E-mandi: 1.79 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं ई-नाम से, आखिर क्या है इसकी खास बात

E-mandi: 1.79 करोड़ किसान जुड़ चुके हैं ई-नाम से, आखिर क्या है इसकी खास बात

ई-नाम पोर्टल से अब तक 1,522 मंडियाँ जुड़ चुकी हैं, जिसमें किसानों ने ₹4.39 लाख करोड़ से अधिक का व्यापार किया है. जानिए कैसे यह डिजिटल मंच छोटे किसानों के लिए बना वरदान.

e-NAM mandie-NAM mandi
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 30, 2025,
  • Updated Jul 30, 2025, 12:15 PM IST

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय कृषि मंडी (ई-नाम) पोर्टल आज किसानों के लिए कृषि उत्पादों की बिक्री का एक महत्वपूर्ण डिजिटल मंच बन चुका है. 30 जून 2025 तक, देशभर की 1,522 मंडियों को इस पोर्टल से जोड़ा जा चुका है. इस मंच पर 12.03 करोड़ मीट्रिक टन कृषि उपज और 49.15 करोड़ यूनिट्स गणनीय वस्तुएं जैसे नारियल, नींबू, पान, स्वीट कॉर्न और बांस की बिक्री दर्ज की गई है. अब तक ई-नाम पर ₹4,39,941 करोड़ का व्यापार हो चुका है.

किसानों को सशक्त बनाने की पहल

  • सरकार छोटे और सीमांत किसानों को ई-नाम से जोड़ने के लिए कई कदम उठा रही है:
  • प्रशिक्षण कार्यक्रम: प्रत्येक ई-नाम मंडी में किसानों व अन्य हितधारकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाते हैं.
  • डिजिटल सुविधा: पोर्टल को वेब और मोबाइल एप के ज़रिए सरल रूप में उपलब्ध कराया गया है.
  • शिक्षण सामग्री: सोशल मीडिया के माध्यम से ई-नाम पर व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया गया है.

पंजीकृत उपयोगकर्ता

अब तक ई-नाम पोर्टल पर:

  • 1.79 करोड़ किसान
  • 4,518 किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
  • पंजीकृत हो चुके हैं. महाराष्ट्र में 12.41 लाख किसान और 354 FPOs ने पंजीकरण कराया है. विशेष रूप से हिंगोली ज़िले की तीन APMC मंडियाँ- बसमत, हिंगोली और सेनगांव- ई-नाम से जुड़ी हैं, जहां 28,197 में से 10,437 किसान सक्रिय रूप से व्यापार कर चुके हैं.

अंतर-राज्यीय व्यापार को बढ़ावा

  • ई-नाम के जरिए व्यापार को राज्य की सीमाओं से परे ले जाने में मदद मिली है. कई राज्यों ने:
  • व्यापार लाइसेंस को उदार बनाया है
  • बाहरी राज्यों के खरीदारों को बोली लगाने की अनुमति दी है

ई-नाम से पिछले 3 वर्षों में ₹67,297.29 करोड़ का अंतर-राज्यीय व्यापार हुआ है. किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन (1800-2700-224) भी शुरू की गई है.

अधिसूचित वस्तुएं और लगातार विकास

238 वस्तुएं फिलहाल ई-नाम पर अधिसूचित की गई हैं. राज्य सरकारों से नई वस्तुएं जोड़ने के अनुरोध नियमित रूप से आते रहते हैं, जिन्हें DMI (विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय) द्वारा जांचकर शामिल किया जाता है.

राज्यवार व्यापार का आंकड़ा 

राज्य    एकीकृत मंडियाँकुल मात्रा (मीट्रिक टन)गणनीय वस्तुएँ (संख्या में)कुल मूल्य (करोड़ में)
हरियाणा 1083.42 करोड़-1,10,749.58
राजस्थान173 2.89 करोड़1.12 करोड़1,19,691.13
मध्य प्रदेश1391.04 करोड़-34,813.82
महाराष्ट्र13356.69 लाख-21,130.40
ओडिशा6622.67 लाख45.04 करोड़5,754.67

ई-नाम पोर्टल भारत के किसानों को डिजिटल युग से जोड़ रहा है और उन्हें बेहतर बाज़ार, पारदर्शिता और मूल्य प्रदान कर रहा है. यह पहल न केवल कृषि विपणन को सरल बना रही है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मज़बूत कर रही है. भविष्य में और अधिक मंडियों और वस्तुओं को जोड़कर इस डिजिटल क्रांति को और तेज़ किया जाएगा.

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