कृषि उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट नहीं देख नाराज हुए कृषि मंत्री, अधिकारियों को दी नसीहत

कृषि उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट नहीं देख नाराज हुए कृषि मंत्री, अधिकारियों को दी नसीहत

बिहार कृषि विभाग पहली बार राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) मेला आयोजित कर अपनी सफलता पर गर्व कर रहा था, लेकिन कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने इसमें खामियां उजागर कर दीं. मेले में राज्यभर से आए 40 एफपीओ ने अपने कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी.

नाराज हुए कृषि मंत्रीनाराज हुए कृषि मंत्री
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Mar 08, 2025,
  • Updated Mar 08, 2025, 1:50 PM IST

राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन मेले में कृषि उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट अंकित नहीं होने पर कृषि मंत्री नाराज हो गए. उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भविष्य में किसी भी मेले में कृषि उत्पादों की पूरी जानकारी सुनिश्चित की जाए. बिहार कृषि विभाग पहली बार राज्य स्तरीय किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) मेला आयोजित कर अपनी सफलता पर गर्व कर रहा था, लेकिन कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने इसमें खामियां उजागर कर दीं. मेले में राज्यभर से आए 40 एफपीओ ने अपने कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई थी.

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पाया कि अधिकांश उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट का उल्लेख नहीं किया गया है. इस पर उन्होंने मंच से ही कृषि विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिया कि भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी उत्पादों की जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध हो.

कृषि उत्पादों की पारदर्शिता पर जोर

कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्य पदार्थों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट का उल्लेख न होना ठीक बात नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि कृषि उत्पादों की क्वालिटी और उसमें मौजूद तत्वों की पूरी जानकारी पैकेट पर स्पष्ट होनी चाहिए.

कृषि: उद्यमिता का उभरता क्षेत्र

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि अब केवल जीवन निर्वाह का साधन नहीं रह गई है, बल्कि यह एक उभरता हुआ उद्यमिता का क्षेत्र बन चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है, और इसमें किसान सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 696 एफपीओ गठित किए जा चुके हैं, जिससे 2 लाख से अधिक किसान लाभ मिल रहा है.

किसानों को खाद-बीज की समस्या

कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार में 90 फीसदी से अधिक लघु और सीमांत छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसान है. इनके पास कृषि से जुड़ी आधुनिक तकनीक, क्वालिटी वाले बीज, उर्वरक, कीटनाशक और पूंजी आसानी से नहीं पहुंचता है. लेकिन एफपीओ के विस्तार से किसानों को सामूहिक रूप से संगठित होकर इन समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी.

औषधीय और फूलों की खेती को बढ़ावा

सरकार पारंपरिक फसलों के साथ औषधीय और फूलों की खेती को भी प्रोत्साहित कर रही है. बिहार सरकार का लक्ष्य है कि राज्य का कुल निर्यात देश के कुल निर्यात में 5 फीसदी योगदान तक पहुंचे. इस दिशा में राज्य का किसान मुख्य भूमिका निभाएगा. वहीं, कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता बनाए रखते हुए किसानों को स्वच्छ और स्वस्थ कृषि व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए विभाग मिशन मोड में कार्य करेगा.

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