बिहार बजट 2023-24, एपिडा (APEDA) द्वारा फसलों का आयात-निर्यात, किसान महापंचायत, पशुपालन (Animal Husbandry) मुर्गी पालन (Poultry Farming), केंद्रीय कृषि बजट 2023 (Agriculture Budget 2023), पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की 13वीं किस्त, किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card), आज देशभर में कैसा रहेगा मौसम (Latest Weather Update), गेहूं फसलों का रकबा, MSP पर फसलों की खरीदारी, पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) लेटेस्ट अपडेट, गेहूं और सरसों का उत्पादन, फलों और फसलों में लगने वाले रोग, फलों और सब्जियों की कीमत से जुड़ा हर अपडेट जानने के लिए पढ़ते रहें आज का हमारा लाइव अपडेट्स (Live Updates)-
उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग ने आलू का उत्पादन 2022 की अपेक्षा 2023 में बढ़ने का अनुमान लगाया है. उद्यान विभाग के द्वारा प्रदेश में इस बार किसानों को आलू की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिसके परिणाम स्वरूप इस पर ज्यादा किसानों ने आलू की खेती की है. उद्यान विभाग के द्वारा कुफरी आनंद, सिंदूरी, कुफरी बहार जैसे किस्मों के बीज भी वितरित किए गए. उद्यान विभाग की मेहनत के चलते ही पूर्वांचल में किसानों ने आलू के कुफरी आनंद किस्म की खेती की गई है, नतीजतन पूर्वांचल के एक किसान ने एक किलो का आलू उगाया है, जिसका प्रदर्शन वाराणसी में आयोजित हुई मंडलीय शाक भाजी फल एवं पुष्प प्रदर्शनी किया गया.
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मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लिए 3200 करोड़ रुपये का प्रावधान, फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये, बिजली सब्सिडी के लिए 13 हजार करोड़ रुपये सहित कई दूसरी योजनाओं के पर्याप्त राशि का प्रावधान बजट में किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे खेती लाभ का धंधा बनाने में और मदद मिलेगी.
आपने घर में या बाजारों में प्याज देखा होगा जो तकरीबन 50 से 80 ग्राम का होता है. मगर सांगली के एक किसान ने ऐसा प्याज उगाया है जिसका वजन 750 ग्राम है. वजन के हिसाब से यह अब तक का रिकॉर्ड है. इससे पहले शायद ही इस वजन का किसी किसान ने प्याज उगाया होगा. ऐसा भी नहीं है कि किसान के खेत में एक दो प्याज ही इस वजन का है बल्कि हर उपज इसी साइज और वजन का है. किसान का नाम हनुमंत शिरगावे है जो ब्रह्मनाल गांव के रहने वाले हैं.
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इस समय महाराष्ट्र में प्याज की खेती करने वाले किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राज्य में किसानों को प्याज का दाम सिर्फ रुपये से लेकर 2 रुपये किलो तक मिला रहा है.लेकिन अब एक ऐसा मामला वायरल हुआ है, जिसमें किसान को प्याज बेचने पर अपनी जेब से व्यापारी को भुगतान करना पड़ा है. ये मामला सोलापुर जिले के किसान बंडू भांगे से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने बीते महीने सोलापुर कृषि उपज मंडी समिति में 17 बोरी में 825 किलो प्याज बेचा था, लेकिन, इस उपज को बेचने के एवज में उन्हें व्यापारी से भुगतान नहीं हुआ बल्कि उन्हें अपनी जेब से व्यापारी को भुगतान करना पड़ा है. किसान को हुए भुगतान का बिल इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है.
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इस बार फरवरी की गर्मी ने बड़ा रिकॉर्ड तोड़ा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी कि IMD की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी का महीना 1877 के बाद सबसे गर्म रहा. फरवरी का औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री दर्ज किया गया. यही वजह है कि आम लोगों से लेकर मौसम विज्ञानी तक मौसम के इस खतरनाक बदलाव पर चिंता जाहिर कर रहे हैं. फरवरी का महीना गुलाबी ठंड और वसंत की हवाओं के लिए जाना जाता है. लेकिन फरवरी में लोगों को गर्मी से जूझते देखा गया. इससे गेहूं की फसल पर भी बुरा असर पड़ा है.
