देशभर से आए 1100 पशुपालक और मछली पालक आज दिल्ली में थे. उन्होंने लाइव गणतंत्र दिवस की परेड भी देखी. इस दौरान एक कार्यक्रम के मौके पर केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषत्तोम रूपाला उन्हें संबोधित कर रहे थे. इस दौरान मंत्री ने पशु और मछली पालकों से कहा कि हमारे गुजरात में एक पशुपालक 300 रुपये लीटर दूध और पांच हजार रुपये किलो के भाव से घी बेच रहा है. लाइन में लगकर लोग दूध लेते हैं. घी के लिए भी इंतजार करना पड़ता है.
इस भाव में भी दूध-घी लेने वाले लोग हैं, लेकिन माल नहीं है. इसीलिए मैं कहता हूं कि सिर्फ उत्पादन ही नहीं बढ़ाना है. हमे चाहिए कि हम अपने उत्पाद को एक ब्रांड बनाएं और एक अच्छी सी पैकिंग में पैक करें, फिर देखों कैसे वो बाजार में लाइन लगाकर बिकता है. इस मौके पर राष्ट्रीय गोकुल मिशन और मत्स्य पालन से जुड़े लाभार्थियों को सम्मानित भी किया गया.
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पशुपालकों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री रूपाला ने कहा कि हर दिन की शुरुआत दूध से होती है और दिनभर कभी दही तो कभी पनीर और दूसरी चीजें चाहिए होती हैं. आज बाजार में ऑर्गेनिक डेयरी प्रोडक्ट की बहुत डिमांड है. लोग अच्छे दाम देने को तैयार हैं. लेने वाले लाइन लगाकर खड़े हैं, लेकिन माल नहीं है. उन्होंने पशुपालन के साथ ही सरकारी योजनाओं का फायदा उठाने और ज्यादा से ज्यादा तकनीक का इस्तेमाल करने की बात भी कही. इस मौके पर गाय की नस्ल बढ़ाने पर काम करने के लिए गुजरात की वृंदा शाह और सैक्स सॉर्टेड सीमेन की मदद से कारोबार को बढ़ाने के लिए कश्मीर के जहांगीर गुल को सम्मानित भी किया गया.
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केन्द्रीय मंत्री रूपाला ने मछली पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि मछली पालकों को भी तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है. आज बाजार में स्वाद वाले वैल्यू एडेड प्रोडेक्ट की जरूरत है. इसलिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए मछलियों की वैराइटी में स्वाद लेकर आएं. और सरकारी स्कीम का फायदा लेने के बाद थमे नहीं, जो दूसरे लोग जीवन से जूझ रहे हैं उन्हें भी योजनाओं के बारे में बताएं. इतना ही नहीं मछली और पशु पालन से जुड़ी स्की मों में आने वाली परेशानियों के बारे में भी बताने की अपील की.