हरियाणा के किसानों को हरियाणा सरकार ने एक खुशखबरी दी है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए निर्धारित समय से ठीक 15 दिन पहले यानी 31 मई को ही बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जारी कर दिया है. दरअसल हरियाणा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में मार्च और अप्रैल महीने में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी की फसल को नुकसान पहुंचा था. तब मुख्यमंत्री ने बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी कराकर 15 जून तक हर हाल हर हाल में मुआवजा जारी करने का भरोसा किसानों को दिलाया था. वहीं मुख्यमंत्री ने अपना वादा पूरा करते हुए एक क्लिक में 181 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि प्रभावित किसानों के खातों में भेज दी है.
मुख्यमंत्री ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में मुआवजा राशि को भेजा है. उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की मौजूदगी में 67,758 किसानों के खातों में यह राशि भेजी गई है. इस दौरान विभिन्न जिलों के उपायुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंडीगढ़ मुख्यालय से जुड़े हुए थे.
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि हमने फसल क्षति का विशेष सर्वेक्षण करवाया था. जिसमें किसानों ने ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल के जरिए 16 लाख 58 हजार एकड़ में फसल खराब होने का दावा करते हुए रजिस्ट्रेशन कराया था. जबकि गिरदावरी में पाया गया कि राज्य के 18 जिलों के 2.09 लाख एकड़ में गेहूं, सरसों और तोरिया की फसलों की क्षति हुई है.
सीएम ने कहा कि संबंधित अधिकारी मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर किसानों का शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन करवाना सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें समय पर मुआवजा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि वे दिन गए जब किसान अपना मुआवजा पाने के लिए वर्षों इंतजार करते थे. वर्तमान में सरकार ने ई-गवर्नेंस की दिशा में बढ़ते हुए यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को समय पर मुआवजा मिले. साथ ही उन्होंने कहा कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल फसल नुकसान के समय आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है.
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हाल ही में बारिश के कारण फसलों के नुकसान का आकलन करने के लिए सीएम खट्टर में प्रभावित गांवों का दौरा किया था और किसानों को मई के महीने में मुआवजे की राशि जारी करने का वादा किया था. यह पहली बार हुआ है कि किसानों को मुआवजा राशि सीधे उनके खातों में मिली है, जबकि पहले उपायुक्तों के माध्यम से यह राशि दी जाती थी. लेकिन सीएम मनोहर लाल खट्टर के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रकृति के प्रकोप से किसानों के हितों की रक्षा के लिए समय-समय पर कई अहम कदम उठाए हैं.