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पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है. चारों ओर बादल छाए हुए हैं और तेज हवाएं चल रही हैं. ऐसे में पंजाब कृषि विश्वविद्यायल के मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों को गेहूं की फसल पर खास ध्यान देने की अपील की है. कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों से गेहूं में सिंचाई नहीं करने की अपील की है. हालांकि पहले टर्मिनल हीट (सर्दी के तुरंत बाद शुरू हुई गर्मी) को देखते हुए गेहूं में सिंचाई की सलाह दी गई थी. अब सिंचाई नहीं करने की अपील है क्योंकि फसल में पानी देते ही पौधे गिर सकते हैं.
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ग्लोबल वार्मिंग की वजह से देश के अंदर फरवरी महीने में ही तापमान में वृद्धि देखने को मिली है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी महीने में बढ़े हुए तापमान की वजह से गेहूं की फसलों पर संकट मंडराने लगा है. यूपी के कई शहरों में बढ़ते तापमान और पछुआ हवा के चलने से गेहूं की बालियां समय से पहले ही सूखने लगी हैं, जिसके चलते बालियो में गेहूं के दाने सिकुड़ रहे हैं और इससे उत्पादन में भी गिरावट के आसार हैं, जिसको लेकर किसान से लेकर कृषि वैज्ञानिक भी चिंतित है. मौसम का यही हाल रहा तो किसानों के लिए गेहूं के बीज का संकट भी बढ़ेगा.
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प्रदेश के बच्चों को कुपोषण के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए आहार अनुदान योजना का क्रियांवयन किया जा रहा है. जिसके अंतर्गत पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया परिवार की महिलाओं के बैंक खाते में 1000 रुपये जमा कराए जाते हैं ताकि कुपोषण से मुक्ति दिलाई जा सके.
मध्यप्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों को 5084 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिंकेज प्रदान किया गया है.
भारत को त्यौहारों का देश कहा जाता है और इन त्यौहारों में फूलों का विशेष महत्व होता है. वहीं देश के सभी मंदिरों में हर दिन सैकड़ों टन फूल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें सबसे ज्यादा गेंदे के फूल की डिमांड रहती है. फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत फूलों की खेती को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के द्वारा भी किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पूर्वांचल में फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत गेंदे यानी मेरीगोल्ड के फूल की खेती का क्षेत्रफल बढ़ा है, जिसमें सबसे ज्यादा किसानों के द्वारा अफ्रीकन गेंदे की खेती की जा रही है. इस फूल का आकार काफी बड़ा होता है, जिसके चलते किसानों को ज्यादा उपज के साथ अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है.
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लोगों का ध्यान पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहा है. जिसको बढ़ावा देने का काम केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है. केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र की नीतियों में सुधार से देश के पौष्टिक मकई की वैश्विक स्तर पर मांग में भारी बढ़ोतरी.
तेलंगाना में भविष्य में एक खास विधि से कपास की खेती होगी. इस विधि का नाम है हाई डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम यानी कि HDPS. इस विधि को आगे बढ़ाने के लिए रासी सीड्स नाम की कंपनी आगे आई है. यह कंपनी बीज बनाने का बड़ा काम करती है. कंपनी का कहना है कि वह प्रोफेसर जयशंकर तेलंगाना स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PJTSAU) के साथ काम कर रही है. रासी सीड्स और एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के बीच रासी मैक्स प्रोजेक्ट का करार हुआ है. इस करार के तहत कपास की खेती में हाई-डेंसिटी प्लांटिंग सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा.
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मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवदा बुधवार को राज्य का पहला पेपरलेस बजट पेश करेंगे, जिसमें साल के अंत में निर्धारित विधानसभा चुनाव से पहले लोकलुभावन योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों और मीडिया को पेनड्राइव में बजट दिया जाएगा. वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार ने 2.79 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था.
