पंजाब में जीएम मक्का पर बवाल, एक्टिविस्‍ट्स बोले, NoC वापस ले सरकार, यूनिवर्सिटी ने कहा-ट्रायल्‍स तो हम करेंगे 

पंजाब में जीएम मक्का पर बवाल, एक्टिविस्‍ट्स बोले, NoC वापस ले सरकार, यूनिवर्सिटी ने कहा-ट्रायल्‍स तो हम करेंगे 

जून में अपनी मीटिंग में कमेटी ने इस साल के खरीफ मौसम के लिए लुधियाना स्थित यूनिवर्सिटी में हर्बसाइड टॉलरेंट ट्रांसजेनिक मक्का और कीट-प्रतिरोधी ट्रांसजेनिक मक्का पर सीमित क्षेत्र ट्रायल्‍स के लिए बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के प्रस्ताव की सिफारिश की थी. एक्टिविस्‍ट्स ने इस कदम पर चिंता जताते हुए इसका विरोध किया है और यूनिवर्सिटी के कुलपति ने उनकी चिंताओं को सिरे से खारिज कर दिया है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi,
  • Jul 16, 2025,
  • Updated Jul 16, 2025, 1:41 PM IST

पंजाब एग्रीकल्‍चर यूनिवर्सिटी में चालू खरीफ (गर्मी) सीजन में दो प्रकार के जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) मक्का का फील्‍ड ट्रायल शुरू होने की उम्मीद है. देश में इस क्षेत्र के टॉप रेगुलेटर जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रेजल कमेटी को पंजाब सरकार की तरफ से इसके लिए अनुमति मिल चुकी है. अब इसके बाद कमेटी ने ट्रायल्‍स के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. वहीं इन ट्रायल्‍स पर एक्टिविस्‍ट्स ने चिंता जताई है. 

क्‍या-क्‍या होगा ट्रायल्‍स में 

अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार जून में अपनी मीटिंग में कमेटी ने इस साल के खरीफ मौसम के लिए लुधियाना स्थित यूनिवर्सिटी में हर्बसाइड टॉलरेंट ट्रांसजेनिक मक्का और कीट-प्रतिरोधी ट्रांसजेनिक मक्का पर सीमित क्षेत्र ट्रायल्‍स के लिए बायर क्रॉप साइंस लिमिटेड के प्रस्ताव की सिफारिश की थी. जो ट्रायल्‍स इसके लिए होंगे उनमें ग्लाइफोसेट-के सॉल्‍ट के प्रयोग से शाकनाशी-टॉलरेंट मक्का हाइब्रिड में खरपतवार नियंत्रण की प्रभावकारिता और टारगेटेड लेपिडोप्टेरान कीटों के विरुद्ध कीट-संरक्षित मक्का हाइब्रिड की इफेक्टिविटी पर रिसर्च की जाएगी. यूनिवर्सिटी के कुलपति सतबीर सिंह गोसल के हवाले से अखबार ने बताया कि मक्का बोने का यह सही समय है, इसलिए फील्‍ड ट्रायल्‍स भी जल्द शुरू होंगे. 

'रिसर्च करना हमारा काम'  

हालांकि एक्टिविस्‍ट्स ने इस कदम पर चिंता जताते हुए इसका विरोध किया है. गोसल ने उनकी चिंताओं को सिरे से खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी का फसल के कमर्शियलाइजेशन के फैसले में भी कोई भी योगदान नहीं है. उसकी जिम्‍मेदारी सिर्फ रिसर्च तक की है और इसके तहत ही जीएम मक्का पर फील्‍ड ट्रायल्‍स होंगे. उन्‍होंने कहा, 'पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में हमारे पास जरूरी इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर है, सुविधाएं और एक्‍सपर्ट्स हैं और इसलिए ही ट्रायल्‍स जारी रख रहे हैं. हमें यह समझना होगा कि जब तक हम मामले पर रिसर्च नहीं करेंगे, हमें पता नहीं चलेगा कि यह अच्छा है या बुरा. ये ट्रायल्‍स सिर्फ रिसर्च के मकसद से हैं.  हम यह सिफारिश नहीं करने जा रहे हैं कि जीएम मक्का को व्यावसायिक तौर पर उगाया जाना चाहिए या नहीं. यह केंद्र सरकार का फैसला होगा.' 

क्‍यों हो रहा है इसका विरोध 

सुरक्षित और टिकाऊ कृषि की वकालत करने वाले एक मंच, जीएम-फ्री इंडिया गठबंधन ने पंजाब सरकार से ट्रायल्‍स के लिए अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) वापस लेने का अनुरोध किया है. पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां को लिखी एक चिट्ठी में गठबंधन की सह-संयोजक कविता कुरुगंती ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्लाइफोसेट के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है. ग्लाइफोसेट एक खतरनाक हर्बसाइड है जिसके बारे में साइंस के लिट्रेचर में भी जिक्र है और इसे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए नकारात्मक प्रभावों वाला बताया गया है. साल 2018 में, पंजाब सरकार ने ग्लाइफोसेट की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. ग्लाइफोसेट एक हर्बसाइड है जिसका प्रयोग राज्य में करीब सभी फसलों में विभिन्न प्रकार के खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. 

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