जीएम फसलों पर भारत ने अमेरिका को दे द‍िया जवाब, क्या होगी फाइनल ट्रेड डील?

जीएम फसलों पर भारत ने अमेरिका को दे द‍िया जवाब, क्या होगी फाइनल ट्रेड डील?

Trade Agreement: सूत्रों ने पुष्टि की है कि गेहूं, चावल, मक्का, डेयरी उत्पाद और आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी. भारत ने साफ तौर पर कहा है कि ये संवेदनशील क्षेत्र किसी भी व्यापार समझौते में सीमा से बाहर रहेंगे.

A US team is expected to visit India on June 5 or 6 for further discussions related to the proposed US-India Bilateral Trade Agreement (BTA), signalling continued momentum, the officials added.A US team is expected to visit India on June 5 or 6 for further discussions related to the proposed US-India Bilateral Trade Agreement (BTA), signalling continued momentum, the officials added.
क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 09, 2025,
  • Updated Jul 09, 2025, 2:59 PM IST

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ को 1 अगस्‍त तक के लिए बढ़ा दिया है. इसी बीच ऐसी खबरें भी आ रही है कि भारत ने अमेरिका के साथ एक मिनी डील का प्रस्‍ताव तैयार कर लिया है. सूत्रों की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारत ने जारी बातचीत के तहत एक प्रस्ताव रेडी किया है जिसे व्हाइट हाउस की तरफ से परख जा रहा है. बताया जा रहा है कि ट्रंप को अब इस व्यापार समझौते पर अंतिम फैसला ले सकते हैं. आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच कृषि और डेयरी क्षेत्र को लेकर अड़चनें हैं. भारत ने डेयरी सेक्टर और खासतौर पर जीएम फसलों को लेकर अपना रुख साफ कर द‍िया है. देखना यह है क‍ि अब अमेर‍िका के साथ फाइनल डील क्या होगी? 

200 डॉलर का नया प्रस्‍ताव 

एक मीडिया रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जो प्रस्‍ताव भारत की तरफ से अमेरिका को दिया गया है वह दोनों देशों के बीच करीब 150 से 200 अरब डॉलर के का है. ट्रंप प्रशासन की तरफ से इस डील के तहत अमेरिकी कंपनियों को मिलने वाले बाजार के पहुंच के स्तर का आकलन किया जा रहा है. अब गेंद अमेरिका के पाले में है कि वह या तो मौजूदा प्रस्ताव को स्वीकार करे या आगे बातचीत करे. हालांकि, इस समय भारत की ओर से कोई और रियायत दिए जाने की संभावना नहीं है. 

इन क्षेत्रों में हैं चिंताएं 

भारत ने अपनी प्रमुख चिंताओं, खासकर कृषि और डेयरी क्षेत्रों में मजबूत रुख बनाए रखा है. सूत्रों ने पुष्टि की है कि गेहूं, चावल, मक्का, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद और आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलों जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी. भारत ने साफतौर पर कहा है कि ये संवेदनशील क्षेत्र किसी भी व्यापार समझौते में सीमा से बाहर रहेंगे. एक और रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि दोनों पक्ष सौदे के मुख्य बिंदुओं पर सहमत हो गए हैं. इससे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. भारत ने अमेरिकी बाजार तक पहुंच बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के उद्देश्य से अपनी अंतिम शर्तें रखी हैं. 

भारत का अमेरिका को नो 

अमेरिका चाहता है कि भारत जेनेटिकली मोडिफाइड यानी जीएम फसलों को अपने कृषि बाजार में आने दे. भारत ने दृढ़ता से इसके लिए मना कर दिया है. भारत का कहना है कि ये फसलें किसानों को नुकसान पहुंचा सकती हैं और फूड सिक्‍योरिटी पर भी असर डाल सकती हैं. वहीं वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कर दिया है कि भारत के राष्‍ट्रीय हितों के साथ किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा. 

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