MSP पर सूरजमुखी की खरीद को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों और सरकार के बीच छिड़ी महाभारत के बीच इस मसले पर पहली बार सरकार का आधिकारिक बयान आया है. सोमवार 12 जून को पीपली मंडी में MSP को लेकर किसानों की रैली है. इसमें सभी किसान संगठनों के नेता आ रहे हैं. इस बीच सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सूरजमुखी की खरीद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने इस मसले पर सरकार की ओर से सफाई पेश करने की कोशिश की है. उधर, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वो सरकार के बहकावे में न आएं. सरकार आंदोलन को खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
दरअसल किसान सूरजमुखी को भावान्तर भरपाई योजना में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि केंद्र सरकार ने सूरजमुखी की 6400 रुपये प्रति क्विंटल की MSP घोषित की हुई है. इसलिए राज्य सरकार इसे MSP पर ही खरीदे. इस मुद्दे पर ही किसानों ने 6 जून को कुरुक्षेत्र के शाहबाद में जीटी रोड को जाम कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज की और गुरनाम सिंह चढूनी सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सूरजमुखी उत्पादक किसानों के लिए कुरुक्षेत्र में चार एकड़ भूमि में तेल का कारखाना स्थापित किया जाएगा. जिसकी क्षमता 20 हजार मीट्रिक टन की होगी. सूरजमुखी के बीज से तेल और घी का निर्माण किया जाता है. दिलचस्प बात यह है कि सीएम ने किसानों को सूरजमुखी पर पंजाब का उदाहरण देना शुरू कर दिया है. अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए वो कह रहे हैं कि पंजाब सरकार के किसान हितैषी होने के दावे खोखले साबित हुए हैं. पंजाब की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद 4000 रुपये से 4200 रुपये के बीच हो रही है, जबकि हरियाणा में 5800 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है.
सरकार की ओर से कहा गया है कि हरियाणा ने भावांतर भरपाई योजना शुरू की है, जिसके तहत मुख्यमंत्री ने अब प्रदेश के सूरजमुखी किसानों को 1000 रुपये प्रति क्विंटल अंतरिम राहत देने का निर्णय लिया है. दावा किया गया है कि इस निर्णय के बाद शाहाबाद अनाज मंडी में एकाएक सूरजमुखी की आवक तेज हो गई है. न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतराल को पाटने के साथ किसानों को बड़ी राहत दी गई है.
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सरकार ने कहा है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में सबसे अधिक सूरजमुखी की पैदावार होती है. इसकी खरीद का मुख्य केंद्र शाहबाद मंडी है. वहीं अम्बाला, यमुनानगर, करनाल, पंचकूला जिले की आठ मंडियों में भी सूरजमुखी खरीद केन्द्र बनाए गए हैं. हैफेड पहली बार सूरजमुखी की खरीद कर रहा है. हैफेड शाहबाद अनाज मंडी में 4850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सूरजमुखी की खरीद कर रहा है. राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि बाजार में सूरजमुखी के खरीददार कम हैं, इसलिए हरियाणा सरकार ने हैफेड को बाजार में खरीद के लिए उतारा है, जिससे किसानों को फसल का उचित मूल्य मिल सके.
सूरजमुखी पर सरकार की सफाई तब आई है, जब पीपली में किसानों की रैली सिर पर आ गई. गांव-गांव में किसान संगठन सूरजमुखी और दूसरे फसलों की खेती करने वाले किसानों के साथ 9 जून से बैठक कर रहे हैं. रैली में भीड़ जुटाने के लिए किसान संगठनों ने पूरा जोर लगाया है. इस बीच सरकार की ओर से बयान आना यह बताता है कि सरकार इस मसले को लेकर बैकफुट पर है. हरियाणा सरकार को किसान हितैषी साबित करने के लिए पंजाब सरकार को कोसना पड़ रहा है. बहरहाल, देखना यह है कि किसान संगठन रैली में अपनी कितनी ताकत दिखा पाते हैं और उसके बाद सरकार का क्या रुख रहता है. भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने किसानों से अपील की है कि वो प्रशासन से न उलझें, क्योंकि लड़ाई सरकार से है, प्रशासन से नहीं.