देश में हर साल मॉनसून सीजन के दौरान टमाटर के थोक और रिटेल दामों में बढ़ोतरी देखी जाती है. इस साल भी टमाटर के थोक और रिटेल दाम बढ़े हैं, लेकिन ये दाम 2023 के मॉनसून सीजन के मुकाबले काफी कम हैं. साल 2023 में अगस्त की शुरुआत में टमाटर का थोक भाव 7899 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि इस समय किसानों को 3200 रुपये का थोक रेट मिल रहा है यानी लगभग 60 प्रतिशत कम. एगमार्कनेट पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के अनुसार, ये दोनों आंकड़ें क्रमश: 3 अगस्त 2023 और 3 अगस्त 2025 के हैं.
मई 2025 तक जहां किसान थोक मंडियों में कीमतों को लेकर परेशान थे. वहीं, जून महीने से किसानों को थोड़े बेतहर दाम मिल रहे हैं. जुलाई और अगस्त में इनमें थोड़ी और बढ़ोतरी देखने को मिली है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते एक हफ्ते में टमाटर के दाम 4 प्रतिशत बढ़े हैं और महीनेभर में कीमतों में 39.56 प्रतिशत इजाफा हुआ है. यह तो बात हुई किसानों की, जिन्हें अच्छा दाम मिल रहा है, लेकिन रिटेल उपभोक्ताओं को काफी ज्यादा दाम चुकाकर टमाटर खरीदना पड़ रहा है. ऐसे में किसानों को जो भाव मिल रहा है और जो भाव उपभोक्ता चुका रहा है, उसे बहुत ज्यादा अंतर है.
वहीं, आलू और प्याज की खेती करने वाले किसानों का हाल भी कोई खास नहीं हैं. प्याज और आलू की थोक मंडी कीमतों में बीते एक साल में भारी गिरावट देखने को मिली है. 3 अगस्त 2024 की तुलना में इस साल प्याज के भाव करीब 49.63 प्रतिशत नीचे आ चुके हैं, जबकि आलू की कीमतों में 45.96 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.
इस तेज गिरावट ने किसानों की लागत और आमदनी के बीच संतुलन को बिगाड़ दिया है. वहीं, दो साल की तुलना में भी प्याज में 6.45 प्रतिशत और आलू में 3.49 प्रतिशत की गिरावट जारी है, जिससे साफ संकेत मिल रहा है कि कीमतों में सुधार की गुंजाइश अभी सीमित है.
वहीं, हाल के हफ्तों में आलू की कीमतों में 8.17 प्रतिशत की हल्की बढ़त जरूर दिखी है, जो बाजार में मांग बढ़ने का संकेत हो सकती है. दूसरी ओर, प्याज की कीमतों में 9.73 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट ने चिंता और बढ़ा दी है. किसानों को लंबे समय से अभी भी अपनी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल रहा है.
इन परिस्थितियों में उत्पादन लागत और मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए नीति-निर्माताओं को हस्तक्षेप की जरूरत है, ताकि किसानों को स्थायी लाभ मिल सके और बाजार भी संतुलित रह सके. प्याज की कीमतों को लेकर खासकर महाराष्ट्र के किसान चिंतित हैं. साथ ही वहां किसान संगठन और निर्यातक संगठन सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं. किसानों ने प्याज के लिए 3000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय करने की मांग की है.