महाराष्ट्र में इस समय प्याज, कपास, सोयाबीन, चना और अंगूर का उत्पादन करने वाले किसान संकट में हैं. उनकी उपज औने-पौने दाम पर बिक रही है. न सोयाबीन का सही दाम मिल रहा है और न कपास का पिछले साल जैसा भाव. प्याज की दुर्दशा तो आपको पता ही है. किसान मौसम और खाद-पानी की तमाम चुनौतियों से लड़कर जब फसल पैदा करता है तो मंडियों में उसका उचित दाम नहीं मिलता. दाम नहीं मिलता तो उनकी आय बुरी तरह से प्रभावित होती है. खास तौर पर प्याज के गिरते दाम को लेकर अब विपक्ष शिंदे सरकार पर हमलावर है. किसानों का यह मुद्दा विधानसभा में उठा है. विपक्ष के नेता अजीत पवार ने विधानसभा में सरकार को तुरंत सारे काम छोड़कर किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग की है.
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सरसों की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार जारी रहता है. जिस वजह से मंडी में सरसों की कीमतों को लेकर उथल-पुथल लगा रहता है. इसी बीच सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गिरने पर चिंता व्यक्त करते हुए, खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए ने मंगलवार को सरकार से रिफाइंड पाम तेल की खरीद शुरू करने और कीमतों में गिरावट को रोकने के कदमों के तहत आयात को प्रतिबंधित करने की मांग की. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने खाद्य और वाणिज्य दोनों सचिवों को दिए एक प्रतिनिधित्व में कहा है कि थोक बाजार में सरसों की कीमतें 5,450 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से नीचे गिर गई हैं और आवक दैनिक आधार पर बढ़ रही है.
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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र चुनौतियों से भरा है, जिनका मुकाबला करते हुए सरकार आगे बढ़ रही है. किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है. जिसमें किसानों का प्रीमियम 25 हजार करोड़ रुपये लगा है. जबकि अब तक उन्हें 1.30 लाख करोड़ रुपये क्लेम के रूप में दिए गए हैं. इसी तरह छोटे किसानों को आय सहायता के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लागू की गई है, जिसमें पूरी पारदर्शिता के साथ 3 किस्तों में 6 हजार रुपये सीधे बैंक खातों में दिए जाते हैं. अभी तक किसानों को 2.40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राशि दी गई है. तोमर ने यह बात मंगलवार को समस्तीपुर, बिहार स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही.
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पूर्वांचल के गाजीपुर में पैदा होने वाली हरी मिर्च का जलवा इन दिनों दुबई नहीं बल्कि श्रीलंका और लंदन में कायम है. गाजीपुर के किसानों के द्वारा उपजाई जा रही इंदु किस्म की मिर्च की विदेशों में खूब मांग है. इसी वजह से इस खेती में हो रहे मुनाफे से प्रोत्साहित होकर अब अकेले गाजीपुर में ही किसानों के द्वारा 18000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में मिर्च की खेती होने लगी है. गाजीपुर के भावरकोल इलाके में रबी और खरीफ के सीजन में हरी मिर्च की खेती किसानों के द्वारा की जाती है. मिर्च एक्सपोर्ट से उत्साहित होकर दूसरे किसान भी अब मिर्च की खेती करने के लिए आगे आने लगे हैं.
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यूपी के पश्चिमी इलाकों में मौसम ने फिर करवट ली है. मौसम विभाग ने यूपी के पश्चिमी जिलों में बुधवार को तेज हवाओं के साथ बारिश होने का अलर्ट जारी किया है. विभाग की ओर से बुधवार को तड़के 3:30 बजे जारी अलर्ट के अनुसार गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर एवं इन जिलों के आसपास के इलाकों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने और 30 से 40 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चलने की आशंका जताई है. विभाग द्वारा सुबह 06:30 बजे तक के लिए जारी अलर्ट में इन जिलों के प्रशासन को चौकन्ना रहने की सलाह दी है.
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 2 घंटे के दौरान दिल्ली के कई इलाकों में बारिश की संभावना है, जिसमें उत्तर-पश्चिम दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और दिल्ली-एनसीआर के इलाके शामिल हैं. वहीं, हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है.