भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय कृषि मंडी (ई-नाम) पोर्टल आज किसानों के लिए कृषि उत्पादों की बिक्री का एक महत्वपूर्ण डिजिटल मंच बन चुका है. 30 जून 2025 तक, देशभर की 1,522 मंडियों को इस पोर्टल से जोड़ा जा चुका है. इस मंच पर 12.03 करोड़ मीट्रिक टन कृषि उपज और 49.15 करोड़ यूनिट्स गणनीय वस्तुएं जैसे नारियल, नींबू, पान, स्वीट कॉर्न और बांस की बिक्री दर्ज की गई है. अब तक ई-नाम पर ₹4,39,941 करोड़ का व्यापार हो चुका है.
अब तक ई-नाम पोर्टल पर:
ई-नाम से पिछले 3 वर्षों में ₹67,297.29 करोड़ का अंतर-राज्यीय व्यापार हुआ है. किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन (1800-2700-224) भी शुरू की गई है.
238 वस्तुएं फिलहाल ई-नाम पर अधिसूचित की गई हैं. राज्य सरकारों से नई वस्तुएं जोड़ने के अनुरोध नियमित रूप से आते रहते हैं, जिन्हें DMI (विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय) द्वारा जांचकर शामिल किया जाता है.
राज्य | एकीकृत मंडियाँ | कुल मात्रा (मीट्रिक टन) | गणनीय वस्तुएँ (संख्या में) | कुल मूल्य (करोड़ में) |
हरियाणा | 108 | 3.42 करोड़ | - | 1,10,749.58 |
राजस्थान | 173 | 2.89 करोड़ | 1.12 करोड़ | 1,19,691.13 |
मध्य प्रदेश | 139 | 1.04 करोड़ | - | 34,813.82 |
महाराष्ट्र | 133 | 56.69 लाख | - | 21,130.40 |
ओडिशा | 66 | 22.67 लाख | 45.04 करोड़ | 5,754.67 |
ई-नाम पोर्टल भारत के किसानों को डिजिटल युग से जोड़ रहा है और उन्हें बेहतर बाज़ार, पारदर्शिता और मूल्य प्रदान कर रहा है. यह पहल न केवल कृषि विपणन को सरल बना रही है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मज़बूत कर रही है. भविष्य में और अधिक मंडियों और वस्तुओं को जोड़कर इस डिजिटल क्रांति को और तेज़ किया जाएगा.