एक बहुत ही फेमस गाना है ‘जब तक रहेगा समोसे में आलू’... इस गीत की लोकप्रियता से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे देश में समोसे की क्या अहमियत है. जी हां, गरमा गरम समोसे खाने का बहाना लोगों के पास जब पूछिए, मिल ही जाएगा. बच्चे, बूढ़े और जवान, समोसे का नाम आते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग इसे बड़े शौक से खाते हैं. दरअसल, समोसे की बात आज हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 5 सितंबर को विश्व समोसा दिवस है. ऐसे में आइए जानते हैं समोसे का इतिहास और क्यों मनाया जाता है ये दिवस.
समोसा असल में फारसी शब्द 'सम्मोकसा' से बना है. ऐसा माना जाता है कि समोसे की उत्पत्ति 10वीं शताब्दी से पहले मध्य पूर्व में हुई थी. यह 13वीं से 14वीं शताब्दी के बीच भारत में आया. लेकिन कहते हैं कि असल में यह भारत आए व्यापारियों के साथ ही आया. समोसे को अपने कुरकुरे बाहरी हिस्से और अंदर में भरे आलू के मसाले के जबरदस्त स्वाद के लिए पसंद किया जाता है.
समोसा मैदा, आलू और मसालों से तैयार किया जाता है. समोसे को लेकर तमाम तरह की कहानियां आज भी लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध है. कुछ कहानियों कि मानें तो समोसा मूल रूप से ईरान से भारत आया, तो दूसरी तरफ इसे लेकर ये भी कहानी है कि दसवीं सदी के दौरान महमूद गजनवी के दरबार में एक शाही पेस्ट्री पेश की जाती थी, जिसमें कीमा की स्टफिंग होती थी. यह काफी हद तक समोसे के जैसी दिखती थी, तो यहीं से समोसे का इजाद हुआ.
बात 16वीं शताब्दी के आसपास की है पुर्तगाली आलू लेकर भारत आए थे. इसके बाद यहां उसकी खेती होने लगी. जब आलू की खेती होने लगी तो आलू, हरी धनिया, मिर्च और मसालों को मिलाकर एक मसाला तैयार किया गया और फिर इसे समोसे में भरा गया. इसके बाद समोसे का स्वाद सभी को बेहद पसंद आया तब से ही लोगों की जुबान पर इसका स्वाद चढ़ गया और आज तक इसका स्वाद चढ़ा ही हुआ है. आलू समोसा केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है.
समोसे का कुरकुरा स्वादिष्ट बाहरी हिस्सा मैदा या गेहूं के आटे से बनाया जाता है, और इसके अंदर मटर, प्याज, सब्जियां, पनीर, मटन या चिकन भरकर डाला जाता है और फिर उन्हें सुनहरा भूरा होने तक डीप फ्राई किया जाता है. समोसा शाम के समय सड़क किनारे ठेलों पर मिलने वाला एक आम नाश्ता है. कभी-कभी, स्वाद बढ़ाने और नाश्ते में तीखा स्वाद जोड़ने के लिए समोसे के साथ पुदीना या धनिये की चटनी परोसी जाती है.