Peepal Farm: मिट्टी की सेहत बचाने को पीपल फार्म में नहीं होता हल-खुरपी का इस्तेमाल

Peepal Farm: मिट्टी की सेहत बचाने को पीपल फार्म में नहीं होता हल-खुरपी का इस्तेमाल

रॉबिन का कहना है कि अगर हम सब्जी को खेत से निकालकर सीधे न बेचें. अगर हम उन्हें सुखाकर और प्रोसेस करके बेचते हैं तो ज्यादा मुनाफा होता है. जैसे अदरक-लहसुन को सुखाकर और उसका पाउडर बनाकर बेचें तो अच्छे दाम मिलेंगे. नींबू का अचार बनाकर बेचेंगे और और ज्यादा दाम मिलेंगे. 

पीपल फार्म में सब्जी के खेत. फोटो क्रेडिट-किसान तकपीपल फार्म में सब्जी के खेत. फोटो क्रेडिट-किसान तक
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Jul 24, 2023,
  • Updated Jul 24, 2023, 3:19 PM IST

‘खेती में केमिकल का इस्तेमाल उत्पादन तो बढ़ा सकता है, लेकिन फसल को पौष्टिक नहीं बना सकता. गेहूं-चना हो या फल-सब्जी, इसमे पौष्टिकता सिर्फ मिट्टी की ताकत से ही आती है. अगर मिट्टी में ताकत नहीं है तो ये तय मान लिजिए कि आपगी उगाई गई सब्जी और फल खोखले हैं. इसलिए मिट्टी को ऊपर से ताकत देना जितना जरूरी है उतना ही उसकी कुदरती ताकत को बचाए रखना भी बहुत जरूरी है.’ ये कहना है अमेरिका से लौटे रॉबिन का. रॉबिन इस वक्त कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश की शाहपुर तहसील के धनौटू गांव में पीपल फार्म चला रहे हैं. 

इस फार्म में बीमार और चोटिल पशुओं का इलाज करने के साथ ही उन्हें आश्रय भी दिया जाता है. और इसके साथ ही फार्म में ऑर्गनिक तरीके पीपल फार्म परिवार और बाजार में बेचने के लिए सब्जियों संग हरे मसाले भी उगाए जाते हैं. लेकिन खास बात ये है कि पीपल फार्म के खेतों में न तो हल चलाया जाता है और ना ही खुरपी का इस्तेमाल किया जाता है. 

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मिट्टी की सेहत ऐसे बचा रहे हैं रॉबिन

रॉबिन ने किसान तक से बात करते हुए बताया कि मिट्टी को अपनी खुराक प्राकृतिक तरीके से मिलती है. इसमे केचुंए जैसे बहुत सारे कीटाणु भी होते हैं जो मिट्टी को ताकत देने में मदद करते हैं. लेकिन जब हम मिट्टी में हल या खुरपी चलाते हैं तो मिट्टी को प्राकृतिक से मिलने वाला खुराक का ताना-बाना टूट जाता है. खुरपी चलाने में ही बहुत सारे कीटाणु मर जाते हैं. ये किटाणु ही खरपतवार को डी कम्पोज करके उसे मिट्टी में मिलाने का काम करते हैं. वहीं मिट्टी के अंदर दबी पोषक चीजें खुरपी चलाने से बाहर धूप के संपर्क में आ जाती हैं. जबकि मिट्टी की नमी को बचाए रखने के लिए उसे सीधी धूप से बचाना बहुत जरूरी है.

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जानें क्या है रॉबिन की सतही खेती 

पीपल फार्म की सतही खेती के बारे में रॉबिन ने बताया कि सब्जियां उगाने के लिए सबसे पहले हम जमीन की सफाई करते हैं. उसके ऊपर उगी हुई खरपतवार को हटाते हैं. इसके बाद उसके ऊपर खाद जो ऑर्गनिक तरीके से बनाई होती है उसे डाल देते हैं. ये सब करने के बाद उस पर मल्च की लेयर बिछा देते हैं. सबसे पहले तो हम अपनी गौशाला में चारे की बची हुई तूड़ी आदि डाल देते हैं. अगर ये कम पड़ती है तो खरपतवार को सुखाकर उसे डाल देते हैं. इससे होता ये है कि मिट्टी सूरज की रोशनी में सीधे आने से बच जाती है और उसके अंदर की नमी बरकरार रहती है. और जब हम बीज लगाना होता है तो मल्च के ऊपर से ही हम उंगली से एक छोटा सा छेद करते हैं और बीज को उसके अंदर दबा देते हैं.    
 

 

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