मध्य प्रदेश में गेहूं की एमएसपी पर सरकारी खरीद का काम 15 मार्च से शुरू होकर 5 मई तक चला. वहीं, कई किसानों से 9 मई तक उपज खरीदी गई. इस दौरान 77 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेहूं खरीदा गया. प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुना में रविवार को जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि इस साल गेहूं उपार्जन में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, पिछले साल के मुकाबले एक बड़ी छलांग है. उन्होंने कहा कि इस साल राज्य में गेहूं उपार्जन (खरीद) के मामाले में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.
एमपी पूरे देश में गेहूं खरीद के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. अब भी मंडियों में गेहूं की बंपर आवक बनी हुई है, जहां किसान निजी व्यापारियों को उपज बेचे रहे हैं और उन्हें एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा का भाव मिल रहा है. इससे उन्हें काफी मुनाफा हो रहा है. हालांकि एक मंडी में न्यूनतम कीमत 1800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंची लेकिन, वहीं मॉडल कीमत एमएसपी से ज्यादा रही. जानिए मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं का ताजा भाव…
मंडी | वैरायटी/ग्रेड | न्यूनतम कीमत (रु./क्विंटल) | अधिकतम कीमत (रु./क्विंटल) | मॉडल कीमत (रु./क्विंटल) |
अशोकनगर | शरबती | 2900 | 3235 | 2900 |
आष्टा | शरबती | 2490 | 2500 | 2500 |
गंजबासौदा | शरबती | 3000 | 3190 | 3190 |
गुना | शरबती | 3090 | 3150 | 3150 |
भितरवार | मिल क्वालिटी | 2585 | 2630 | 2620 |
बीना | अन्य | 1800 | 3140 | 2600 |
छापीहेड़ा | ऑर्गेनिक | 2460 | 2460 | 2460 |
दतिया | लोकवन | 2637 | 2662 | 2645 |
देवास | अन्य | 2500 | 2650 | 2531 |
गंजबासौदा | मिल क्वालिटी | 2520 | 2520 | 2520 |
खुरई | ऑर्गेनिक | 3550 | 3550 | 3550 |
उमरिया | अन्य | 2210 | 2475 | 2475 |
मंत्री राजपूत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित को लेकर प्रतिबद्ध है और गेहूं खरीद में 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी सुनियोजित नीति का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिशों का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाना और खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना है.
इस दौरान उन्होंने गेहूं खरीद को लेकर इससे जुड़े विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को बधाई दी और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का आभार जताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सक्रिय भूमिका, समय पर समर्थन मूल्य की घोषणा और सुचारू परिवहन और भंडारण व्यवस्था के कारण इस उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका निभाई है.