महाराष्ट्र के पुणे में दो दिवसीय सहकार सम्मेलन में बाेलते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे सहकारी क्षेत्र का डेटा उनके लैपटॉप में है. उन्होंने कहा कि राज्यों में सहकारी समितियों की सर्वव्यापी उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई जा रही है. इस सम्मेलन में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे. शाह ने अपने मंत्रालय द्वारा शुरू की गई नई पहलों के अलावा शाह ने सहकारी समितियों को भी आगाह किया और कहा कि सहकारी क्षेत्र को अपने प्रदर्शन पर आत्मनिरीक्षण करना होगा और अपनी विश्वसनीयता बढ़ानी होगी. सहकारिता क्षेत्र को अपनी व्यवस्थाओं में सुधार कर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
शाह ने कहा कि महाराष्ट्र का सहकारी क्षेत्र मजबूत है क्योंकि देश की लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियों में से 2 लाख अकेले महाराष्ट्र में हैं. विवरण सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा कि देश की 67 प्रतिशत आवासीय सहकारी समितियां, 35 प्रतिशत पशुधन समितियां, 27 प्रतिशत चीनी सहकारी समितियां, 16 प्रतिशत विपणन समितियां, 14 प्रतिशत मत्स्य उद्योग समितियां और 11 प्रतिशत खाद्य समितियां महाराष्ट्र में हैं.
महाराष्ट्र में देश के पैक्स का 21 प्रतिशत है और कुल शहरी बैंकों का 32 प्रतिशत है. जिसका मतलब है कि 490 बैंक महाराष्ट्र में है. साथ ही 6529 बैंक शाखाएं यहां हैं, जो देश की कुल शाखाओं का 60 प्रतिशत है. इसका मतलब है कि सहकारिता महाराष्ट्र की एक बड़ी ताकत है. महाराष्ट्र में शहरी सहकारी बैंकों के माध्यम से लगभग 3.25 लाख करोड़ रुपये जमा है. जो देश में कुल शहरी बैंक जमा का 62 प्रतिशत है. शाह ने कहा कि उनके पास अब सभी विवरण है.
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शाह ने कहा कि पैक्स को पुनर्जीवित करने के किए बिना देश में सहकारी क्षेत्र के मजबूत नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश की 63 हजार पैक्स को कम्पयूटरीकृत करने का निर्णय लिया है और इसके साथ ही पैक्स के नए मॉडल बायलॉज तैयार कर राज्यों को भेजा गया है. जिसमें पैक्स को बढाने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में कैबिनेट ने हर पंचायत में बहुआयामी पैक्स बनाने पर सहमति जताई है और अब भारत में 3 साल में 2 लाख नए पैक्स बनाए जाएंगे, जिसके बाद देश की हर पंचायत में पैक्स उपलब्ध होंगे.
शाह ने हाल के घटनाक्रमों को सूचीबद्ध किया जैसे कि PACS को CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) का काम दिया जा रहा है और CO-op को GeM पोर्टल के माध्यम से खरीद और बिक्री के लिए दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एस पूरी प्रक्रिया को मजबूत आधार देने के लिए सहकारिता नीति बनानी होगी और इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो कम समय में सहकारी नीति का मसौदा तैयार करेगी. शाह ने कहा कि नई सहकारिता नीति अगले 20 वर्षों के लिए देश में सहकारिता की दिशा तय करेगी.