मक्के खेती करने वाले किसानों के लिए ये मुश्किल भरा दौर है. दरअसल, पिछले कई हफ्तों से मक्के की दाम में भारी गिरावट देखी जा रही है. केंद्र सरकार द्वारा मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करने के बाद भी किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. देश की कई मंडियों में मक्के का मौजूदा रेट तय एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल से काफी कम है. इसी बीच मक्के को लेकर अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड डील में अगर अमेरिका भारत से अपनी शर्त मनवा लेता है तो भारत में मक्के की खेती करने वाले किसानों की दशा और भी खराब हो जाएगी. अब बात करें मक्का उत्पादन में दूसरे सबसे अग्रणी राज्य मध्य प्रदेश की तो यहां 7 जुलाई को मक्के का रेट एमएसपी से काफी कम रहा. सीहोर मंडी में मक्के का न्यूनतम कीमत 1751 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया, जो एमएसपी से 650 रुपये कम है. ऐसे में आइए जानते हैं MP सहित देश के अन्य राज्यों में मक्के का मंडी भाव.
मंडी का नाम | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | मॉडल प्राइस |
सिवनी | 1900 | 1900 | 1915 |
सीहोर | 1751 | 1901 | 1901 |
हरदा | 2000 | 2177 | 2140 |
टिमरनी | 2059 | 2085 | 2085 |
सेंधवा | 2005 | 2005 | 2005 |
इंदौर | 1966 | 1966 | 1966 |
अलीराजपुर | 2000 | 2000 | 2000 |
मध्य प्रदेश की मंडियों में मक्के का न्यूनतम भाव 1751 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया. वहीं अधिकतम कीमत की बात करें तो 2177 रुपये क्विंटल हरदा की मंडी में दर्ज की गई.
मंडी का नाम | न्यूनतम कीमत | अधिकतम कीमत | मॉडल प्राइस |
धर्मपुरी (तमिलनाडु) | 1800 | 2000 | 2000 |
अलीराजपुर (मध्य प्रदेश) | 2000 | 2000 | 2000 |
बबराला (उत्तर प्रदेश) | 1970 | 2000 | 1990 |
मोडासा (गुजरात) | 2125 | 2240 | 2240 |
रय्या (पंजाब) | 1450 | 2120 | 2120 |
पलाकोडे (तमिलनाडु) | 1800 | 2000 | 2000 |
देश की अन्य मंडियों में मक्के का न्यूनतम भाव 1450 रुपये क्विंटल पंजाब के रय्या मंडी में दर्ज किया गया. वहीं अधिकतम भाव की बात करें तो गुजरात के मोडासा मंडी में 2240 रुपये क्विंटल दर्ज किया गया.
इथेनॉल और पोल्ट्री फीड के लिए मांग बढ़ने के बाद भी मक्के के दामों में गिरावट दिखाई दे रही है. बता दें कि सरकार की ओर से इथेनॉल बनाने के लिए मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिशन चलाया जा रहा है. मक्का को चुनने की वजह यह है कि इसकी खेती कम पानी में संभव है और उत्पादन भी अच्छा मिलता है. देश के कुल इथेनॉल उत्पादन में अभी करीब 51 प्रतिशत उत्पादन मक्का से हो रहा है, जबिक शेष उत्पाद गन्ने और धान से पूरा किया जा रहा है. लेकिन मक्के का अच्छा भाव न मिलने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है.