Trump Tariff: अमेरिकी डेयरी उत्पादों के लिए अपना बाजार क्यों नहीं खोल सकता भारत? ये है असली वजह

Trump Tariff: अमेरिकी डेयरी उत्पादों के लिए अपना बाजार क्यों नहीं खोल सकता भारत? ये है असली वजह

Trump Tariff: भारत में घरेलू दूध का दाम करीब 50 रुपये प्रति लीटर है, जो अगर भारत डेयरी क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोल दे, तो इसका दाम घटकर 32 रुपये प्रति लीटर हो सकती है. दूध के दाम में इतनी गिरावट से किसानों की आय और अर्थव्यवस्था, दोनों पर गहरा असर पड़ेगा.

US Dairy Product ImpactUS Dairy Product Impact
क‍िसान तक
  • नोएडा,
  • Aug 09, 2025,
  • Updated Aug 09, 2025, 8:02 PM IST

दूध और तेल भारत की जीवनरेखा माने जाते हैं. लेकिन अब इन दोनों ही चीजों ने अमेरिका-भारत व्यापार संबंधों में खटास पैदा कर दी है. जहां एक ओर डोनाल्ड ट्रम्प ने रूसी तेल आयात करने पर भारत के रुख के कारण टैरिफ को दोगुना करके 50 प्रतिशत कर दिया. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने हितों को सर्वोपरि रखेगा, चाहे इसके लिए उसे भारी कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े. पीएम ने यह भी कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा.

भारतीय डेयरी किसानों पर क्या असर?

जुलाई में जारी SBI रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, "कृषि और डेयरी क्षेत्रों को अमेरिका के लिए खोलने की एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. इससे भारतीय किसानों, विशेष रूप से डेयरी उत्पादन में लगे छोटे किसानों की आजीविका के लिए खतरा पैदा हो जाएगा, क्योंकि अमेरिका में डेयरी क्षेत्र को भारी सब्सिडी दी जाती है." इस रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका में डेयरी उत्पादों में ग्रोथ हार्मोन और आनुवंशिक रूप से संशोधित (GM) जीवों का उपयोग विवाद की एक और वजह है. ये सेक्टर खुलने के बाद भारत में भी जीएम खाद्य पदार्थों का प्रवाह बढ़ जाएगा. इससे जन स्वास्थ्य मानकों पर भी खतरा पैदा हो सकता है.

SBI रिसर्च की इस रिपोर्ट की मानें तो, यदि अमेरिका के लिए डेयरी क्षेत्र को खोल दिया जाए तो भारत में दूध की कीमतों में कम से कम 15% की गिरावट आने की संभावना है, जिससे डेयरी किसानों को 1.03 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो सकता है. साथ ही इससे हमारे दूध के आयात में भी 25 मिलियन टन की वृद्धि हो सकती है. उपभोक्ता और उत्पादक सरप्लस की बात करें तो डेयरी क्षेत्र को अमेरिका के लिए खोलने के बाद, सरपल्स माल उत्पादकों से उपभोक्ताओं की ओर स्थानांतरित हो जाएगा.

अर्थव्यवस्था को कितना होगा नुकसान?

दरअसल, भारत में घरेलू दूध की कीमत लगभग 50 रुपये प्रति लीटर है. अगर भारतीय डेयरी सेक्टर को अमेरिकी कंपनियों के लिए खोल दिया जाए तो ये घटकर 32 रुपये प्रति लीटर हो सकती है. इससे किसानों की आय और आखिरकार अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा. दूध की कीमतों में सिर्फ 15 प्रतिशत की गिरावट से कुल राजस्व में 1.8 लाख करोड़ रुपये और किसानों की आय में 1.03 लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी. इससे, डेयरी क्षेत्र जो सकल मूल्यवर्धन में 2.5 से 3 प्रतिशत या 7.5 से 9 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है, उसे 51,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है.

मगर समस्या सिर्फ वित्तीय नुकसान की ही नहीं, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता की भी है. दूध और अन्य डेयरी उत्पाद एक औसत भारतीय परिवार का अभिन्न अंग हैं. अमेरिका से आयातित डेयरी उत्पादों की समस्या डेयरी उत्पादों में ग्रोथ हार्मोन और आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों के इस्तेमाल की है, जो भारत में प्रतिबंधित हैं. एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है, "इस क्षेत्र के खुलने के बाद भारत में जीएम खाद्य पदार्थों का प्रवाह भी बढ़ेगा. इससे जन स्वास्थ्य मानकों में खतरा पैदा हो सकता है."

(रिपोर्ट- सम्राट शर्मा)

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