हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सरसों की सरकारी खरीद शनिवार, 15 मार्च से शुरू कर दी है. इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 5650 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है. फरीदाबाद जिले की बल्लभगढ़ अनाज मंडी को सरसों खरीद केंद्र बनाया गया है, जहां हैफेड को सरकारी खरीद की जिम्मेदारी दी गई है. इस बार जिले में 1101 एकड़ भूमि में सरसों की बिजाई हुई है और सरकार ने 12000 क्विंटल सरसों खरीदने का लक्ष्य रखा है.
पिछले साल सरकारी एजेंसी ने 8000 क्विंटल और निजी व्यापारियों ने 15000 क्विंटल सरसों खरीदी थी. मार्केट कमेटी के सचिव इंद्रपाल सिंह ने बताया कि सरसों की सरकारी खरीद के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह सुखाकर मंडी में लाएं. पिछले साल निजी व्यापारियों ने सरसों को 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा था, जिससे इस बार भी बाजार में कीमतों को लेकर चर्चा है. सरकारी एजेंसियां सुनिश्चित करेंगी कि किसानों को MSP का पूरा लाभ मिले और खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चले.
इस बार सरसों की खरीद 108 मंडियों में की जाएगी. यह फसल राज्य के 17 से 20 लाख एकड़ क्षेत्र में उगाई जाती है. रबी फसल सीजन 2024-25 के दौरान 21 लाख एकड़ में सरसों की खेती की गई. अनुमानित उत्पादन 15 लाख मीट्रिक टन से अधिक होने की संभावना है. इस साल केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.
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जिन किसानों को सरकारी रेट पर सरसों की बिक्री करनी और एमएसपी का लाभ लेना है, उन्हें पहले 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों का वेरिफिकेशन होगा और बिक्री की मंजूरी दी जाएगी. इसलिए, जिन किसानों ने इस पोर्टल पर अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं किया है, वे जल्द करें क्योंकि सरसों की खरीद शुरू हो गई है.
उधर झज्जर में भी सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. सरकार ने इसके लिए 5950 रुपये की एमएसपी तय की है. यह दाम पिछले साल के दाम से अधिक है. झज्जर जिले में सरसों खरीद के लिए 5 मंडियां तय की गई हैं जहां किसान अपनी उपज बेच सकते हैं. झज्जर में दो एजेंसियां इस बार सरसों की खरीद करेंगी. इसी तरह हिसार में भी सरसों की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. यहां किसानों से सरसों खरीदने के लिए 14 सेंटर बनाए गए हैं. किसान इन सेंटरों पर आसानी से अपनी उपज बेच सकते हैं.
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अभी हाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सरसों और गेहूं की खरीद को लेकर अधिकारियों को खास निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि मंडियों में किसानों के लिए अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जब वे उपज बेचने आएं तो किसी तरह की सुविधा से वंचित होना पड़े. किसानों के लिए पेयजल, बैठने की व्यवस्था और शेड आदि को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सरसों की सरकारी खरीद शुरू होने से किसानों में खुशी है.
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