फ मेंटरिंग की जाएगी. इन 10 स्टार्टअप्स को उनके काम के हिसाब से 2 करोड रुपये दिए जाएंगे. इस पैसे से नए उद्यमी आगे बढ़ पाएंगे.
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जिन 250 स्टार्टअप्स में से 30 का सेलेक्शन किया जाएगा उनमें से 80 फीसदी कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर काम करने वाले हैं. उनके पास एक से बढ़कर एक आइडिया हैं, जिनको ग्राउंड लेवल तक पहुंचाने के लिए इरमा काम कर रहा है. ताकि गांव और कृषि क्षेत्र का उत्थान हो. अगले 15 दिन में उन 10 स्टार्टअप्स का सिलेक्शन हो जाएगा जिन्हें आर्थिक सहयोग मिलने वाला है.
इंडियन डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी ने कहा कि अगर मास प्रोडक्ट है तो उसमें हमेशा मार्जिन कम होगा. लेकिन, ज्यादा बिकने के वजह से आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा. उन्होंने प्रोडक्ट प्राइसिंग की रणनीति का मंत्र दिया. उधर, एमएसपी कमेटी के सदस्य बिनोद आनंद ने कहा कि वर्तमान सरकार के मुखिया खुद स्टार्टअप के बड़े मुरीद हैं, इसलिए देश में नए आइडिया के साथ बिजनेस करने का एक कल्चर शुरू हुआ है. देश में अकेले कृषि से संबंधित करीब दो हजार स्टार्टअप काम कर रहे हैं और इरमा जैसी संस्था उनकी आर्थिक दिक्कतों को खत्म करके नए उद्यमियों को निखारने का काम कर रही है.
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