Onion Export: 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क के चलते भारत से प्‍याज नहीं खरीद रहे आयातक, ड्यूटी हटाने की उठी मांग

Onion Export: 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क के चलते भारत से प्‍याज नहीं खरीद रहे आयातक, ड्यूटी हटाने की उठी मांग

व्‍यापारियों और उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत के निर्यात शुल्क के चलते खरीदार देश अन्य सस्‍ते प्‍याज निर्यातक देशों की ओर करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, इससे यहां के किसानों को होने वाले मुनाफे (रिटर्न) पर भी असर पड़ रहा है. बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (HPEA) के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि भारत से एक्‍सपोर्ट होने वाले प्‍याज का भाव 350 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि पाकिस्तान 280 डॉलर पर प्याज एक्‍सपोर्ट कर रहा है.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 21, 2025,
  • Updated Mar 21, 2025, 2:33 PM IST

प्‍याज फसल की अच्‍छी बुवाई और बंपर उत्‍पादन के चलते एक ओर जहां घरेलू बाजार में किसानों को उपज कम मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्‍क के कारण भारत विदेश बाजार में भी अपनी पकड़ खो रहा है. भारत खासकर खाड़ी देशों में दूसरे देशों के सस्‍ते प्‍याज से प्रतिस्‍पर्धा नहीं कर पा रहा है. केंद्र सरकार ने पिछले साल मई में प्‍याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत एक्‍सपोर्ट ड्यूटी लगाने के बाद इसे सितंबर में घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया था, तब से इतना निर्यात शुल्‍क बरकरार है.

‘बिजनेसलाइन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, व्‍यापारियों और उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत के निर्यात शुल्क के चलते खरीदार देश अन्य सस्‍ते प्‍याज निर्यातक देशों की ओर करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, इससे यहां के किसानों को होने वाले मुनाफे (रिटर्न) पर भी असर पड़ रहा है.

'पाकिस्तान, ईरान जैसे देश बाजार कब्‍जा रहे'

केरल एक्सपोर्टर्स फोरम के सचिव सीटी मुंशीद ने कहा कि केरल के कई एक्‍सपोर्टर्स महाराष्ट्र के नासिक से प्याज खरीदकर खाड़ी देशाें के बाजारों में एक्‍सपोर्ट करते हैं, लेकिन 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क के चलते भारतीय प्याज अन्‍य देशों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है. उन्‍होंने कहा कि खाड़ी देश, पाकिस्तान, मिस्र, तुर्कि‍ये और ईरान जैसे देशों से सस्‍ती दर पर प्‍याज का आयात कर रहे हैं, ये सभी देश हमारी प्रतिस्‍पर्धी हैं.

बागवानी उत्पाद निर्यातक संघ (HPEA) के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा कि भारत से एक्‍सपोर्ट होने वाले प्‍याज का भाव 350 डॉलर प्रति टन हैं, जबकि पाकिस्तान 280 डॉलर पर प्याज एक्‍सपोर्ट कर रहा है. 20 प्रतिशत एक्‍सपोर्ट ड्यूटी के कारण वैश्विक बाजार में भारतीय प्याज की खरीद में बाधा बन रही है. कृषि उत्पाद निर्यात करने वाले राजथी ग्रुप के डायरेक्‍टर एम मदन प्रकाश ने कहा कि 20 प्रतिशत ड्यूटी के कारण हम खाड़ी देशों के बाजार समेत अन्य बाजारों में भी नुकसान उठा रहे हैं. 

किसानों को अच्‍छा रिटर्न नहीं मिल रहा

रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव कृषि उत्पाद मार्केटिंग कमेटी की निदेशक सुवर्णा जगताप ने कहा कि इस साल प्याज का उत्‍पादन  उत्पादन ज्‍यादा हुआ है. निर्यात शुल्क के कारण हमारा प्याज विदेशी बाजार में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रहा है, साथ ही किसानों को भी अच्छा मुनाफा (रिटर्न) नहीं मिल रहा है. उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और तमिलनाडु में प्‍याज की अच्छी फसल हुई है, इसलिए इस बार उत्‍पादन अच्‍छा हुआ है. 

28.88 मिलियन टन प्‍याज उत्‍पादन का अनुमान

हाल ही में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने बागवानी फसलों को लेकर पहले अग्रिम अनुमान में चालू फसल सीजन के दौरान जून में प्याज का उत्पादन 28.88 मिलियन टन रहने की बात कही है. एक साल पहले 24.27 मिल‍ियन टन प्‍याज उत्‍पादन हुआ था.  अभी बाजार में प्याज की मॉडल कीमतें 1,525 रुपये प्रति क्विंटल और लाल किस्म के लिए 1,570 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है. वहीं, केरल निर्यातकों के मंच ने कहा है कि वे अगले हफ्ते विदेश व्यापार महानिदेशालय और सरकार की ओर से बुलाई गई संयुक्त बैठक में एक्‍सपोर्ट ड्यूटी को हटाने की मांग करेंगे. 

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