भारत में इस साल गेहूं की बंपर पैदावार का अनुमान है. केंद्र ने 115 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस बीच, अब कई प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में इसकी एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू हाे चुकी है. इनमें मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं. इन राज्यों में जल्दी फसल की बुवाई के कारण कटाई शुरू हो गई है और उपज मंडी तक पहुंचने लगी है. मालूम हो कि केंद्र ने चालू मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. पिछले मार्केटिंग सीजन में एमएसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसमें इस बार 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पहले 1 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू की गई थी, लेकिन इसे कुछ दिन के लिए टाल दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि उस समय इन राज्यों में कई जगहों पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो गई थी, जिसके कारण फसल में नमी जैसी समस्या होना तय था. ऐसे में किसानों को नमी के कारण कम दाम में फसल न बेचनी पड़े, इसलिए राज्य सरकारों ने खरीद को बाद में जारी करने का फैसला लिया.
जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में 15 मार्च से, उत्तर प्रदेश में 17 मार्च से दोबारा गेहूं खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और किसान उपार्जन केंद्रो पर उपज लेकर पहुंच रहे हैं. वहीं, राजस्थान में 10 मार्च से सरकारी खरीद शुरू हुई, जहां एमएसपी के अतिरिक्त 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है यानी किसानों को 2575 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है.
इसके अलावा मध्य प्रदेश में गेहूं पर एमएसपी के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है. ऐसे में किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल रुपये कीमत मिल रही है. हालांकि, नया एमएसपी आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल 2025 से मान्य है. मध्य प्रदेश में अब तक 10 लाख के करीब किसान गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जबकि अनुमान है कि 5 लाख किसान और जुड़ सकते हैं.
वहीं, एक नजर अगर गेहूं के मंडी भाव को देखें तो अब कीमतों में गिरावट दिखने लगी है. मध्य प्रदेश में कुछ समय पहले सामान्य तौर पर कीमतें 2800-2900 रुपये या इससे ज्यादा देखने को मिल रही थींं, लेकिन सरकारी खरीद की तारीख नजदीक आते-आते ये लगभग 2500 से 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक आई गई, जो आम उपभोक्ता के लिहाज से सही मानी जा रही हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश की ज्यादातर मंडियों में कीमतें अभी भी 2800-2900 रुपये प्रति क्विंटल देखी जा रही है और खास कमी नहीं देखी गई. केंद्र ने गेहूं का स्टॉक बढ़ाने की कोशिश में विभिन्न राज्यों से 31 मिलियन टन खरीद का लक्ष्य तय किया है.