Jaggery Making: 12 सौ रुपये का मीटर बताता है कि किस गन्ने का रस गुड़ बनाने लायक है

Jaggery Making: 12 सौ रुपये का मीटर बताता है कि किस गन्ने का रस गुड़ बनाने लायक है

Jaggery Export गुड़ बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, फिर भी अगर कुछ छोटी-छोटी लेकिन बड़े ही काम की बातों पर ध्यान दिया जाए तो एक्सपोर्ट क्वालिटी का गुड़ बहुत ही कम संसाधन में ही तैयार किया जा सकता है. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के प्रोफेसर डॉ. महेश का. उनका कहना है कि पंजाब में आज की तारीख में करीब 1200 यूनिट गुड़ बनाने का काम कर रही हैं.

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नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • May 27, 2025,
  • Updated May 27, 2025, 11:34 AM IST

Jaggery Export मीठा है और देखने में अच्छा लग रहा है, गुड़ की सिर्फ यही पहचान नहीं है. मिठास देने के साथ ही ही गुड़ का काम पाचन क्रिया को दुरुस्त रखना भी है. न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की मानें तो गुड़ में ऐसी बहुत सारी चीजें हैं जो फल और सब्जियों में मिलती हैं. गुड़ में कैल्शियम और आयरन के साथ ही बड़ी मात्रा में विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं. लेकिन गुड़ में ये सभी चीजें एक साथ मिल जाएं ये भी कोई जरूरी नहीं है. क्योंकि ये सारी चीजें गुड़ में तभी रहती हैं जब गुड़ अच्छे गन्ने के रस से बनाया गया है. 

गुड़ बनाने के दौरान बहुत ज्यादा सावधानी बरती गई हो. अगर बनाने के दौरान ही बहुत सारी बातों को दरकिनार कर दिया गया तो एक-दो चीजों को छोड़कर गुड़ से कुछ भी हासिल नहीं होगा. पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) के एक्सपर्ट का कहना है कि गन्ने का रस किस तरह से निकाला गया है इस पर भी गुड़ की क्वालिटी टिकी होती है. 

गुड़ बनाने से पहले मीटर से जांच ले गन्ने की क्वालिटी 

प्रोफेसर डॉ. महेश का कहना है कि गुड़ के लिए जिस गन्ने की जरूरत होती है उसकी जांच खेत से ही शुरू हो जानी चाहिए. जैसे गुड़ के लिए ना तो कम पकी गन्ने की फसल की जरूरत है और ना ही ज्यादा पकी. यह जानने के लिए बाजार में एक हजार से 12 सौ रुपये तक का एक ब्रिक्स मीटर आता है. इस मीटर पर गन्ने  के रस की कुछ बूंदें डालिए. रस डालते ही मीटर पर आपको आसमानी और सफेद रंग दिखाई देगा. इसके साथ ही अगर मीटर रस की वैल्यू 20 या उससे ज्यादा बता रहा है तो समझिए कि इस गन्ने  का रस गुड़ के लिए सबसे बेहतर है. एक और खास बात यह कि जब खेत से गन्ने को लाएं तो उसे खुले में यानि धूप में न रखें. इससे हर एक घंटे पर गन्ने में से दो फीसद सुक्रोज का लॉस होता है. यह गुड़ के लिए नुकसानदायक होता है. इसलिए बेहतर यही होगा कि हम खेत से लाए गए गन्ने को काटने के 24 घंटे के अंदर ही रस बनाने में इस्तेमाल कर लें. 

पकाने से पहले जरूर करें रस की जांच 

डॉ. महेश ने बताया कि गन्ने का रस निकालने के बाद उसमे मौजूद सुक्रोज को ग्लूकोज और फ्लोक्टोज में न बदलने दें. इसके लिए फिटकरी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए मीटर से पीएच की जांच भी की जा सकती है. रस की पीएच वैल्यू 6.4 से 6.8 होनी चाहिए. यह भी पता करते रहना चाहिए कि रस गुड़ के लायक पूरी तरह से पका है या नहीं. हालांकि अभी तक लोग अपने अंदाज से इसका पता लगा लेते हैं. लेकिन यह तरीका सही नहीं है. अब बाजार में कई तरह के मीटर मौजूद हैं. अगर मीटर पके हुए रस का तापमान 114 डिग्री बताता है तो जान लिजिए कि रस गुड़ बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. ध्यान रहे कि चीनी के लिए रस का तापमान 121 डिग्री चाहिए होता है. 

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